ख्वाबों ने आज नींदों से तकाजा कर लिया
रातों के ले अँधेरे फ़िर उजाला कर लिया
कहने को साथ सब होते हैं राहों में यहाँ
तूफाँ कभी जो आया तो किनारा कर लिया
आनी तो मौत इक दिन है, कोई पल आखिरी
क्या डर है , खुदखुशी का जब इरादा कर लिया
हनुमंत तिवारी