बिछड़े तब जाने भूले मन पछताने
अनोखी प्रेम कथा
रामजी दौदेरिया
अध्याय ८
गोलू का घर , गोलू टूटी पलंग पर सो रहे हैं , अचानक टूटी की आँख खुलती है वह उठ कर पलंग पर बैठ जाती है , वह हाँपते हुए गोलू को जगाती है ।
“ उठो गोलू उठो मैं ने बहुत बुरा सपना देखा है । ” गोलू को झकझोरते हुए टूटी ने कहा । ”
“ क्या देखा सपने में तुम ने जो इतना घबराई हुई हो , क्या कोई भूत देख लिया । ” गोलू ने उठ कर पलंग पर बैठते हुए कहा ।
“ भूत नहीं मैं ने भविष्य जरूर देखा है । ” टूटी ने कहा ।
“ टूटी यार मुझे डरा मत सीधे सीधे बोल तू ने सपने में देखा क्या ? ” गोलू ने कहा ।
“ मैं ने देखा कि मेरे मम्मी पापा कानों में रूई लगाए हुए एक दूसरे से लड़ रहे हैं , किसी कि बात नहीं सुन रहे और एक दूसरे से मारपीट कर रहे हैं ।” टूटी ने कहा ।
टूटी सारा सपना गोलू को बता देती है ।
“ गोलू अगर सपना सच हुआ तो दोनों अभी तक लड़ रहे होंगे , चलो चल कर उनके कानों से रूई निकाल देते हैं । ” टूटी ने कहा ।
“ टूटी तुम्हारी अक्ल टूट गई क्या ? ” गोलू ने कहा ।
टूटी बोली “ क्यों ? ”
“ अरे भाग्यवान , ज्यादा नहीं तो थोड़ा तो इस्तेमाल करो अपना ज्ञान , नहीं तो तुम्हारा ज्ञान तुम्हारी खोपड़ी में रखा रखा सड़ जाएगा । ” गोलू ने कहा ।
“ तो तुम ही बताओ मैं क्या करूं ? ” टूटी ने कहा ।
“ कुलीन को फोन लगाओ वह निकाल देगा रूई । ” गोलू ने कहा ।
टूटी अपना मोबाइल फोन उठा कर कुलीन को कॉल करती है , नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताता है , फिर वह चम्पा को कॉल करती है , उसका नम्बर स्वच आॅफ आता है ।
“ किसी का फोन नहीं लग रहा है , अब तो रूई निकालने चलना ही पड़ेगा । ” टूटी ने कहा ।
“ टूटी , सपने तो झूठे होते हैं । ” गोलू ने कहा ।
“ गोलू , सुबह सुबह का सपना सच भी हो सकता है । ” टूटी ने कहा ।
इतने में दरवाजे की घंटी बजती है ।
“ जाओ गोलू न्यूज पेपर लेकर कर आओ , न्यूज पेपर वाला आ गया है । ” टूटी ने कहा ।
गोलू उठ कर दरवाजे पर आता है , दरवाजा खोल कर अखबार लेता है , अखबार दे कर अखबार वाला चला जाता है , गोलू अखबार का पहला पेज देखता है , उसकी नजर एक हैडिंग पर जाती है , लिखा हुआ है “ कुलवंता और लाजवंती दोनों ने एक दूसरे को जान से मार दिया । ” यह पढ़ते ही वह सन्न रह गया , उदास हो गया और रोने लगा , रोने की आवाज सुन कर टूटी उसके पास आई ।
“ क्या हुआ गोलू , रो क्यों रहा है ? ” पास आकर टूटी ने कहा ।
“ बहुत बुरी खबर है टूटी , तुम्हारे मम्मी पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे , उन्होंने एक दूसरे को मार दिया । ” रोते हुए गोलू ने कहा ।
“ मैं ने कहा था ना गोलू , मेरा सपना कभी झूठा नहीं होता।” रोती हुई टूटी ने कहा ।
“ लगता है टूटी रात को ही , तुम्हारा सपना देखने से पहले दोनों मर गए और आज के अखबार में छप गए । ” गोलू ने कहा ।
“ चलो अब चलते है । ” रोती हुई टूटी ने कहा ।
टूटी और गोलू अपने घर से कुलीन के घर जाते हैं ।
गोलू और टूटी दरवाजे पर आकर मम्मी पापा चिल्लाते हुए रोते हुए घंटी बजाते हैं । कुलीन आकर दरवाज़ा खोलता है , जैसे ही दरवाजा खुलता है गोलू और टूटी रोते हुए अंदर आते हैं ।
“ टूटी गोलू तुम दोनों रो क्यों रहे हो ? ” कुलीन ने पूछा ।
” रो नहीं तो क्या गाऊँ , तुम्हें पता नहीं क्या भाई , मम्मी पापा मर गए । ” टूटी ने कहा ।
“ स्वर्ग सिधार गए । ” गोलू ने कहा ।
“ भाई तुम ने हमें बताया नहीं , क्यों भाई क्यों नहीं बताई , हम से मम्मी पापा के मौत की खबर क्यों छिपाई ? ” रोती हुई टूटी ने कहा ।
“ मम्मी पापा अपने कमरे में आराम से खर्राटें मारते हुए सो रहे हैं , विश्वास नहीं हो रहा तो देख कर आओ । ” कुलीन ने कहा ।
इतने में चम्पा दौड़ते हुए और रोती हुई आती है ।
“ तुम्हें क्या हुआ चम्पा , तुम क्यों रो रही हो ? ” चम्पा को रोते देख कुलीन ने कहा ।
चम्पा बोली “ मैं मम्मी पापा के लिए चाय लेकर उनके कमरे में गई थी , वहाँ मैं ने देखा ...
“ क्या देखा ? ” टूटी बोली ।
“ क्या देखा ? ” गोलू बोला ।
“ अब बताओ भी तुम ने क्या देखा ? ” कुलीन ने कहा ।
चम्पा बोली “ मैं ने देखा मम्मी पापा जमीन में पड़े हुए हैं और ...
“ और क्या ? ” टूटी बोली ।
” और क्या ? ” गोलू बोला ।
“ अब बताओ भी और क्या ? ” कुलीन ने कहा ।
चम्पा बोली “ और , और सब बढ़िया है । ”
“ अरे भाग्यवान क्यों बढ़ा रही मेरा तापमान , मैं तुम्हारा हाल चाल नहीं पूछ रहा हूं , मैं पूछ रहा हूं तुम ने मम्मी पापा के कमरे में और क्या देखा मुझे बताओ ? ” गुस्से में कुलीन ने कहा ।
चम्पा बोली “ और मैं ने देखा कि मम्मी पापा के खर्राटे , जो वह हमेशा खर खर करते रहते हैं , वो अचानक बंद हो गए , मतलब ...
“ मतलब क्या ? ” टूटी बोली ।
“ मतलब क्या ? ” गोलू बोला ।
“ अरे यार तुम रूक क्यों जाती हो बार बार , मतलब क्या हुआ ? ” गुस्से में कुलीन ने कहा ।
“ मतलब दोनों मर गए , खुद जाकर देख लो कमरे में । ” चम्पा ने कहा ।
कुलीन , टूटी और गोलू दौड़ कर कमरे में आते हैं , उनके पीछे चम्पा भी आती है । कुलवंता और लाजवंती दोनों जमीन में लेट कर सो रहे हैं , कुलीन , टूटी , गोलू और चम्पा चारों उनके पास बैठ कर रोने लगते हैं । रोने की आवाज सुन कर कुलवंता और लाजवंती दोनों उठ कर खड़े हो जाते हैं ।
“ तुम सब रो क्यों रहे हो ? ” कुलवंता ने पूछा ।
” हमें लगा कि आप दोनों मर गए । ” कुलीन ने कहा ।
“ किसने कहा हम मर गए , हम तो नीचे सो रहे थे क्योंकि हमारा मन किया नीचे सोने का । ” लाजवंती ने कहा ।
“ मम्मी पापा मैं ने सपना देखा था उसमें आप दोनों कानों में रूई लगा कर लड़ रहे थे । ” टूटी ने कहा ।
“ बेटी सपने तो झूठे होते हैं , अब हम कानों में रूई नहीं लगाते क्योंकि अब हमें एक दूसरे के खर्राटे भी अच्छे लगने लगे । ” कुलवंता ने कहा ।
“ मम्मी पापा आज के अखबार में खबर निकली है की कुलवंता और लाजवंती दोनों ने एक दूसरे को जान से मार दिया । ” टूटी ने कहा ।
“ अरे हम तो जिंदा है यह झूठी खबर किसने निकाल दी ।” लाजवंती ने कहा ।
“ टूटी जरा पूरी खबर पढ़ कर सुनाओ । ” कुलवंता ने कहा।
“ सुनो पापा हैडिंग है , कुलवंता और लाजवंती दोनों ने एक दूसरे को जान से मार दिया । ” टूटी ने अखबार की ओर देखते हुए कहा ।
“ अब अंदर की खबर भी तो सुनाओ । ” लाजवंती ने कहा।
खबर पढ़ते हुए टूटी बोली “ सुनो मम्मी पापा , एक तालाब की घटना सामने आई है जिसमें एक भैंसा और एक भैंस नहा रहें थे , भैंस और भैंसा के मालिक ने बताया कि भैंसा का नाम कुलवंता और भैंस का नाम लाजवंती था ,भैंसा कुलवंता और भैंस लाजवंती दोनों में लड़ाई हो गई और लड़ते लड़ते दोनों ने एक दूसरे को जान से मार दिया । ”
“ अरे ये तो भैंस और भैंसा की खबर निकली । ” हँसते हुए गोलू ने कहा ।
“ हमारे बच्चों को हमारी बहुत चिंता रहती हैं । ” कुलवंता ने कहा ।
“ हां सच में , हम फिर एक बार वादा करते हैं कि हम कभी नहीं लड़ेंगे कभी नहीं झगड़ेगे । ” लाजवंती ने कहा ।
“ इसी बात पर आज जश्न हो जाए , आज मम्मी पापा की शादी की सालगिरह भी है , हम जश्न की तैयारी करते है ।” खुश होकर कुलीन ने कहा ।
“ हां जश्न होने दो । ” सबने एक साथ कहा ।
शाम को कुलवंता और लाजवंती के घर उत्सव मनाया जाता है नाच गाना होता है , फिर हर साल कुलवंता लाजवंती की शादी की सालगिरह बड़े धूमधाम से मनाई जाती है । और लाजवंती कुलवंता हर साल करवाचौथ भी बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं , तथा एक दूसरे के लिए व्रत भी रखते हैं ।
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