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हर घर तिरंगा ( तिरंगा और राष्ट्र )

14 अगस्त 2022

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हर घर तिरंगा

आजादी के अमृत महोत्सव पऱ  "हर घर तिरंगा"  पऱ सभी भारतवासी का उत्साह अपने चरम पऱ हैं। जीवन में हर एक पल में हमें आजादी चाहिए होती हैं क्योंकि हर पल हम एक नए गुलामी से युद्ध कर रहे होते हैं। आजादी को समझने से पहले हमें गुलामी को समझना होगा कि गुलामी क्या हैं कैसा हैं? क्योंकि बिना गुलामी को समझे आजादी को समझना मुश्किल हैं। गुलामी मुख्यत : तीन तरीके से देखने को मिलती हैं जिसमे पहला हैं - किसी व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति पऱ राज करना या एक देश द्वारा दूसरे को अपना गुलाम बना लेना।

दूसरे प्रकार की गुलामी हैं - कोई व्यक्ति ज़ब दूसरे व्यक्ति के दिल और दिमाग़ पऱ राज करता हैं उसे अपने बातों में इस प्रकार उलझा देता हैं कि दूसरा व्यक्ति पूर्ण रूप से उसके वश में हो जाता हैं। ये गुलामी पहले प्रकार के गुलामी से अधिक जटिल और खतरनाक होती हैं क्योंकि गुलाम व्यक्ति को इस बात का अहसास ही होता कि वो दूसरे व्यक्ति के खे अनुसार चल रहा हैं उसे लगता हैं कि वो जो भी कर रहा हैं अपनी स्वेच्छा से कर रहा हैं जबकि ये सच नहीं होता हैं।  वस्तुओं का विज्ञापन इसका एक उचित उदाहरण साबित होता हैं।

तीसरे प्रकार कि गुलामी जो हैं वो ऊपर के दोनों गुलामियों ऐ अधिक सूक्ष्म और घातक होती हैं इसमें व्यक्ति व्यक्ति को गुलाम बनाने वाला कोई दूसरा व्यक्ति नहीं बल्कि वो खुद होता हैं। वो स्वयं ही गुलाम होता हैं अपने पुराने विचारों का, सोच का,मन का,भावनाओं का, समाजिक दुर्भावना का।

पहले प्रकार के गुलामी से हम आजाद हैं लेकिन हम बाकि के दोनों के गुलामियों से आजाद नहीं हैं। अगर हम तीसरे प्रकार के गुलामी से आजाद हो जाये तो दूसरे से स्वतः ही हो जायेंगे। इस आजादी के लिए हमें प्रयास करना चाहिए जिससे की हम अपने व्यक्तिगत जीवन के साथ साथ देश के आजादी का भी सुरक्षा कर सके।

तिरंगा जो जो हर भारतवासी के लिए सम्माननीय और नमनीय हैं जो हमारे देश का प्रतीक हैं देश के आदर्शो का प्रतीक हैं। तिरंगा /झंडे को देखते ही हमारे मस्तिष्क में जो पहली छवि उभरती हैं वो हमारा अखंड भारत हैं फिर उसके साथ साथ उसकी स्वंत्रता, उसके आदर्श,  गौरव, संस्कृति, धरोहर, देश की लिए किये गए बलिदान और हमारे राष्ट्र के प्रति हमारी भावनाएं  जिसमे देश के लिए प्रेम, संम्मान, त्याग, और उसे अखंड बनाये रखने की प्रबल इच्छा सकती। तो हमें ये समझना चाहिए कि तिरंगा एक प्रतीक हैं। हर प्रतीक  अपने पीछे किसी ना किसी चीज को इंगित करते हैं जो  उस तिरंगे से  अधिक महत्वपूर्ण होता हैं। हमारा तिरंगा हमारे देश को इंगित करता हैं तो हमें चाहिए कि हम अपने देश सुखी और समृद्ध, यशस्वी, तेजस्वी, अखंड, कुरीति विहीन बनाने का प्रयास करें ।

हमारे संविधान के मौलिक कर्तव्य में उल्लेखित हैं कि हमें देश  और उसके प्रतिक और राष्ट्र गान के प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए वस्तुतः आजकल कुछ लोग साधन को ही साध्य समझ लेते हैं माध्यम को मंजिल समझ लेते हैं वैसे ही तिरंगे को ही सब कुछ मान लेते हैं लेकिन हमें समझना चाहिए तिरंगा देश का प्रतीक हैं हमारा ध्येय तो हमारा देश हैं। मौलिक कर्तव्य में ही निर्देशित किया गया हैं कि हमें अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए,, हमें सभी जीवो के प्रति करुणा भाव रखना चाहिए , शिक्षा को बढ़ावा देनी चाहिए। इन बातों को हम शायद भूल जाते हैं या भुला देना चाहते हैं। पर्यावरण को हम जम कर प्रदूषित करेंगे, मांस निर्यात में भारत को पहले स्थान पर खड़ा करेंगे, और शिक्षा वो तो सबको मिल ही रही हैं लेकिन सोचने वाली बात ये हैं कि हमें किस प्रकार की शिक्षा मिल रही हैं उससे हमें किस प्रकार का लाभ हो रहा हैं।

अगर हम अपने देश को आर्थिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, वैज्ञानिक, शैक्षिक दृष्टि से उसे विकसित करें तो हमारा तिरंगे का मान - सम्मान स्वयं ही सर्वोच्च हो जायेगा।

जय हिन्द जय भारत🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

वन्दे मातरम 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

आपने बहुत खूबसूरत लिखा 👍👍

17 सितम्बर 2022

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

बहुत अच्छा लिखा है आपने प्रज्ञा जी 😊

14 अगस्त 2022

Pragya pandey

Pragya pandey

14 अगस्त 2022

Thank you ma'am 🙏🏻

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