बातों ही बातों में मनप्रीत को यह पता चल जाता है ।कि शिवांश पहले से शादीशुदा था ,और उसकी पहली पत्नी के मरने के बाद उसने नैना से शादी की और आरव उसकी पहली पत्नी का ही बेटा है।
लेकिन जिस तरह से नैना आरव का ध्यान रखती है ,उसे देखकर कोई कहीं नहीं सकता था, की आरव नैना और शिवांश का बेटा नहीं है।
खाना तैयार करने के बाद मनप्रीत अपने खुशनुमा अंदाज में सबको डाइनिंग टेबल पर बुलाता है। और खाना लगाकर कोमल से सबको सर्व करने के लिए कहता है।
कोमल सब को खाना देती है तो मनप्रीत कोमल तरफ मुंह करते हुए कहता भोजपुरी में कहता है, की तुमहू खाना खाई बाड़ू, कोमल बिना कुछ बोले मुंह बिचका देती है।
और नैना के बगल वाली कुर्सी पर बैठ जाती है खाना वाकई बहुत स्वादिष्ट है ।खाना खाते हुए शिवांश नैना से कहता है नैना बस हां मे सिर हिलाती है।
तभी मनप्रीत के मोबाइल पर किसी का फोन आता है । नैना खाना खाने के बाद डाइनिंग टेबल साफ करती रहती है।
,मनप्रीत अपना फोन दिखाते हुए कहता है हमारे वकील साहब का फोन है ,और बालकनी की ओर जाकर बात करने लगता है।
तभी कोमल नैना के पास आकर कहती है ।कि मुझे यह आदमी कुछ ठीक नहीं लग रहा है ,इतना बड़ा केक इसकी वजह से डस्मेंटबिन चला गया इसे यहां से जल्दी रवाना करो मैडम वरना जाने क्या-क्या करेगा??
कोमल नैना से कहती है, मैं तो अब जा रही हूं अपने घर आप संभाल लीजिएगा ???और मैंने जो कहा इस बात पर ध्यान जरूर दीजिएगा,,,,
कोमल अपने घर जाने लगती है तभी दौड़ते हुए मनप्रीत नैना से पूछता है ,अरे मेरी सेनोरिटा चली गई क्या???
नैना बोली हां कोई काम था आपको कोमल से?? नहीं वह तो मैं ऐसे ही पूछ रहा था ।और हां मैडम मेरे वकील का फोन आया था वह नीचे ग्राउंड में मेरा वेट कर रहे हैं मैं उनसे मिलकर आता हूं,,,
फिर आरव की ओर देखते हुए कहता है मनप्रीत मामा अभी बस थोड़ी देर में ही आते हैं ,आरव खुश होकर मुस्कुरा देता है।
मनप्रीत के जाते ही नैना गुस्से से शिवांश से कहती है इतने दिनों से मैं वेडिंग एनिवर्सरी प्लान कर रही हूं पता है ।कितनी एक्साइटिड थी मैं इस आदमी ने सब बिगाड़ दिया नैना की बातें सुनकर शिवांश मुस्कुरा देता है।
नैना इरिटेट होते हुए कहती है तुम्हें हंसी आ रही है इस बात पर?? उस आदमी के साथ एक एक सेकंड मैंने कैसे गुजारे हैं ही मैं ही जानती हूं,,,,
उफ !कहते हुए अपना हाथ सिर पर पीटकर कहती है। जब तक इसे एयरपोर्ट छोड़ नहीं दूंगी तब तक मेरे दिल को चैन नहीं पड़ेगा,,,
शिवांश नैना को समझाते हुए कहता है, अरे! रहने दो ना छोड़ो नैना बोली क्या छोड़ो?? हमारी वेडिंग एनिवर्सरी पर हम उसका लाया हुआ केक काटे ???
शिवांश बोला अरे! जो हुआ सो हुआ उन्होंने कोई चीज जानबूझकर तो नहीं की कुछ भी हो वह हमारे गेस्ट हैं! कुछ देर में वह निकल ही जाएंगे तो इतना क्या फील करना,??,,
नैना शिवांश के नजदीक आकर उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में लेकर कहती है ।इस दुनिया में तुम्हारे और आरव के अलावा मेरा कोई नहीं है ।
इसलिए छोटी छोटी खुशियां मेरे लिए बहुत मायने रखती हैं ,तुम यह कह सकते हो इस मामले में मैं थोड़ा सेल्फिश हूं शिवांश नैना को गले लगा लेता है। आरव दौड़कर आता है और दोनों को गले लगा लेता है।
फिर नैना फोन पर शिवांश और आरव के साथ सेल्फी खींचती हैं, कुछ ही देर में फिर से डोरबेल बजती है। आरव दौड़कर दरवाजा खोल देता है।
क्योंकि इस बार उसे अच्छे से पता था कि मनप्रीत मामा ही होंगे ।मनप्रीत अंदर आते ही शिवाश सोफे से उठ कर खड़ा होने लगता है।
मनप्रीत उसे बैठाते हुए कहता है। अरे बैठिए वैसे भी आपके पैर में चोट है, क्या हुआ है ??मनप्रीत की ओर देखते हुए शिवांश ने कहा ,,,,
मनप्रीत बोला फाइनली मेरा फ्लैट बिक ही गया, यह कहते हुए मनप्रीत नोटों से लपेटा हुआ पैकेट मेज पर रख देता है।
मनप्रीत बोला बेचारे मेरे पापा एक बार भी फ्लैट पर नहीं रह पाए परलोक सिधार गए ,,,,और अपने हाथ ऊपर की ओर जोडते हुए
कहता है पापा जी सब ठीक है।
तभी नैना कॉफी का मग लिए शिवांश और मनप्रीत के पास आती है और शिवांश को पकड़ते हुए पूछती है ।कि सर आपके लिए भी कॉफी लाऊं ???
मनप्रीत बोला नहीं कॉफी नहीं चाहिए बस मुझे मैडम आपकी मदद चाहिए।
हम सुबह जिस रजिस्टार ऑफिस में गए थे वहां एक बार और जाना पड़ेगा वहीं पर वकील का ऑफिस है ,आज सुबह हम जिस वकील से मिले थे उन्हें यह पैसे देना है । नैना बोली मतलब की वकील साहब नहीं आ रहे है??
नहीं वकील नहीं आ रहा है और मैं उसके पास जा नहीं पाऊंगा क्योंकि मुझे एसोसिएशन के पास जाकर मेंटेनेंस बिल बिजली का बिल यह सब देना है यह सारी चीजें क्लियर करके सेट करना है।
नैना जैसे ही यह पैसे आप वकील को देकर वापस आओगी मैं अपना काम निपटा कर नीचे बेसमेंट में आपका इंतजार करूंगा ,
वैसे भी 7:30 बजे की मेरी फ्लाइट है ,तो क्या आप मुझे सात बजे तक पहुंचा देंगी ,??नैना ने हां में सिर हिलाया और नैना कहती है, "ओके सर "और पैसे का पैकेट मेज पर से अपने हाथ में उठाकर खड़ी हो जाती है।
मनप्रीत शिवांश से कहता है, और हां पैर ठीक होने के बाद आप सब लोगों को पंजाब आना होगा, वेकेशन के लिए पूरा खर्चा मेरा होगा मस्त एंजॉय करेंगे,,,,
यह कहकर। मनप्रीत आरव को गोद में उठा लेता है ।आरव गले लग कर कहता है बाय मनप्रीत अंकल मनप्रीत मुस्कुराते हुए चला जाता है। शिवांश और आरव मनप्रीत से बाय बोलते हैं।
नैना अपनी गाड़ी और वह पैसा लेकर रजिस्टार ऑफिस के लिए निकल पड़ती है, रजिस्टार ऑफिस पहुंचने पर अचानक पीछे से ,,
उसे उसी वकील ने आवाज दी जिससे सुबह मनप्रीत ने मिलाया था ,नैना पलटी और कहने लगी अरे "सर "आप ही से मिलने आई थी।
यह मनप्रीत सर ने दिया है आपको देने के लिए वकील लिफाफा खोल कर देखता है और पैसे रखते हुए कहता है सर नहीं आए क्या?? नैना बोली में कुछ जरूरी काम करना था।
वकील नैना से कहता है। जितना अच्छा आदमी तुम मनप्रीत को समझती हो, वो इतना अच्छा आदमी नहीं है। वह "राक्षस" है,,,,,,
"राक्षस "तुमने देखा ना जब उसके पास पैसा गया तभी उसने तुम्हारे हाथ से मुझे कैश भिजवाया इसीलिए मैं उसे एक बुद्धिमान राक्षस कहता हूं ,,,,,
ऐसा नहीं कि उसके पास पैसे नहीं थे पैसे दे सकता था लेकिन उसने नहीं दिए , पहले नैना आश्चर्य से वकील की ओर देखती है फिर हंसते हुए वकील से कहती है।
मुझे उन्हें अब भी छोड़ना है तो मैं निकल रही हूं वकील बोला चाय तो पी लो,, नैना बोली नहीं अभी लेट हो जाऊंगी और सर को एयरपोर्ट भी छोड़ना है ।
इतनी ज्यादा ट्रैफिक रहती है ,थोड़ा पहले निकलना पड़ेगा यह कहकर नैना अपनी कार र्स्टाट करके अपने सोसायटी की ओर वापस आती है।
क्या होगा ??जब नैना वापस आएगी क्या सच?? में मनप्रीत ने नैना को फंसा दिया? वकील ने मनप्रीत को राक्षस क्यों कहा??? जानने के लिए पढ़ते रहिए,,,,