श्रीलाल शुक्ल जी का राग दरबारी एक ऐसा उपन्यास है जो गांव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता अनावृत करता है। उनका सबसे लोकप्रिय उपन्यास राग दरबारी 1968 में छपा। राग दरबारी का पन्द्रह भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी में भी अनुवाद प्र
दैननंदिनी कुछ इधर उधर की बात जरा सी खुद से मुलाकात आजकल जो व्यस्तता का है दौर जिम्मेदारी दुनियादारी में खुद के लिए नहीं मिलता सुकून का ठौर ऐसे में दैननंदिनी के साथ जरा कर ले खुद से मुलाकात खुद की तलाश पर कुछ पल लगता विराम दिल की बाते अपनी सखी से कर म
किसी से सच ही कहा है की जितना बड़ा चादर हो आप उतना ही पाओ पासारिये, श्याम नाम का एक मध्यम वर्ग का आदमी था वो अपने माँ बाप भाई बहन के साथ बहुत ही खुश था, धीरे धीरे उसकी पढाई खतम होती गई, और उसने अच्छी नौकरी पाने के लिए पूरी तरह से लग गया और उसकी सफलता
यदि जिंदगी में कोई व्यक्ति असफल रह जाता है तो वह निराशा में हमेशा घिरा रह जाता है .चारों तरफ से अंधकार के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता .ऐसे में यदि वे असफल होता है तो ये साबित नहीं होता कि वह काबिल नहीं है
यह पुस्तक कविताओं का संकलन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाती है। इस पुस्तक में मेरी स्वरचित मौलिक रचनाएं है।
यह कहानी एक बालक और पक्षी के मित्रता पर आधारित है जो समय के साथ एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचती है
श्रीलाल शुक्ल को लखनऊ जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। 1949 में राज्य सिविल सेवासे नौकरी शुरू की। 1983 में भारतीय प
''गरीबी में डॉक्टरी' के उपरान्त 'होंठों पर तैरती मुस्कान' मेरी कहानियों का दूसरा संग्रह है। संग्रह की कहानियाँ सीधे सरल शब्दों में सामाजिकता के ताने-बाने बुनकर मैंने पाठकों को कुछ न कुछ संदेश देने का प्रयास किया है। मेरे इस संग्रह की पहली शीर्षक कहान
छायावादी कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने अपनी दिलकश कविताओं से लोगो का मन आकर्षित और प्रात्साहित करने की पुरजोर कोशिश की है. उनकी कृतियों में हमेशा एक आशा का दीपक जलते हुए नज़र आता है. हिंदी काव्य के समुद्र में से हरिवंश राय बच्चन जी की कुछ चुनिन्दा और ख़
All rights reserved to ©Shruti saw. साजिश या आत्मा... किसका है ये खेल? क्या है इस हवेली का राज़?
इस कहानी का शीर्षक है गुप्त रोग क्या फस गया रणवीर इसमें दर्शाया गया है कि कैसे एक औरत गैर मर्द के साथ नाजायज संबंध बनाती हैं अपने पति के बाहर जाने के बाद अपने आशिक को बुलाना यह कहानी रोमांच से भरी हुई है इसे पढ़कर आपको आनंद जरूर मिलेगा
मधुशाला हिंदी के बहुत प्रसिद्ध कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन (1907-2003) का अनुपम काव्य है। इसमें एक सौ पैंतीस रूबाइयां (यानी चार पंक्तियों वाली कविताएं) हैं। मधुशाला बीसवीं सदी की शुरुआत के हिन्दी साहित्य की अत्यंत महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें सूफीवाद
नमस्कार वाचकों , मैंने अपनी किताब में अपने अनुभवों के लफ़्ज़ों से जज़्बात के हर पहलू को दर्शाया हैं , मैं इन कविताओं के माध्यम से आप वाचकों को ज़िंदगी कि सैर करवाऊंगी , मुझे उम्मीद है यह सफ़र आपका दिल छू लेगा.……
डायरी मेरे जीवन के विभिन्न पहलुओं का स्वरूप है।
तीन वर्ष शिक्षक-शिक्षा में कार्य करते हुए शिक्षा के परिप्रेक्ष्य और सैद्धांतिक पक्ष को निकटता से जानने-समझने और अनुभव करने की कोशिश की। अनेक वर्षों तक पेशेवर शिक्षक के रूप में प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते
कविताएँ निराश मन में आशाओं के दीप प्रज्वलित करती है। सार्थक कविताएँ हमें जीवन की राह बतलाती है, साथ ही मन में ग्रसित "हताशा" के भार को हटाती है। तब हम सकारात्मक होकर सोचते है। जीने के लिए उद्धत होते है और फिर से नव उर्जा से संचारित होकर पथ पर आगे बढन
ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर
मेरे जीवन से जुड़े एमएसटी लाइफ के किस्से| सभी किस्से सच्ची घटनाओं पर आधारित है |
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक