शुक्रिया शब्द. इन मंच
सोचा भी ख्वाब हुआ वो सच
पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में
तीसरा स्थान जो आया
ख्वाब को हकीकत से
इस मंच ने रूबरू कराया
मै नहीं लेखक
ना इस रूप में थी कोई पहचान
इस मंच ने बढ़ाया इतना मान
शब्द टीम का दिल से शुक्रिया
एक बेहतरीन मंच जो हमे दिया
दिया ख्वाहिशों का आसमान
कल्पनाओं को दे पाए अब
हम सभी शब्दों की उड़ान