मुंबई एक ऐसा शहर है जो सभी को अपने आगोश में समेट लेता है लेकिन ज़ब आप मुंबई के होना चाहते है तो आपको अपनी पहचान छोड़नी पड़ती है तभी आप मुंबई के हो सकते है. ये एक सचित्र पुस्तक है.
मेरी यह पुस्तक जिंदगी के महत्व के बारे मे है। जिंदगी जो दुनिया का सबसे रहस्यमई राज़ है। इस राज़ का ना तो कोई आज तक पता लगा पाया है और ना ही कोई लगा पाएगा। कोई नहीं जानता कि इस दुनिया में उसे कब तक जीवित रहना है और ना ही कोई यह जान पाया है कि एक बार म
लेखक की कलम से….✍️ हमारे समाज में प्रेम को लेकर अनेक वर्जनाएं हैं। कुछ मनुष्य शारीरिक आकर्षण और दैहिक प्रेम को ही प्रेम मानते हैं,तो कुछ हृदय और आत्मा में इसकी अनुभूति और इससे प्राप्त होने वाली दिव्यता को प्रेम मानते हैं।कुछ लोग देह से यात्रा शु
'एक फौजी की प्रेम कहानी' प्रेम कहानी संग्रह है। इस कहानी संग्रह में प्रेम के संयोग और वियोग दोनों पक्षों का मार्मिक चित्रण हुआ है। इस कहानी संग्रह में कुल 10 प्रेम कहानियाँ हैं। ये प्रेम कहानियाँ क्रमशः हमसाया, नीली साड़ी वाला चांद, एक असफल प्रेमी की
कहानियों के इस संग्रह में मेरी नई व कुछ तो बेहद पुरानी कहानियां हैं जो समय के अंतराल का अनुभव तो अवश्य कराएंगी मगर मुझे यकीन है कि पाठक उनसे अभिभूत हुए बिना नहीं रहेंगे। कथा संग्रह का शीर्षक मैंने कस्तूरी रखा है क्योंकि कन्या भू्रण हत्या जैसे विषय पर
लव मैरिज के पंद्रह सालों बाद परिवार की तीन भाइयों में इकलौती लाड़ली बहन को घर बुलाया गया है क्योंकि पापाजी बीमार हैं। एक भाई विदेश में बस गया है तो बाकी दो भाई देश में ही अस्पताल चलाते हैं। ये मेरा उपन्यास इतने अंतराल में बदल गए रिश्तों के समीकरण हल
जैसा कि मेरी पुस्तक के नाम से ही पता चल रहा है कि ये पुस्तक औरतों पर लिखी गई है। मैंने अपनी इस किताब मे औरतों की स्थिति को उजागर किया है। मैंने इसमें दिखाने की कोशिश की है कि किस प्रकार औरतों से उनकी आजादी सिर्फ ये कहकर छीन ली जाती है कि वो औरतें हैं
यह एक गीत संग्रह है प्रेम क्या है? इस प्रश्न का जाबाब कई प्रकार का है, एक वाक्य में कहना चाहे तो प्रेम की अनेक परिभाषाएं है प्रेम को प्रेम रूप में समझना कठिन है, जब होता है तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है। बस यही से एक गीत संग्रह आपके लिए। आपको अवश्य
अभागा, निशानी, हाथ का बुना स्वेटर, लूट का माल एवं नील पदम् लिखित अन्य कहानियाँ
आत्म-विकास के साथ-साथ लोक-कल्याण अर्थात मानव-कल्याण ही जयोतिष विद्या के विकास के मूल में विद्यमान माना गया है। इसमें माना गया है कि ग्रह वास्तव में किसी जातक को फल-कुफल देने के निर्धारक नहीं हैं बल्कि वे इसके सूचक अवश्य कहे जा सकते हैं। यानि ग्रह किस
लिखना मेरा पैशन है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए लिखती हूं। लिखना मेरी पहचान है। मेरे दैनिक लेख मैं इस किताब में संग्रहित करूंगी।
किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।
कविताओं के विभिन्न स्वरूपों का संग्रह
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक
अपनी तलाश की है कभी, कभी खुद को ढूंढने निकले हैं, फुर्सत के लम्हों में कभी खुद से बात की है, कभी जाना क्या चाहता है दिल, हालातों में गुम होने पर तन्हाई की रात में खुद से टकराएं हैं कभी, कभी चलते चलते यूं ही रुक कर पीछे मुड़कर देखा है, सोचा कहां छोड़
शब्द.इन द्वारा दिये गये विषयों पर मेरे विचारों का संगम इस पुस्तक के माध्यम से रचित किया जायेगा जो समाज में घटित वर्तमान, भविष्य और अतीत की घटनाओं को संदर्भित करके किया जायेगा। आप मेरे विचारों को पढ़कर समीक्षा करें और मुझे भविष्य में प्रेरित करें।
संजीव और हंसा कैसी विरोधाभास स्थिति में मिलते है...जहाँ प्रेम होकर भी नहीं मिलता...क्या होगा आखिर उनके जीवन में !! क्या संजीव का अवसाद उनका रिश्ता निगल जाएगा !! क्या विपरीत परिस्थिति संजीव को तोड़ देंगी !! जानने के लिए पढ़े पुरुष विमर्श को बयाँ करती अ
यह कहानी एक बेटी की है।जो कम पढ़ी-लिखी है। दुनिया के ताने लगातार उसे कमजोर करते हैं।पर उसने हिम्मत नहीं हारी। और किस तरह से वे अनपढ़, गंवार एक अन्नपूर्णा बनती है यह दिखाया गया है