पित्ताशय में कोलेस्ट्रोल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव होने लगता है या सख्त होने लगता है। तब ये धीरे-धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर सिस्ट या पत्थर का रूप ले लेती है।लक्षण:- रोगी को
Treatment for Paralysisलकवा/फालिज/अर्धांगवात/एकांगवात/पक्षाघात के लिए एक बेमिसाल नुस्खाआमतौर पर लकवा को लोग शारीरिक बीमारी समझते हैं और मालिश वगैरह के चक्कर में पड़ जाते हैं। जबकि ये दिमाग से जुड़ी सम
हमारे भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता हैं तब इस भोजन को पचाने के लिए एक “Acid” बनता हैं, जो की पेट में भोजन को पचाने का काम करता हैं. जब यह Acid पेट में जरुरत से ज्यादा बनन
बस, इतनी तमन्ना है श्याम तुम्हे देखूँ, घनश्याम तुम्हे देखूँ...शर मुकुट सुहाना हो, माथे तिलक निराला हो गल मोतियन माला हो...श्याम तुम्हे देखूँ, घनश्याम तुम्हे देखूँ...कानो मैं ह
जाग रे मनव अब तो जागजाग रे मनव, जाग रहा संसार, भाग रे मनव भाग रहा संसार। जो सोता है वह खोता है यहां, जागे हुए का लगता बेड़ा पार। जाग रे मनव अब तो जाग अगर करोगे ईश्वर की भक्ति, तुमको मिलेगी अद्भु
जिन्दगी की दास्तां...!जो पीछे मुड़ के देखा तो,कुछ यादें बुला रही थी।अब तक के सफर की,सारी बातें बता रही थी।।कितनी मुश्किल राहें थीं, हम क्या क्या कर गए।एक सुकून की तलाश में,कहां कहां से गुजर गए।।कि
मौत का तान्ड़व चल रहा है,दोस्तो अब रूठना,लड़ना,गुस्सा बन्द कीजिये , पता नहीं कौनसा Msg,Call या मुलाकात आखिरी हो,, !!!सम्बंधों के ताले को क्रोध के हथोड़े से नहीँ,
जिन्दगी तू भी कच्ची-पेन्सिल की तरह है, हर रोज छोटी होती जा रही है,,!!चेहरे की हँसी से गम को भुला दो, कम बोलो पर सब- कुछ बता दो, खुद ना
कितनी भी महँगी गाड़ी में घूम लो, अंतिम सफर तो बाँस से बनी अर्थी पर ही करना पड़ेगा .!! यही जीवन का सत्य है ...!! पानी अपना पूरा जीवन देकर पेड़ को बड़ा करता है.. इसीलिए शायद पानी लकड़ी को डूब
टूटे न कोई और सितारा, आओ प्रार्थना करें. बिछड़े न कोई हमसे हमारा आओ प्रार्थना करेंतूफाँ है तेज़, कश्तियाँ सबकी भँवर में हैं,मिल जाये हर किसी को किनारा,आओ प्रार्थना करें शरारत किसी
तीन पहर तो बीत गये,बस एक पहर ही बाकी है।जीवन हाथों से फि जयसल गया,बस खाली मुट्ठी बाकी है।सब कुछ पाया इस जीवन में,फिर भी इच्छाएं बाकी हैं*दुनिया से हमने क्या पाया,यह लेखा - जोखा बहुत हुआ,इस जग ने हमसे
भारतीय सभ्यता के नाम.. हमारे द्वारा ही हमारी भारतीय सभ्यता का साथ छूट रहा हैगाय हमारी काऊ बन गयी, &nbs
मैं तुमसे बेहतर लिखता हूं पर जज़्बात तुम्हारे अच्छे हैंमैं तुमसे बेहतर दिखता हूं पर अदा तुम्हारी अच्छी हैमैं खुश हरदम रहता हूं पर मुस्कान तुम्
*केवल मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणी है, जिसका व्यक्तित्व निर्माण प्रकृति से ज्यादा उसकी स्वयं की प्रवृत्ति पर निर्भर होता है।**मनुष्य अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जैसा सोचता है वैसा
*बाबा साहेब का असली मिशन*डा भीम राव अंबेडकर की जयंती पर नमन! बाबा साहेब के कुछ बुद्धजीवी अंधभक्त बाबा साहेब को बगैर पढ़े उनकी मूर्ती के गले या पोस्टर पर माला चढ़ा कर जय भीम, जय-जय भीम बोल कर अपना दायित्
जो सबसे पहले क्षमा माँगता है,वह सबसे बहादुर होता है।जो सबसे पहले क्षमा कर देता है,वह सबसे शक्तिशाली होता है।औरजो सबसे पहले भूल जाता है,वह सबसे अधिक सुखी व्यक्ति है।सब दुःख दूर होने के बाद
सुबह सबेरे छः बजे, छत पर टहल रही थी मैं। प्राकृतिक नजारों का, लुफ्त उठा रही थी मैं। चिड़ियाँ चहचहा रहीं थीं, कौआ कर रहे थे कांव-कांव। किट किट करती हुई गिलहरी, बैठी थी टंकी की छांव। मैं यह सब देखकर उनक
कोरोना के समय पर, लगा था लॉकडाउन। बंद हो गए थे, क्या शहर क्या टाउन। कारखाने हो गए थे बंद, रुक गए थे वाहन चलना। घरों में सब कैद हुए, बंद हुआ बाहर निकलना। चारों तरफ हाहाकार मचा था, हर आदमी डरा हुआ था।
अगर आप से कोई गलती हो जाए तो बहुत देर तक उस का रोना रोते न रहिए, उस का कारण जान लीजिए और फिर आगे की फ़िक्र कीजिए. धीरज से कमजोर आदमी को भी बल मिलता है, बेसब्री से शक्ति बरबाद होती है।जैस
जिंदगी में भी बहुत तुफान ओर झोंकें आते हैं,और जिंदगी में पेड़ से कमजोर रिश्ते और कमजोर साथी इन झोन्कौ में विलीन हो जाते हैं...!कुछ लोग अपनी अकड़ ओर वैअक्ल की वजह से कीमती रिश्ते खो देते हैं ,और