अब तक नैना को काफी देर हो चुकी थी, वह चाह कर भी मनप्रीत अपना पीछा नहीं छुड़ा पा रही थी, जैसे ही नैना ने जूस का गिलास खत्म किया मनप्रीत नैना से कहता है।
एक एक गिलास जूस और हो जाए? नैना बोली नहीं सर मेरा तो हो गया और फिर थोड़ा आगे बढ़ कर अपनी दोस्त रुचि को कॉल लगा कर कहती है।
यार ,यह तूने मुझे कहां फंसा दिया?? राजकुमार सर के गेस्ट का तो पूरे दिन का प्रोग्राम है।
और तुझे तो पता है कि आज मुझे घर जल्दी जाना है, तूने कल कॉल करके मुझे बताया क्यों नहीं? वरना मैं सर से छुट्टी ले लेती,
रुचि नैना से कहती है ,अच्छा यह बता तू इस समय कहां है ??नैना बोली कचहरी में हूं, कचहरी में पर तू वहां क्या कर रही है??
वही तो मिस्टर मनप्रीत सर को यहां काम था तो मुझे उन्हें लेकर आना पड़ा,
रूचि बोली तू टेंशन ना ले और मुझे अपनी लोकेशन सेंड कर मैं अभी के अभी दूसरी कैब मंनप्रीत सर के लिए भेज रही हूं, और हां तुझे देर हो रही है तो तू घर निकल जा राजकुमार सर से मैं बात कर लूंगी,
नैना खुश होते हुए फोन पर रुचि से कहती है, "थैंक यू सो मच यार" ठीक है मैं निकलती हूं रुचि नैना के भेजे हुए एड्रेस पर मनप्रीत के लिए दूसरी कैब भेजती है।
लेकिन तब तक मनप्रीत नैना के पास आता है ,और कहता है।
मैं भी तुम्हारे साथ तुम्हारे घर चल रहा हूं, अपने हाथों से यह केक शिवांश जी को दूंगा तो वह काफी खुश हो जाएंगे नैना मनप्रीत को देखते हुए कहती है ।
लेकिन सर आप ?मनप्रीत बोला अब तुम यह सोच रही होगी कि बिना बुलाए में किसी के घर कैसे जा सकती हूं। तो तुम्हें यह सब सोचने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मैं ऐसा ही हूं और फिर तुम कौन सी गैर हो तुम मेरी अपनी ही तो हो,,,,,
नैना को मन ही मन थोड़ा डर का एहसास होता है ।और वह थोड़ा तेज आवाज में मनप्रीत कहती है, सर आप कहना क्या चाहते हैं???
मनप्रीत बोला अरे !मैं अपना फ्लैट देखने गोल्फ सिटी सेंटर तो जाऊंगा ही तो अपने हाथों से यह केक शिवांश जी
को दे दूंगा, और इसी बहाने मेरा थोड़ा समय व्यतीत हो जाएगा वरना मैं इधर-उधर कहां भटकता रहूंगा,,,
वैसे तुम्हें देखकर लग रहा है तुम मेरे चलने से खुश नहीं हू
नैना ना चाहते हुए भी कहती है, नहीं "सर" ऐसी कोई बात नहीं है ।मनजीत बोला तो फिर चलो गोल्फ सिटी सेंटर अब नैना बिना कुछ बोले मन ही मन गुस्सा होते हुए गाड़ी स्टार्ट करती है।
गाड़ी में बैठते ही मंनप्रीत लगातार नैना से शिवांश और आरव के बारे में बातें करता रहता है। जिससे उसे काफी कुछ बातें पता चल जाती है।
गाड़ी गोल्फ सिटी सेंटर पहुंच जाती है, नैना गाड़ी से उतर कर मनप्रीत से कहती है ।चलिए सर,,, मंनप्रीत खुश होते हुए बोला अरे! मैं ये केक तो ले लूं ,
मनप्रीत गाड़ी से केक निकाल नैना के पीछे पीछे जाने लगता है , तभी कुछ सोचते हुए वह नैना से बोला तुम जाकर अपने। पति को तब तक मेरे बारे में बताओ तब तक मैं अपने फ्लैट को देखकर अभी आता हूं ,,
क्या होगा जब सामने,,,,, होगे मनप्रीत और शिवांश और क्या करेगी नैना। ,,,, जानने के लिए पढ़ते रहिए प्यार का प्रतिशोध,,,,,,,,, क्रमशः