ये कहानी है अंजली और अभिनव की जो समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने अपने परिवार को सम्मान देने के खातिर अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। और एक दूसरे की ज़िंदगी से अलग हो गए। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। दोनों एक बार फिर
ये कहानी है उस दौर के एक प्रेमी जोड़े की जब फ़ोन , इंटरनेट जैसी कोई सुविधा नहीं थी । ये वो दौर था जहाँ कागज़ ही अपने दिल का हाल बयान करने का एकमात्र साधन था । बेहरोज़ हॉस्टल से पढाई पूरी कर के अपने घर लौटता है । अचानक उसकी मुलाकात अपने ही इलाके की नाज़ से
बुआ जी के घर रहते हुए जीवन के विभिन्न रूप दिखे. गांव के लोगों का निश्छल जीवन था तब और आज की तरह वो राजनीती के शिकार नहीं हुए थे.
मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के आंतरिक संघर्ष और अंतर्द्वंद को दर्शाने के साथ साथ उसको अपने वज़ूद को क़ायम रखने के लिए कितना मानसिक कष्ट सहन करना पड़ता है जिससे वह अपनी नारी गरिमा को भी बनाए रख सके अन्यथा उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।
राधे राधे दोस्तो 🙏 आज मैं लेकर आई हूं एक नई कहानी कॉल बॉय जिंदगी का अनदेखा पहलू ,, एक ऐसे लड़के की कहानी जो जिस्म फरोशी का धंधा करता था पर अपनी मोहब्बत के लिए उसने सही रास्ता चुना कहानी बहुत ज्यादा बड़ी नही है , 7 पार्ट में खत्म हो जायेगी ,,। तो आइए
नारी जीवन के सफर जहा उसके जीवन में उतार चढाव अच्छा बुरा घटित होता है मान अपमान प्यार दुलार के अलग अलग रंग को जीते हुए नारी का जीवन व्यतीत होता है
एक पुरानी हवेली है ,उसके मालिक ने उसे खरीद कर छोड़ दिया था , पिछले तीस साल से वहां कोई भी रहता नही था कभी कभार कोई एकाध घंटे के लिए आता था तो वहां का सुनसान वातावरण और हवेली के अंदर चलती सायं सायं ठंडी हवा लोगो के होश उड़ देते हैं,और वह लोग वहां त
नाम से यह उपन्यास है, तो स्वाभाविक ही है कि चरित्र विशेष होगा। कहते है न कि युवा अवस्था जीवन का वह पड़ाव है, जहां पहुंचने के बाद मन की इच्छा पंख लगा कर उड़ने की होती है।....वह भले-बुरे के भेद को न तो समझना चाहता है और न ही समझ पाता है। फिर तो उसका जो ह
कविताओं का संग्रह है - चंद कविताएं जीवन से जुड़ी |
प्रेम से है जीवन प्रेम से है प्यारा हर बंधन प्रेम बिन सुना लगे जहां जुदाई के दर्द से प्रेम का गुलशन वीरान शब्दों के सांचे ढालने एक छोटा सा प्रयास प्यार के खट्टे मीठे कुछ अहसास कुछ सुने कुछ अनसुने से जज्बात प्रेम के निराले रूप मेरे प्रेम का र
स्त्री ,पुरुष, बच्चे को सर्पदंश या सांप के काटने पर (बाबा) तेजाजी महाराज के नाम की उतरी(दागां) बांधा जाता है। जिससे जहर का असर नहीं होता। और 12 माह में एक बार मेला लगने पर बाबा के यहां मंदिर या चबूतरे पर उतरी( तातं) काट दी जाती।
कहानी में भोला और गंगा के प्यार को दिखाया गया है भोला की सर्प काटने से मृत्यु हो जाती है इस तरह गंगा भोला के नाम का सिन्दूर भरके उसकी याद में दिन गुजरने लगती है
इस पुस्तक में आधुनिकता पर केन्द्रित निबन्ध हैं। एक युगद्रष्टा राष्ट्रकवि के मौलिक चिन्तन से ओतप्रोत विचारोत्तेजक ये निबन्ध आधुनिकता के महत्त्व को इस तार्किकता के साथ रेखांकित करते हैं कि पाठकों को अपने राष्ट्र के प्रति एक नई दृष्टि मिल सके। आधुनिकता
#बदला न्याय की तलाश में भटकने के उपरांत न्याय छीनने की कोशिश।
ये एक ऐसा विषय हैं जिसे हम सभी ने कभी ना कभी महसूस किया हैं... लेकिन आज भी कोई इसके बारे में बात करना नहीं चाहता...।
विश्वधरोहर विश्वधरोहर यूं ही नहीं कहलाता कोई खजुराहो । जो स्थल है महत्वपूर्ण धरा का यूं ही नहीं महत्वपूर्ण कहलाता है । जब आप व्यतीत करेंगे कोई एक सांझ धरा के इस भूभाग में । स्वच्छंद स्वतंत्र निर्विकार आप प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे अनुभूतियां
प्रिय पाठकों, लघु उपन्यास ‘माही’ मेरा दूसरा उपन्यास है. इससे पूर्व मेरा लघु उपन्यास ‘बैंक अधिकारी: बिखरते ख्य्वाब’ प्रकाशित हो चुका है, जिसको देश भर के पाठकों ने विशेष रूप से बैंकर्स ने बेहद पसंद किया. मुझे जो प्रतिक्रियाएं मिली, उनमें सबमें एक ही
उसकी कजरारे वो सुन्दर सा नयन , उसकी वो चाल जैसे कोई कोई मृग नयनी विचरन कर रही हो । उसकी मदहोश कराने बाली अदा ... जैसे किसी को भी पागल किये है जाए । वह सुन्दरता की कोई संगमरमर की तरासी कोई मुरत । मदहोश कराने बाली छवि की मालकिन मधुलिका ... प्यार से स
प्यार के रंग सनम का रहे ख्याल जाने वो दिल का हाल शैल सा बने मुश्किल मे ढाल प्यार तेरा मेरा बेमिसाल