तभी पुलिस एक वकील को पकड़कर ले आती है और नैना के सामने खड़ा करती है। और पूछती क्या तुम इन्हें नहीं जानती हो ??नैना उसे देखते हुए कहती है नहीं मैं नहीं जानती तो मिस्टर मेहरा उस वकील से कहते हैं सर प्लीज आप अपना परिचय दीजिए
तो वकील ने अपना नाम बताया जिसे सुनते ही नैना चीखने लगी नहीं यह वह वकील नहीं है।सर मैं सच कह रही हूं, यह वह एडवोकेट नहीं है।
सौम्या की ओर देखते हुए कहती है।मैडम मैं सच बोल रही हूं मेरा विश्वास करिए ??मैडम प्लीज मेरा विश्वास करिए सर प्लीज मेरा विश्वास करिए मैं सच कह रही हूं
नैना की इस बात पर इंस्पेक्टर मेहरा अपनी नजर झुका लेते हैं वह चाहते थे नैना की मदद करना लेकिन नहीं कर पाते क्योंकि सारे सबूत नैना के खिलाफ रहते हैं नैना खूब रोती है।
इंस्पेक्टर मेहरा नैना से कहते हैं कि मैंने तुम्हारे लिए फ्लाइट की पैसेंजर लिस्ट पूरी चेक की उसमें मनप्रीत सिंह नाम का कोई आदमी ना तो आया ना ही कभी गया यह सुनकर नैना रोते रोते अपना सिर मेज पर रख देती है।
तभी इंस्पेक्टर सौम्या उसे डांटते हुए कहती हैं अपने पति शिवांश हत्या तुम्हीं ने की है । अब बताओ कि उसके बच्चे का तुमने क्या किया? कहीं रखा है।
या उसे भी मार दिया, नैना रोते हुए कहती है।नहीं,, नहीं ,,नहीं,, नैना बहुत बुरी तरह रोती रहती है क्योंकि अब उसे अच्छी तरह पता चल जाता है कि वह फंस चुकी है।
इंस्पेक्टर मेहरा और इंस्पेक्टर सौम्या नैना को छोड़कर बाहर आते हैं। सौम्या इंस्पेक्टर मेहरा से कहती है ।सर सारे सबूत इस लड़की के खिलाफ है।
लेकिन फिर भी मुझे कहीं ना कहीं यह लड़की बेकसूर नजर आती है। क्योंकि मेरे इतना पूछने पर भी इसकी बॉडी लैंग्वेज सच्चाई ही बयान कर रही थी, मिस्टर मेहरा बोले जानता हूं पर हम कर भी क्या सकते हैं।
नैना को गाड़ी में बैठाकर पुलिस वाले लॉकअप की ओर ले जाते रहते है ।तभी जैसे ही सुनसान मोड़ आता है पुलिस की गाड़ी को सामने से किसी जीप ने टक्कर दी ।
और अचानक से उसमें ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगी पुलिस वाले बंदूक लेकर उनका सामना करते हैं, फिर अचानक से नैना गोलियों की आवाज सुनकर अपने कानों को दबा कर बैठ जाती है।
पुलिस वाले से कहते हैं सर नीचे कर लो नहीं तो तुमको गोली लग जाएगी और अपनी अपनी बंदूक लेकर उन लोगों से लड़ने लगते हैं।
तभी जीप से अचानक एक आदमी निकला जिसने अपने मुंह पर काला कपड़ा बांध रखा था ,सिर्फ उसकी आंखें दिखाई दे रही थी नैना की कनपटी पर बंदूक लगाते हुए नैना को पुलिस की वैन से उतार कर अपनी गाड़ी में बैठा लेता है।
और नैना को लेकर जीप बहुत तेज गति से आगे बढ़ जाती है। पुलिस वाले पीछे से बस फायरिंग करते रहते हैं, थोड़ी देर पीछा भी करते हैं।
लेकिन जीप इतनी तेज गति से रहती है कि वह उसे पकड़ नहीं पाते जीप सीधे एक बड़े से फॉर्म हाउस में रूकती है ,जहां पहुंचते ही नैना डरी सहमी हुई नजर नहीं आती बल्कि वह कुछ अलग ही नजर आती है।
थोड़ी देर शांति से बैठकर शराब पीते हुए नैना चारों ओर देखती है ।फिर जो नैना को लेकर आया था वह अपने मुंह से कपड़ा हटाते हुए नैना से कहता है।
सॉरी मैडम आने में थोड़ा टाइम लग गया नैना बिना कुछ बोले बस उसको घूर कर देखती है।
तभी अचानक से कोई दरवाजा खटखटाता है ,सब लोग नैना की तरफ देखने लगते हैं ।नैना इशारे से दरवाजा खोलने को कहती है ,एक आदमी दरवाजे के पास जाकर जैसे ही दरवाजा खोलता है ।
किसी ने उसके मुंह पर जोर से लात मारी वह जाकर नीचे गिरा यह देखकर नैना घबरा जाती है।
जैसे ही नैना उस आदमी को देखती है वह चौंक कर खड़ी हो जाती है। क्योंकि वह आदमी कोई दूसरा नहीं बल्कि मनप्रीत सिंह ही रहता है। नैना अपने आसपास चारों ओर गिरे हुए ब्लैक कैट कमांडो को इशारा करती है।
उसके इशारे पर चार पांच लोग मनप्रीत सिंह के ऊपर टूट पड़ते हैं ।मनप्रीत बहुत गौर से नैना को देखता है और फिर उन लोगों की जमकर पिटाई करता है ।नैना चुपचाप खड़ी सब तमाशा देखती रहती है।
अपने आदमियों को इस तरह पीटते देख लेना गुस्से से मनप्रीत की ओर आगे बढ़ती है ।अभी तक जो नैना बेचारी और इनोसेंट सी लग रही थी।
अचानक से हो इतनी खूंखार कैसे हो गई?? मनप्रीत के ऊपर फिर उसके आदमियों ने हमला कर दिया मनप्रीत उन लोगों से लड़ाई करने लगता है नैना चुपचाप खड़ी होकर देखती रहती है।
नैना मनप्रीत को गुस्से से घूरती रहती है ।तभी एक आदमी जीप लिए हुए आता है जिसने अपने मुंह पर काला कपड़ा डाला रखा था ,और वह ताबड़तोड़ गोलियां चला देता है नैना मौका पाकर उसी जीप से फरार हो जाती है।
इधर इंस्पेक्टर सौम्या और इंस्पेक्टर मेहरा को डीआईजी आलोक अपने रूम में बुलाते हैं। डीआईजी इंस्पेक्टर मेहरा और सौम्या से कहते हैं।
कि मुझे पता है आप दोनों काफी कन्फ्यूज हैं, तो इसकी सफाई देते हुए मिस्टर मेहरा बोले सर आपने जैसा कहा हमने वैसा ही किया नैना वाले केस में,
सर वह लड़की सच में निर्दोष है ।बिचारी बहुत रो रही थी मैं मानता हूं कि सारे सबूत उसके खिलाफ हैं। लेकिन वह लड़की सच कह रही थी, उसने अपने पति शिवांश का खून नहीं किया
डीएसपी आलोक दोनों इंस्पेक्टर से कहते हैं, आप मेरे साथ आइए मैं आपको कुछ दिखाना चाहता हूं
और डीजीपी दोनों इंस्पेक्टर से कहते हैं ।मुझे भी इस केस के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। मेरे पास तो क्राइम ब्रांच वालों का प्रेशर था।
इसलिए मैंने आप लोगों को जांच पर लगा दिया इंस्पेक्टर मेहरा बोले सर हमने कुछ जानकारी हासिल की है ।जिसमें बार-बार एक ही व्यक्ति मनप्रीत सिंह पर हमारी सुई अटक जाती है ।
इंस्पेक्टर के इतना कहने पर डीजीपी चौंकते हुए कहते हैं क्या मनप्रीत सिंह???
तभी अचानक एक आदमी वहां आता है उससे डीजीपी कहते हैं ,सॉरी मिस्टर मनप्रीत सिंह ,,हमसे गलती हुई है डीजीपी बताते हैं आप जिसे ढूंढ हैं।
यह वह मनप्रीत सिंह नहीं है, यह है असली मनप्रीत सिंह यही नैना की कंपनी के टैक्सी ओनर है जिसमें नैना काम करती है।
इनके नाम का तो बस यूज़ किया गया है क्योंकि मिस्टर सुब्रमण्यम क्राइम ब्रांच के बहुत बड़े अधिकारी हैं उन्होंने कुछ दिनों के लिए इनका नाम और आईडी यूज की है एडिशनल डायरेक्टर ऑफ क्राइम ब्रांच आज वह हमसे मिलने आ रहे हैं
तभी एक काले रंग की गाड़ी और उसके पीछे चार पांच गाड़ियां आती है। उसमें से वही क्राइम ब्रांच के एडिशनल डायरेक्टर अपनी पूरी टीम के साथ आते हैं जो मनप्रीत बनकर नैना से मिले थे।
उन्हें देखते ही डीजीपी उनका वेलकम करते हैं और घड़ी देखते हुए कहते हैं ऑन द टाइम बहुत तेज है सर आप,,,,
फिर मनप्रीत को देखकर सुब्रमण्यम कहते हैं मनप्रीत भाई आप यहां कैसे?? मनप्रीत बोले आपकी पुलिस बहुत ही स्मार्ट है, आखिर मेरे को ढूंढ ही लिया डीजीपी की ओर देखकर मनप्रीत मुस्कुरा देता है ।
सुब्रह्मण्यम इंस्पेक्टर से कहते हैं मुझे भी आप सबको सॉरी कहना है मैंने आपको बहुत तकलीफ दी, फिर अचानक से डीजीपी की ओर देखते हुए कहते हैं, थैंक यू वेरी मच मेरा साथ देने के लिए,,,
मिस्टर सुब्रमण्यम सब को बताते हैं कि पिछले 2 सालों से हम एक केस के पीछे पड़े थे वन ऑफ द मोस्ट विलेन क्राइम तीन स्टेट में तीन इंसानों के कत्ल हुए थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मरने की वजह नेचुरल हार्ट अटैक और इन तीनों में काफी समानताएं थी मरने वाले तीनों पुरुष ही थे और इन तीनों की मौत उनकी फर्स्ट वेडिंग एनिवर्सरी वाले दिन ही हुई थी ।
और इन तीनों में कॉमन फैक्टर क्या है? पता है यह तीनों ने काफी बड़े अमाउंट इंश्योरेन्स क्या रखे थे।
साथ ही इन तीनों की बीवियों ने इंश्योरेंस क्लेम भी किया था
लेकिन क्लेम मिलने के बाद वह किसी की नजर में नहीं आई गायब हो गई ??क्लेम फाइल करने वाले ऑफिसर को शक हुआ तो उससे हमारी समझ में आया कि यह सब जो कुछ भी हो रहा है ।
यह एक बड़ा इंश्योरेंस क्राइम है इस केस को अपने हाथ में लिया और मरने वालों की पत्नियों के नाम उनके एड्रेस उनकी आईडेंटिटी उनकी सारी डिटेल्स हासिल की जिसे देखकर हमारे होश उड़ गए,,,
आखिर क्या है वह डिटेल्स जिसको देखकर क्राइम ब्रांच के अधिकारी सकते में आ गए और पुलिस वालों के साथ मिलकर उन्होंने ऐसा प्लान किया जानने के लिए पढ़ते रहिए प्यार का प्रतिशोध। क्रमशः