बिछड़े तब जाने भूले मन पछताने
अनोखी प्रेम कथा
लेखक - रामजी दौदेरिया
अध्याय २
कुलीन और टूटी काॅलेज आ जाते है, काॅलेज में बहुत से लड़के लड़कियाँ यहाँ वहाँ घूम रहे है। कुलीन अपनी क्लास में जाता है, क्लास में और भी लड़के लड़कियाँ है, कुलीन अपनी गर्लफ्रेंड चम्पा से मिलता है।
“ हाय कुलीन। ” कुलीन को देखते ही चम्पा ने कहा।
“ हैलो चम्पा। ” चम्पा के करीब आते हुए कुलीन ने कहा।
टूटी भी अपने क्लास में अपने बॉयफ्रेंड गोलू से मिलती है।
“ हाय मेरे गोलू मोलू, गोल गोल गप्पा। ” गोलू के गाल खींचते हुए टूटी ने कहा।
“ टूटी यार तुम ने इतनी देर क्यों कर दी आने में, मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ। ” गोलू ने कहा।
“ गोलू मेरी जान चल कैंटीन में चलते है वहीं सब बताते है। ” टूटी ने कहा।
“ हाँ टूटी चल। ” गोलू ने कहा।
उधर, कुलीन और चम्पा अपने क्लास में बैठे बातें करते हैं।
“ कुछ मत पूछो यार, मम्मी पापा के रोज रोज की लड़ाई झगड़े से मैं परेशान हो गया हूँ, तुम्हारे पास कोई आयडिया हो तो बताओ। ” कुलीन ने कहा।
इधर कैंटीन में टूटी गोलू बैठे बात करते है।
“ हाँ टूटी मेरे पास एक आयडिया है जिससे तुम्हारे मम्मी पापा एक दूसरे से प्यार करने लगेंगे और उनका लड़ाई झगड़ा खत्म हो जाएगा। ” गोलू ने कहा।
उधर, क्लास में चम्मा और कुलीन बात करते।
“ कुलीन तुम अपने मम्मी पापा को एक कमरे में बंद कर दो और एक रोमांटिक रौमेंश से भरपूर एक फिल्म दिखाओ, फिर देखना फिल्म देखते देखते दोनों में प्यार हो जाएगा, पक्का। ” चम्पा ने कहा।
इधर, कैंटीन में टूटी और गोलू बात करते।
“ आयडिया तो अच्छा है ट्रराई करूंगी, गोलू मुझे बहुत भूख लगी है कुछ खाने के लिए आर्डर करो ना। ” टूटी ने कहा।
“ टूटी तुम्हें जो खाना है मंगवा लो। ” गोलू ने कहा।
उधर, क्लास में कुलीन और चम्पा बात करते।
“ तुम्हारा आयडिया मुझे पसंद आया, अब चलो चम्पा कैंटीन में चल कर कुछ खाते है, बहुत भूख लग रही है। ” कुलीन ने कहा।
“ हाँ कुलीन चलो चलते है, कैंटीन में। ” टूटी ने कहा।
इधर, कैंटीन से टूटी और गोलू निकल जाते हैं, कुलीन और चम्पा कैंटीन के अन्दर आते हैं।
कुलवंता का घर!
कुलवंता पोपटलाल को उसका कमरा दिखा देता है। पोपटलाल अपने किराए के कमरे में पलंग पर लेटा आराम कर रहा है। कमरे का दरवाजा खुला हुआ है, कुलवंता और लाजवंती पोपटलाल के कमरे के अंदर आते है। कुलवंता के हाथ में हाॅकी और लाजवंती के हाथ में बल्ला होता है। यह देख कर पोपटलाल डर जाता है और पलंग पर उठ कर बैठ जाता है।
“ अब यह कमरा मेरा हो गया है, तुम दोनों मेरे कमरे में क्यों आए हो। ” घबरा कर पोपटलाल ने पूछा।
“ हम दोनों तुम से एक एक सवाल पूछेंगे अगर सही जवाब दिया तो तुम्हारा सारा किराया माफ हो जाएगा। ” कुलवंता ने कहा।
“ अगर जवाब नहीं दिया तो तू साफ हो जाएगा। ” लाजवंती ने कहा।
“ पूछो, मैं तैयार हूँ सही जवाब देने के लिए, गलत जवाब तो मैं देता ही नहीं हूँ। ” पोपटलाल ने कहा।
“ अच्छा तो बताओ पोपटलाल, लाल रंग को लाल कहते है तो काला को काल क्यों नहीं कहते, काला क्यों कहते है ? ” कुलवंता ने पूछा।
“ ये भी कोई सवाल है, कुछ और पूछो। ” पोपटलाल ने कहा।
“ अच्छा ठीक है, तो फिर बताओ काला को काला कहते है तो लाल को लाला क्यों नहीं कहते, लाल क्यों कहते है? ” कुलवंता ने पूछा।
“ मैं पागल हो जाऊँगा, ये भी कोई सवाल है, कुछ और पूछो। ” पोपटलाल ने कहा।
“ अब मेरी बारी है, सवालों की कर ली तैयारी है। ” लाजवंती ने कहा।
“ पूछो, तुम भी पूछो मैं भी तैयार हूँ। ” पोपटलाल ने कहा।
लाजवंती के सवाल होते हैं, पोपटलाल के जवाब होते हैं।
“ तो बताओ, इस दुनिया में सबसे ज्यादा क्या आता है काम?”
“ दाम। ”
“ किस फल का है सबसे ज्यादा दाम? ”
“ वो है आम। ”
“ इस दुनिया में क्या चलता है शाम के शाम? ”
“ जाम पे जाम। ”
“ इस दुनिया में कौन से है सबसे पवित्र नाम? ”
“ राम और श्याम। ”
“ इस दुनिया में क्या है करना हराम ? ”
“ आराम। ”
“ तो तू कैसे कर रहा वे आराम, अब मैं कर दूंगी तेरा हराम आराम और काम तमाम। ” बल्ला उठाते हुए लाजवंती ने कहा।
“ अब मैं खेलूंगा हॉकी और तू देखेगा कुलवंता का गोल। ” हॉकी ऊपर उठाते हुए कुलवंता ने कहा।
“ मैं खेलूंगी क्रिकेट और तू देखेगा लाजवंती का चौका छक्का।” लाजवंती ने कहा।
“ गेंद कहाँ है, गेंद। ” पोपट ने पूछा
“ गेंद बनेंगा तू। ” कुलवंता लाजवंती ने एक साथ कहा।
फिर लाजवंती और कुलवंता पोपटलाल को मारने लगते है, कुलवंता हाॅकी से और लाजवंती बल्ला से। पोपटलाल चिल्लाता है “ नहीं नहीं मुझे मत मारो। कोई आओ मुझे बचाओ। कहता हुआ पोपटलाल ऊपर से नीचे आता है, कुलवंता और लाजवंती उसके पीछे आते है, पोपटलाल मेन गेट से बाहर निकल जाता है, लेकिन उस की हालत खराब हो जाती है, उसके कपड़े फट जाते चेहरा बिगड़ जाता है, लेकिन वह भाग कर निकल जाता है। पोपटलाल के भागने के बाद कुलवंता और लाजवंती आपस में ही लड़ने लगते है।
“ वो तो भाग गया अब तुझे भगा भगा कर मारूगा मैं। ” कुलवंता ने कहा।
“ तो फिर आजा प्यारे, हो जाए दो दो हाथ हमारे। ” लाजवंती ने कहा।
कुलवंता और लाजवंती एक दूसरे से भिड़ जाते हैं। दोनों में मारा मारी होने लगती है, लाजवंती बल्ला से कुलवंता को मारती है और कुलवंता हाॅकी से लाजवंती को मारता है। एक दूसरे पर समान फेंक कर मारते, एक दूसरे को गाली देते हैं। दोनों को लड़ते झगड़ते शाम हो जाती है। शाम को कुलीन टूटी काॅलेज से घर आ जाते है, बाइक खड़ी करते और दौड़ कर अंदर जाते है, कुलीन कुलवंता को और टूटी लाजवंती को पकड़ कर घसीट कर एक कमरे में बंद कर देते है। कुलवंता और लाजवंती दोनों एक ही कमरे में बंद रहते हैं। उस कमरा में टी वी, सी डी प्लेयर सब सिस्टम रखा है, कुलीन सी डी प्लेयर में सी डी लगाता है, टी वी फिल्म चलने लगती है।
“ तुम दोनों बिल्कुल शांत बैठ कर फिल्म देखना, नहीं तो तुम दोनों को हम कुछ भी देखने के लायक नहीं छोड़ेगे, चल टूटी बाहर। ” कुलीन ने कहा।
कुलीन और टूटी कमरा से बाहर आ जाते है, कुलीन कमरा का दरवाजा बंद कर देता है। कुलीन और टूटी कुलवंता लाजवंती को खिड़की से छुप कर देखते है। कुलवंता और लाजवंती शांत बैठ कर फिल्म देख रहे हैं, फिल्म में लव रोमांटिक सीन चल रहा है।
“ देख ले लाजवंती ऐसी फिल्म तू ने कभी नहीं देखी होगी। ” कुलवंता ने कहा।
“ बहुत बार देखी अपने हसबैंड के साथ। ” लाजवंती ने कहा।
“ तेरा हसबैंड तो मैं हूँ , तू ने मेरे साथ कब फिल्म देखी रे ? ” कुलवंता ने कहा।
“ तेरे साथ नहीं रे बाबा, मेरे बॉयफ्रेंड का नाम हसबैंड था उसके साथ देखी थी, तू पहली बार देख रहा तो मैं क्या करूँ।” लाजवंती ने कहा।
“ मैं ने भी देखी है पहले अपनी वाइफ के साथ। ” कुलवंता ने कहा।
“ तेरी वाइफ तो मैं हूँ तू ने कब देखी रे मेरे साथ। ” लाजवंती ने कहा।
“ तेरे साथ नहीं रे काम वाली बाई, मेरी गर्लफ्रेंड का नाम वाइफ था उसके साथ देखी थी। ” कुलवंता ने कहा।
फिल्म आगे बढ़ते बढ़ते उसमें एक किश सीन आता है, कुलवंता लाजवंती ध्यान से देखते है, दोनों को किश करने का मन करने लगता है।
“ अपुन भी ऐसे कर सकते है। ” कुलवंता ने कहा।
“ आओ करते है। ” लाजवंती बोली ।
कुलवंता लाजवंती दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं, कुलीन और टूटी खिड़की से देख कर खुश होते हैं।
“ अब पक्का दोनों में प्यार हो जाएगा। ” कुलीन ने कहा।
दोनों को देखते हुए टूटी ने कहा “ लगता तो है भाई, देख होने लगा। ”
कुलवंता लाजवंती दोनों एक दूसरे को किश करने लगते हैं, कुलीन टूटी खिड़की से देखते हैं।
“ तू ने मुझे दाँत मारा। ” कुलवंता ने कहा।
लाजवंती बोली “ तू ने मेरी नाक काटी। ”
“ हाँ काटी, पहले तू ने मेरा होंठ क्यों काटा। ” कुलवंता ने कहा।
कुलवंता और लाजवंती एक दूसरे से भिड़ जाते हैं, दोनों में मारपीट शुरू हो जाती है। दोनों एक दूसरे को मारते है, कुलीन और टूटी अपने सिर पर हाथ मारते है।
“ ये फंडा भी फेल हो गया। ” कुलीन ने कहा।
“ भाई अब हम कोई दूसरा आयडिया सोचते है, मम्मी पापा में प्यार करवाने के लिए। ” टूटी ने कहा ।
“ हाँ टूटी कुछ और सोचना होगा, पर क्या ? ” कुलीन ने कहा।