shabd-logo

Page 2 रंग बिरंगा सपना देखे

17 दिसम्बर 2021

38 बार देखा गया 38

रंग बिरंगा सपना देखे।

सपने में भी सपना देखे।

वो इक गुड़िया नन्ही प्यारी

सारे जग को अपना देखे।


रिमझिम रिमझिम बूँदें देखे।

बादल देखे बरखा देखे।

चमचम चमचम बिजली देखे,

छुपकर माँ के अँचरा(आँचल) देखे।


दिन को देखे रातें देखे।

सूरज देखे चंदा देखे।

धूप कहीं तो चंद्रप्रभा है

रात औ दिन को उजला देखे।


इन्द्रधनुष या पुच्छल तारे।

सतरंगा और रुपहला देखे।

सुरज किरणें चाँद का जादू।

दिन रातों का बनना देखे।


फूलों को वो खिलता देखे।

जब तितली को उड़ता देखे।

बाग बगीचे वन उपवन में,

मन को अपने बहता देखे।


सागर सीमा हीन वो देखे।

पर्वत हिम का गिरना देखे।

पंछी कलरव घन जंगल का

उनका नभ में उड़ना देखे।


हाथ गगन को छूना देखे।

बचपन का मुस्काना देखे।

नदिया झरने ताल तलैया।

सबका कलकल बहना देखे।


खेल तुझे है अच्छे लगते।

रेल  का झुकझुक चलना देखे।

इंजन सीटी खूब बजाये।

सबका पीछे जाना देखे।


आया बाइसकोप पुकारे।

इक खिड़की जग सारा देखे।

मन उसका है मान न पाये।

जितना चाहे उतना देखे।


बाँह पसारे माँ आ जाये।

चेहरे की  तब ममता देखे।

नन्ही शैतानी पर उसकी,

पा का प्यार जताना देखे।


परियाँ उतरें जब धरती पर।

मुस्कानों का खिलना देखे।

नन्हे नन्हें चेहरे पर उसके,

इक विश्वास अनोखा देखे।


बाल जगत को समझा जिसने।

ऐसे नेहरू चाचा देखे।

रंग बिरंगा सपना देखे,

जिसमें बचपन अपना देखे।


रंग बिरंगा सपना देखे।

सपने में भी सपना देखे।

वो इक गुड़िया नन्ही प्यारी,

सारे जग को अपना देखे।

17
रचनाएँ
रचना संसार
0.0
यह मेरी मौलिक कविताओं का संकलन है जिसयें जीवन के विविध भावों और और रंगों का समावेश विभिन्न काव्य विधाओं में करने.का एक लघु प्रयास है।
1

Page 1 बचपन के ठाँव

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>बचपन के ठाँव</p> <p><br></p> <p>पचपन के पाँव चले बचपन के ठाँव हैं।</p> <p>ढूँढ़ने वही बरगद उसकी घन

2

Page 2 रंग बिरंगा सपना देखे

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>रंग बिरंगा सपना देखे।</p> <p>सपने में भी सपना देखे।</p> <p>वो इक गुड़िया नन्ही प्यारी</p> <p>सारे

3

Page 3 कान्हा

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>कान्हा</p> <p><br></p> <p>कान्हा रे.......कान्हा , कान्हा रे.........रे कान्हा।</p> <

4

Page4 कोई हारा न हुआ

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>कोई हारा न हुआ</p> <p><br></p> <p>रौशनी का हमको एक इशारा न हुआ।</p> <p>सच रहा स

5

Page 5 प्राणवायु

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>प्राण वायु </p> <p><br></p> <p>हवा का एक रूप प्राणवायु</p> <p>बिना जिसके शून्य आयु</p> <p>ढू

6

Page6 चंबल

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>चंबल</p> <p><br></p> <p>बीहड़ है जंगल है, नदिया का प्रसरित अंचल है।</p> <p>अदभुत सी धरती काँटों का

7

Page 7 भोर का सूरज

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>भोर का सूरच </p> <p><br></p> <p>इक नई उम्मीद लाया है।</p> <p>भोर सूरज फिर से आया है।।</p> <p

8

Page8 आग़ाज होगा

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>आगाज़ होगा</p> <p><br></p> <p>चुप हैं सभी, मरे से लगते हैं।</p> <p>चेहरे सभी, डरे से लगते है

9

Page 9 आवरण

17 दिसम्बर 2021
0
1
0

<p>आवरण</p> <p>जब ओढ़ रखा हो, स्वार्थ का आवरण,</p> <p>सँवरेगा फिर कैसे धरा का पर्यावरण।</p> <p>पेड़ों

10

Page 10 असहिष्णुता

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>असहिष्णुता</p> <p><br></p> <p>असहिष्णुता के बीज जो बो दिए हैं तुमने।</p> <p>श़ज़र बनने से उननको मै

11

Page 11 बन जाना इक बच्चा है

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>बन जाना इक बच्चा</p> <p>चारों ओर है दर्दो-ओ-मुश्किल।</p> <p>फिर भी अच्छा अच्छा है।</p> <p>खुशियों

12

Page 12 उधार

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>उधार</p> <p><br></p> <p>लिखते है जो मिले नही वैसे।</p> <p>लेकर वापिस किये नही पैसे।</p> <p>बड़े अज

13

Page13 तबतक मन पक्का रखें

17 दिसम्बर 2021
1
1
0

<p>तबतक मन पक्का रखें</p> <p><br></p> <p>लौटा फिर तूफान है।</p> <p>जाने किस पैमान है।</p> <p>मुश्किल

14

Page 14.आदमी

17 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>आदमी</p> <p><br></p> <p>एक आदमी में दो दो आदमी</p> <p>कहो,</p> <p>अंदर कौन आदमी</p> <p>और</p> <p>

15

Page 15 नन्ही

17 दिसम्बर 2021
1
1
0

<p>नन्ही</p> <p>नन्ही सी आँखों में दुनियाभर के सपने।</p> <p>सजीले सपने सलोने सपने......।</p> <p>सुनह

16

Page 16 चंबल

28 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>चंबल</p> <p><br></p> <p>बीहड़ है जंगल है, नदिया का प्रसरित अंचल है।</p> <p>अदभुत सी धरती काँटों का

17

Page 17 आदमी

28 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>आदमी</p> <p><br></p> <p>एक आदमी में दो दो आदमी</p> <p>कहो,</p> <p>अंदर कौन आदमी</p> <p>और</p> <p>

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए