तबतक मन पक्का रखें
लौटा फिर तूफान है।
जाने किस पैमान है।
मुश्किल है बचना यहाँ,
फिर भी हम तैयार है।।
सपने रखना साथ में।
जीवन अपने गाथ में।
क्यों लुट जाने दें सभी,
सबकुछ अपने हाथ में।।
बातों से बनता नही।
मिलता यूँ सबकुछ नही।
जुट जायें हम जो सभी,
मंजिल भी मुश्किल नही।
दूरी सबसे हम रखें।
संयम मन अंतर रखें।
कुछ दिन की तो बात है
तबतक मन पक्का रखें।