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सबसे ख़तरनाक बीमारी

3 अप्रैल 2022

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इस दुनिया की सबसे ख़तरनाक बीमारी है, उन लोगो कि मानसिकता जो औरत को आगे बढ़ता हुआ नहीं देख पाते, उसे अपनी ख्वाहिशों को पूरा करते नहीं देख पाते , कोरोना वायरस तो कुछ टाइम से फैला ओर लोगो को भयभीत भी किया और एंटी डोज भी इज़ाद कर दिया गया परन्तु इस मानसिक सोच के वायरस का कोई एंटी डोज नहीं बना छोटी सोच औरत को कम आंकने की , उसके सर पर परम्परा , रिवाज़, समाज की सोच नियम की पोटली का बोझ ढोने को मजबूर करने की मानसिकता इस एंटी डोज किसी साइंस के फार्मूले में नहीं है, शदियों से ना सिर पुरुष बल्कि एक औरत ही दूसरी औरत की काफ़ी हद तक दुश्मन बनी रहती है, जब एक औरत को दूसरी औरत का ही साथ नहीं मिलता तो क्या ही पुरुष प्रधान समाज से उम्मीद करे,एक औरत कब तक अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़े, आखिर कब साबित करे कि वो भी एक इंसान है, उसकी भी ख्वाहिशें है जीने पूरा करने का अधिकार रखती है, कब तक अपनी शिक्षा के अधिकार के लिए, सही उम्र में शादी और अपना जीवन साथी चुनने की हकदार है कब ये उसके अपने उसे समझेंगे और उसकी ख्वाहिशों का सम्मान करेंगे , कब औरत अपनी खुशियां और अपनो को एक साथ हासिल कर पाएगी, क्योंकि या तो औरत के पास उसकी खुशियां और ख्वाहिशें होती है जब ऐसा होता है तो अक्सर वो तन्हा अकेली होती है, या फिर अपनी चाहतों को दफन कर अपनो को चुनती है, तब भी वो मन से अकेली होती है,अपनो की भीड़ में भी खुद को तन्हा पाती है, इस कश्मकश मे ताउम्र औरत की बीत जाती है, दोनों ही सूरत में हार एक औरत की ही होती है
Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

बहुत बढ़िया

7 अप्रैल 2022

3 अप्रैल 2022

Meenakshi Suryavanshi

Meenakshi Suryavanshi

Ekdm sahi kaha aapne..

3 अप्रैल 2022

भारती

भारती

बिल्कुल सही कहा आपने 👏👏

3 अप्रैल 2022

Manish

Manish

sahi kaha

3 अप्रैल 2022

Diya Jethwani

Diya Jethwani

Right... 100%

3 अप्रैल 2022

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रचनाएँ
काव्यांजलि
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मन के ख्याल शब्दों का सहारा हाल ए दिल लेखनी में संवारा
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सबसे ख़तरनाक बीमारी

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