शुक्रवार की वो सुनसान रात जहाँ लोग रात के ९ बजे से ही घर में दुबक जाते हैं, वहाँ रात ९ बजे से ही कब्रिस्तान जैसा सन्नाटा छा जाता है। कड़ाके की इस ठंड में हड्डियाँ तक काँपने लगती हैं, बाहर इंसान तो क्या कुत्ते का बच्चा भी नजर नहीं आता फिर भी कुत्तों के रोने की आवाज़ क
नमस्कार दोस्तों, मुंबई मेरे लिए किसी चाय की ग्लास की भांति है | एक मिश्रित संस्कृति एक मिश्रित जीवनशैली | यह मेरा सौभाग्य ही है कि मेरा जन्म इस नगरी में हुआ जिसे सपनो का शहर कहते है | लेखन का कौशल या लेखन मे रूची तो सदैव से ही थी पर इसे कभी जीवनयापन का साधन भी बनाऊंगा यह सोचा नहीं था | वैसे भी हमने
नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं। भारतीय पौराणिक और लोक कथाओं में नागमणि के किस्से आम लोगों के बीच प्रचलित हैं। नागमणि सिर्फ नागों के पास ही होती है। नाग इसे अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसकी रोशनी के आसपास इकट्ठे हो गए कीड़े-मकोड़ों को वह खाता रहे। हालांकि इसके अलावा भी नागों द्वारा मणि को रखने