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श्रृंगार

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"मीना, पापा के लिए चाय बना देना" । मीना की सास रसोई में आते हुए बोली ।"जी, पापा आ गए क्या" ? मीना "बड़ी" की सब्जी बनाते हुए बोली । उसे "बड़ी" की सब्जी बहुत पसंद थी । "हां, अभी अभी आए हैं । देख, तेरे

मर्दकभी के इस दर्द नेमुझे मर्द बना दियामेरी बर्बादी ही मुझेदे चली है अब गमशायद मैंने अपने सपनों मेंपैर का

नौकरीदो दिलों को पागल कर दिया ये प्रदेश की नौकरी वोह भी उधर पागल हुई मैं भी इधर पागल हुआ !!!घर के लोगों के हर बात के ताने उसे यूँ ही पागल कर दिया प्रदेश की ये नौकरी मुझे यूँ ही कुछ कहने लगी

सोहरतकौन सारे अपसाने देखता हैकौन सितम कौन तारे देखता हैन कोई सितम बस ये शिकायत हैभरी जवानी में आपकी ये&nb

भूले भूले हम भूले भूल चुके है जगभूले मगर पराये भूले भूल चुके है हम अपनेइन पैसे मोह माया ने भुला 

भूलेभूले भूले हम भूले भूल चुके है जगभूले मगर पराये भूले भूल चुके है हम अपनेइन पैसे मोह माया ने भुला&

चाँद अब तू भी बता तू कौन से मजहब से है ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेराइस जहा में इंसानों ने सब कुछ तो बाँट दिया हैईश्वर बांटे बाँट दिया जानवर बाँट दिया संसारऐ चाँद अब तू भी बता तू कौन से मजहब से हैख्वाब

तुमसे मुलाकात होगीकभी मेरी तुमसे मुलाकात होगीकभी मेरी तुमसे मुलाकात  होगीतुम बैठोगी सामने मेरे ,मुझे शर्म बहुत आएगीकभी मेरी तुमसे मुलाकात होगी !मैं चाहकर भी तुम्हे छू न पाउगा लेकिनछूना है मुझे चा

मेरी मान मेरी धड़कनचिलम के अंगारे जैसे तेरे गुलाबी होठ ,इंद्रा धनुष के रंग जैसे तेरे गाल ,सुराही में पानी छलकता जैसे तेरी कमर ,आस्मां में चमकते सितारेजैसे तेरे बाल ,मुस्कान तेरी जैसे सुबह के सूरज का नि

उसका मासूम चेहरा देख जिसको उसका हर दर्द कम हो जाताआंखे कहती मुझसे मासूम कोई नही कर शरारत चुपके से वो छिप जाताउसके रहते ना कोई उसको कोई छू पाता घर से जाने पर जब तक वो वापस ना आ जाए वो वहीदरवाजे पर पहरे

कितनी प्यारी सी मुस्कान वाली में लाडली है लियाना घर में घुसते ही अपना जो प्यार ये दिखती लाड ही अलग ये करजाती जैसे जन्मों का रिश्ता हो कोई इस से मिल के अपना प्यार जताती जिसके लिए शब्द ही काम है इतनी प्

एक -तमाशादुनिया एक तमाशा हैये आशा और निराशा हैरंगीन खूब है लेकिनकोई गाढ़ा कोई हल्कादुनिया एक तमाशा हैफूल तो यहा

जिन्दगी को पतंग न बनने दोजिन्दगी को पतंग न बनने दो ,डोर किसी और को थमानी पडेगी।खुले आसमान में उड़ाने की ख़्वाहिश,किसी और के दिल में जगानी पड़ेगी।।होंगे हजारों काटने को बेताब ,खेल बनकर रह जाएगी जिन्दगी।एक

छोटी- ज़िन्दगीछोटी सी है ज़िन्दगीइसमें कोई नया मिल जाता हैफिर कुछ सुरु होता हैहोते होते ये क्या होता हैकी कोई&nb

स्वभावमेरा स्वभाव मेरी किताबों से पूछोदिल दर्द मेरा किताबों से पूछोहाल बेहाल मेरा कविता से पूछोपूछो जरा दर्द क्या होता हैजानो जरा बेहाल क्या होता हैसोचो जरा लगाव क्या होता हैजिसने किया नहीं मोहब्बत मे

आंखे मेरीखुली है आंखे मेरीआईना तलाश न करमेरे भी शिवा कोई आशना तलाश न करसितारे तोड़ने हो तो बुलंदियां तय करजमी पर जाने वफ़ा आशमा तलाश न करकही पड़ न जाए तेरा खुद वजूद खतरे मेंमुझे जलने को तू बिजलियाँ 

मजदूर मेहनत कश मजदूरों से सिखोंत्याग तपस्या से धन अर्जन करनासबसे ज्यादा मेहनत करने पर भीपेट भर रोटी न मिल पानाअपने दिन पर रो रहे हैपूछो इनसे इनका कारणमजदूरों के ही सहारेखड़ी है दुनिया इनके बल सेअप

लालिमाछोड़ जाना है ये लालिमाअब तेरे इस सहर मेंजिस तरह से बरसातछोड़ देता है अपनी बूदों कोछोड़ जाना है मुझे प्रकाशअब तेरे इस सहर मेंजिस तरह से पौधेनए पत्ते निकलते पुराने पत्ते छोड़ देते हैलेकर हमें जाना है

गुजारिशन शिकवा न गुजारिशखुदा से है अरमान ,मेरी कस्ती क्यों जलीजला क्यों मेरे अरमानजल रहा जवानी की आग मेंपर&nbs

जीना सीखाज़िन्दगी हर किसी को जीना सीखा देती हैकोई मरहम लगाकर जीना सिख लेता हैकोई मरकर ज़िन्दगी जीना सिख लेता&nbs

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