आज की युवा पीढ़ी अपने नियमों से दूर हो रही है , और हम इस बात को लेकर बस बाते करते है। क्या कारण है ये जाना नही चाते ,और जानते है तो भी उसके बारे में बात नही करते क्या कारण है , ये विचार इस किताब में लिखा है।
अक्सर हम किसी भी काम को करने के लिए जब सोचते है, और बात आती है उसमें सफलता य असफलता की, तो हम डर जाते है, और हमारे अंदर का संकल्प कमजोर होने लगता है, ऐसे में जब हम अपने काम को शुरू करे य न करें इस विचार से लड़ते है और अपना पहला कदम अपने काम के।लिए बढ़ा
आजकल फिल्मों के बॉयकॉट का चलन है
इस किताब में आपको सबसे अच्छा चार्ट पैटर्न मिलेगा जिसे आप शेयर बाजार में आसान से समझ कर ट्रेडिंग कर पाएंगे, धन्यवाद ❤️😊
यहाँ पर ग्लोबल वार्मिग के बारे मे बात करेंगे| इसकी वजह से पूरी पृथ्वी पर आने वाले समय मैं भयंकर तबाही आ सकती है
बदलते दौर में संदेश भेजने का नया माध्यम सोशल मीडिया है इस लेख में इसी के बारे में बताया गया है इसका क्या असर पड़ रहा है व इसकी क्या ताकत है
हर व्यक्ति अपनी कल्पना की दुनिया में खोया रहता है कोई भूत तो कोई भविष्या की दुनिया में मगन रहता है इस समय यात्रा में भी कल्पना की बात की गई है
वृद्ध आश्रमों की बढ़ती संख्या ने लोगों चिंता को बढ़ाया है| यही हाल रहा तो एक दिन आपका नंबर भी हो सकता है | सावधान होने की जरुरत है|
"क्यों".....एक छोटा सा शब्द है। जो पढ़ने जितना छोटा है जानने में उससे कही ज्यादा बड़ा है। इंसान की ज़िंदगी शुरू होने के बाद इंसान बस क्यों में ही उलझ कर रह जाता है। कुछ क्यों के जवाब सही मायने में और सही समय पर मिल जाते हैं। लेकिन हर किसी की ज़िंदगी
हम सब के भीतर यह द्वंद्व,एक जद्दोजहद चलती रहती है कि हम सफल होंगे या नहीं,जिस कार्य में हम जुटे हुए हैं उसमें हमें सफलता मिलेगी या नहीं,क्या अब हम सफल होंगे या आज नहीं तो क्या कल कामयाब हो पाएंगे,दोस्तों अगर हम सिर्फ यही चिंता करते रहेंगे तो कभी भी ज
संयुक्त परिवार से एकाकी परिवार और अब अकेला इंसान
एक उम्मीद सी है ज़िन्दगी में। जो अब टूटती नजर आ यही है। ना मंजिल कोई ना रास्ता कोई नज़र आता है। हर राह बंद सी नज़र आ रही हैं जो नजर उठी था एक तिनका लेके। वो तिनका अब उड़ता नज़र आ रहा है। झुका सा है ।अब मेरी उमींदो का सफर टूट ता रहा हैं कही को
मानव सहज जिज्ञासु है बिना जिज्ञासा के कोई भी मनुष्य हो ही नहीं सकता ! कभी कभी जीवन में मनुष्य अपनी जिज्ञासा के समाधान के लिए भटका करता है , मनुष्य के मन में जितनी भी जिज्ञासायें प्रकट होती हैं उन सबका समाधान हमारे धर्मग्रन्थों में ही उपलब्ध है , आवश्
समीक्षा-राना लिधौरी: गौरव ग्रंथ- संपादक -रामगोपाल रैकवार’ प्रकाशक- म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़ समीक्षक -एन.डी. सोनी, टीकमगढ़ मूल्य-1200/सजिल्द, पेज-426 सन्-2023 गौरव ग्रंथ या अभिनंदन गं्रथ लेखन की परम्परा साहित्य जगत में काफी समय से प्रचलित है,लेकिन हाल क
महान लेखन को पढ़कर मन में कुछ न कुछ घटित अवश्य होता है। मुझे ऐसा विचार आया कि अपने मन के कूप में पड़े रहकर काई लगने से अच्छा है कि मुक्त आकाश में इन मन-घटित को विचरने दें ताकि मेरी मुक्ताकाश में उडती पतँग को देखकर और पतंगे भी पेंग लें और शायद मेरा शब्
प्रस्तुत पुस्तक ‘मिशन कश्मीर’ कश्मीर के हालातों पर सम्यक दस्तावेज है, जो अनुच्छेद 370 के हटने के पहले और हटने के बाद की स्थितियों का विश्लेषणात्मक विवरण प्रस्तुत करता है।
मक्रसक्रांति की हार्दिक शुभकामनाए -------------------------------------- मक्रसक्रामति हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है ,इसे बिहार में तिलसक्रात भी कहा जाता है !इस पर्व को बहुत सर्द्धापुर्वक मनाया जाता है !इस दिन सुर्य मकर रेखा में प्
गम की ओढ कर चादर कहा बैठे हो तेरी एक झलक चाँद भी सरमा बैठी है आओ सुर्य तेरी आस लगाये बैठे हुँ तेरी चमकती धुप के लिए पल पल तडप रहा हुँ सर्द हवाओ की प्रकोप तन को कपकपा रही कोहरा अपनी घुंघट को धीरे धीरे फैला रही तन की कपडा तो गठरी जैसी सज रही बोझ स