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शिक्षा

hindi articles, stories and books related to Shiksha


श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन नीचे वितल, उससे दस हजार योजन नीचे सतल, इ

हमारी आँखें 3 आयामों तक देख सकती हैं। 1 = 1 की शक्ति; 2 = 4 की शक्ति; 3 = 27 की शक्ति। और 1x4x27 = 108। इस तरह से हमारी आंखें मायने रखती हैं।शिव पुराण तांडव (लौकिक नृत्य) में 108 करणों को योग, कलारिपय

1. मनुष्य के शरीर में सूर्य ग्रह-आँख, ह्रदय, हड्डी2. चन्द्र- मन, फेफड़ा, जल, रक्त3. मंगल- माँस, मज्जा4. बुध- बुद्धि, आवाज5. गुरु- मेदा, चर्बी6. शुक्र- आँख, वीर्य7. शनि- घुटना, नस8. राहु- हिंसक जन्तु, घ

1- सांप दिखाई देना- धन लाभ2- नदी देखना- सौभाग्य में वृद्धि3- नाच-गाना देखना- अशुभ समाचार मिलने के योग4- नीलगाय देखना- भौतिक सुखों की प्राप्ति5- नेवला देखना- शत्रुभय से मुक्ति6- पगड़ी देखना- मान-सम्मान

1.सुबह उठते ही अगर शंख या मंदिर की घंटियों की आवाज सुनाई दे तो यह शुभ होता है।2.नारियल, शंख, मोर, हंस या फूल आपको सुबह-सुबह दिख जाए तो समझिए आपका पूरा दिन शुभ बीतने वाला है।3.यदि सुबह घर से निकलते ही

नैमिषारण्य में ऋषियों ने सूतजी से शिवलिंग और शिवलिंग की पूजा के संदर्भ में समस्ता ज्ञान देने को कहा. शिवलिंग की प्रतिष्ठा कैसे करनी चाहिए? शिवलिंग के आकार-प्रकार, परिमाण संबंधित स्थापित परंपरा क्या है

संसार में कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं है, जिसके कुल या वंश में कोई दोष अथवा अवगुण न हो। यदि गहनता से परीक्षण किया जाए तो प्रत्येक व्यक्ति के कुल में कोई--न--कोई दोष अवश्य निकल आएगा। इसी प्रकार संसार में को

 तुम परमात्मा को अपना मित्र बनाओ हर घड़ी अपने को उसकी गोदी में बैठा हुआ अनुभव करो । यह मत सोचो कि वह अदृश्य है, शरीर धारी नहीं है, इसलिए उससे मैत्री किस प्रकार की जा सकती है ? जितना ही तुम उ

श्रील शुकदेव गोस्वामी महाराज परीक्षित को श्रीमद् भागवतम का समापन करने से पहले अंतिम स्कन्ध 12(अध्याय 2 व 3 ) में कलियुग के लक्षण इस प्रकार बताते हैं:–कलियुग के प्रबल प्रभाव से धर्म, सत्य, पवित्रता, क्

          महायुद्ध समाप्त हो चुका था। जगत को त्रास देने वाला रावण अपने कुटुम्ब सहित नष्ट हो चुका था। कौशलाधीश राम के नेतृत्व में चहुँओर शांति थी।       &nb

मुलेठी का काढ़ा बनाकर ठंडा कर व छानकर दिन में ३-४ बार गरारा करने से मुंह व जीभ के छाले ठीक हो जाते है।हरे धनिया का रस मुंह के छालो पर लगाने और सूखे धनिये को पानी में उबालकर उस पानी को छान कर व ठंडा कर

पाठकजनों ने अभी तक भाग-01 पढ़ा, अब भाग- 02 पढ़िए:- भविष्य के लिए कुछ नहीं किया। जिस कारण से उस व्यक्ति का मानव जीवन व्यर्थ गया। कबीर जी ने कहा है कि:- क्या मांगुँ कुछ थिर ना र

 सरल रहो ताकि सब तुमसे मिल सकें!    तरल रहो ताकि तुम सबमे घुल सको!    किसी ने क्या खुब कहा है    साहब    बहुत ज्यादा परखने से,    बहुत अच्छे अ

 जीवन का एक सीधा सा नियम है और वो ये कि अगर अनुशासन नहीं तो प्रगति भी नहीं।अनुशासन में बहकर ही एक नदी सागर तक पहुँचकर सागर ही बन जाती है। अनुशासन में बँधकर ही एक बेल जमीन से उठकर वृक्ष जैसी ऊँचाई

माहवारी से संबंधित एक प्राकृतिक घरेलु उपाय में मालवा नट (मराठी में इसे निरंजन फल बोला जाता है) का सेवन भी किया जाता है जो माहवारी संबंधी बीमारियों में अचूक दवा का काम करता है (उसे रामबाण भले ही न कहे

जब तक यथार्थ आध्यात्मिक ज्ञान नहीं होता तो जन-साधारण की धारणा होती है कि:-1) बड़ा होकर पढ़-लिखकर अपने निर्वाह की खोज करके विवाह कराकर परिवार पोषण करेंगे। बच्चों को उच्च शिक्षा तक पढ़ाऐंगे। फिर उनको रोजगा

दूध और नमक का संयोग सफ़ेद दाग या किसी भी स्किन डीजीज को जन्म दे सकता है, बाल असमय सफ़ेद होना या बाल झड़ना भी स्किन डीजीज ही है।⚫-सर्व प्रथम यह जान लीजिये कि कोई भी आयुर्वेदिक दवा खाली पेट खाई जाती है

वाल्मीकि रचित रामायण (मतान्तर से) के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (छोटी दीपावली) मंगलवार के दिन हनुमान का जन्म हुआ था।हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्‍दू कैलें

हम आपको मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) विंध्य पर्वत पर बसे माँ विन्धवासिनी मन्दिर के इस धाम की महिमा के बारे में बता रहे हैं, जिसका जिक्र धर्म ग्रंथों में भी किया गया है। यहां साल के दोनों नवरात्रों में देश

परिचय:-अपच रोग आमाशय या आंतों के ठीक से काम न करने के कारण होता है। इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति को खाया-पिया भोजन पचता नहीं है तथा उसे खट्टीडकारे आने लगती है। अपच रोग साधारण हो या बहुत अधिक यह आमाशय औ

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