आज भी उसे ढूँढ़ने हर रात निकलता हूँ
बिछड़े थे जहाँ वाही पे इन्तजार करता हूँ
पता है की वो अब नहीं आएगी
मगर उसके वापस आने के सपने हजार बनता हूँ !!
7 जून 2016
आज भी उसे ढूँढ़ने हर रात निकलता हूँ
बिछड़े थे जहाँ वाही पे इन्तजार करता हूँ
पता है की वो अब नहीं आएगी
मगर उसके वापस आने के सपने हजार बनता हूँ !!
वाह!
7 जून 2016