प्रेमा एक साधारण नयन नक्श वालो महिला है, उसे न ही ब्रांडेड कपड़ो का शौक है और न ही किसी प्रकार के सजने संवरने का, पूरी सोसाइटी में औरते उसका मजाक उड़ाया करती हैं, ऐसा नहीं की प्रेमा या उसके परिव
आयुर्वेद के मत में भिंडी आयुर्वेद के अनुसार भिंडी मधुर, स्निग्ध, शीतल, रुचिकर, बलवर्धक एवं पौष्टिक होती है । यह वात-पित्तशामक, पचने में भारी एवं मूत्रल है । सूजाक, मूत्रकृच्छ (मूत्र-संबंधी तकलीफे
100 ग्राम पानी में 5 ग्राम लौंग का चूर्ण डालकर खूब उबालें। फिर उस पानी से मरीज के हाथ-पैर, तलुए, छाती, गर्दन पर अच्छी तरह मालिश करें। इससे शरीर में गर्मी आकर नाड़ी तेज होने लगेगी।विशेष लाभ न होने पर प
1-शराब या अन्य नशीले पदार्थों का अधिक समय तक और अधिक मात्रा में उपयोग यकृत (लीवर) की बीमारी का कारण बनता है।शराब लीवर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है।2-कुछ अंग्रेजी दवाओं के अधिक मात्रा में सेवन के का
1. बच्चा स्तनपान कर रहा है तो सबसे पहले मां को अपने गलत खान-पान की आदतों को बदलना होगा। मां को सख्त या बासी आहार खाने के अलावा फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। 2. संतरे में मौजूद विटामिन सी प
ह्रदय रोगह्रदय रोग में 2 चम्मच शहद, 1 चम्मच नींबू का रस पीने से तुरंत ह्रदय रोग में आराम होता है l अथवा अदरक के रस में समान मात्रा में पानी मिलाकर पियें | ह्रदय में पीड़ा हो, हार्ट अटैक
1.नीम के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से खून साफ होकर खून की खराबी से होने वाले सारे रोग दाद, खुजली, फुंसियां आदि नष्ट हो जाते हैं।2.नीम के पत्तों को पानी में उबालकर एक्ज
1. 50 से 200 मि.ली गोमूत्र में 1 से 3 ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से या तुलसी का रस लगाने व 5 से 20 मि.ली. पीने से सफेद दाग मिटते हैं।2. पीपल की छाल का दो ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार छः महीने तक लेने से
मधुमेह में शरीर की सप्तधातुएँ, तीनों दोष व ओज विकृत हो जाते हैं, जिससे शरीर निस्सार व दुर्बल होने लगता है । शरीर में सूक्ष्म मल (क्लेद) का संचय होने लगता है । परिणामतः गुर्दे (किडनी), हृदय, हड्ड
नये ज्वर में दिन में शयन ,स्नान, अभ्यंग , अन्न का सेवन ,मैथुन, क्रोध , तीव्र या पूर्वी हवा का सेवन , व्यायाम, और कषाय रस द्रव्यों का सेवन अत्यंत हानिकारक है |नवीन ज्वर में दूध, घी, का सेवन तो विष के
नीम के पत्तों का रस 10 ग्राम ,मिश्री 5 ग्राम , व शहद 10 ग्राम तीनों मिला कर दिन में तिन बार लेतेे रहने से पित्त दोष व यकृत ( लीवर ) की विकृति दूर हो जाती हैं | यह रामवाण औषधि है |
(1) पाचनशक्ति की कमजोरी : सौंफ और जीरा समान मात्रा में लेकर सेंक के रखो। भोजन के बाद चबा के खाओ तो पाचनशक्ति तेज होगी। ।(2) मिर्गी : किसीको मिर्गी की तकलीफ है तो 2 चम्मच प्याज का रस पिलाकर ऊपर से आधा
क्यूं, घुटन होने लगी ? इस बेदर्द दुनिया में । क्यूं, नेत्र सजल हो चले ? इस दर्द भरी, दुनिया में ।क्यूं, दुनिया में,अब रिश्तों का मान न रहा ?&nb
भारतीय संस्कृति में दूर्वा (दूब) को पवित्र माना जाता है एवं धार्मिक कार्यों में इसका उपयोग पूजन-सामग्री के रूप में किया जाता है | यह न केवल धार्मिक दृष्टि से उपयोगी है बल्कि औषधीय रूप से भी महत्वपूर्ण
मलेरिया का बुखार लोगों को अलग-अलग प्रकार से आता है। मुख्यरूप से उसमें शरीर टूटता है, सिर दुःखता है, उल्टी होती है। कभी एकांतरा और कभी मौसमी रूप से भी मलेरिया का बुखार आता है और कई बार यह जानलेवा भी सि
मैं तो इक, आवारा बादल, इधर-उधर, मंडराता हूं ।जहां कहीं भी, प्रेम विहीन, मानव-ह्रदय, धरती देखी ।इक पल ठहर कर , प्रेम-पूर्ण वर्षा
"मी सिंधुताई सपकाल" इतना सुनते ही मराठी भारतीयों के उद्घोष से सारा हाल गूंज उठा । "जय महाराष्ट्र" इस उद्घोष ने सिंधुताई के मनोबल को बढ़ा दिया और उन्होंने अपना भाषण देना शुरू किया। " दूध में पकाएं चावल
सीताफल (शरीफा) शीतल, स्वादिष्ट, पौष्टिक, तृप्ति –कारक, रक्त व माँस की वृद्धि करने वाला, शक्तिवर्धक व वात पित्तशामक है I इसमें कैल्शियम, लौहतत्व, फॉस्फोरस एवं विटामिन बी-1, बी-2 व सी आदि पर्
अपेंडिक्स होने के कारण क़ब्ज़ रहनाआँतो में भोजन के कण का जाना भोजन में फाइबर की मात्रा का कम होना फलों के बीजों का अपेंडिक्स में फसना अपेण्डिसाइटिस) का रामबाण इलाज। पहला
श्री गणेशाय नमः 🙏🏼🙏🏼🙏🏼 सच्चिदानंद रूपाय विश्वपात्यादिक हेतवे तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नमः। 1.. श्रीमद्भागवत नौका है, चलाने वाले सुखदेव जी, हम सब बैठने वाले ...सोने पर भी पार हो जाएंगे स