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वे आँखें

3 अगस्त 2022

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अंधकार की गुहा सरीखी

उन आँखों से डरता है मन,

भरा दूर तक उनमें दारुण

दैन्‍य दुख का नीरव रोदन!

अह, अथाह नैराश्य, विवशता का

उनमें भीषण सूनापन,

मानव के पाशव पीड़न का

देतीं वे निर्मम विज्ञापन!


फूट रहा उनसे गहरा आतंक,

क्षोभ, शोषण, संशय, भ्रम,

डूब कालिमा में उनकी

कँपता मन, उनमें मरघट का तम!

ग्रस लेती दर्शक को वह

दुर्ज्ञेय, दया की भूखी चितवन,

झूल रहा उस छाया-पट में

युग युग का जर्जर जन जीवन!


वह स्‍वाधीन किसान रहा,

अभिमान भरा आँखों में इसका,

छोड़ उसे मँझधार आज

संसार कगार सदृश बह खिसका!

लहराते वे खेत दृगों में

हुया बेदख़ल वह अब जिनसे,

हँसती थी उनके जीवन की

हरियाली जिनके तृन तृन से!


आँखों ही में घूमा करता

वह उसकी आँखों का तारा,

कारकुनों की लाठी से जो

गया जवानी ही में मारा!

बिका दिया घर द्वार,

महाजन ने न ब्‍याज की कौड़ी छोड़ी,

रह रह आँखों में चुभती वह

कुर्क हुई बरधों की जोड़ी!


उजरी उसके सिवा किसे कब

पास दुहाने आने देती?

अह, आँखों में नाचा करती

उजड़ गई जो सुख की खेती!

बिना दवा दर्पन के घरनी

स्‍वरग चली,--आँखें आतीं भर,

देख रेख के बिना दुधमुँही

बिटिया दो दिन बाद गई मर!


घर में विधवा रही पतोहू,

लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,

पकड़ मँगाया कोतवाल नें,

डूब कुँए में मरी एक दिन!

ख़ैर, पैर की जूती, जोरू

न सही एक, दूसरी आती,

पर जवान लड़के की सुध कर

साँप लोटते, फटती छाती!


पिछले सुख की स्‍मृति आँखों में

क्षण भर एक चमक है लाती,

तुरत शून्‍य में गड़ वह चितवन

तीखी नोक सदृश बन जाती।

मानव की चेतना न ममता

रहती तब आँखों में उस क्षण!

हर्ष, शोक, अपमान, ग्लानि,

दुख दैन्य न जीवन का आकर्षण!


उस अवचेतन क्षण में मानो

वे सुदूर करतीं अवलोकन

ज्योति तमस के परदों पर

युग जीवन के पट का परिवर्तन!

अंधकार की अतल गुहा सी

अह, उन आँखों से डरता मन,

वर्ग सभ्यता के मंदिर के

निचले तल की वे वातायन! 

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"'युगांत' में 'पल्लव' की कोमलकांत कला का अभाव है। इसमें मैंने जिस नवीन क्षेत्र को अपनाने की चेष्टा की है, मुझे विश्वास है, भविष्य में उस मैं अधिक परिपूर्ण रूप में ग्रहण एवं प्रदान कर सकूँगा।" सुमित्रनंदन पंत छायावादी युग के प्रमुख 4 स्तंभकारों में से एक हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में उच्छवास, पल्लव, मेघनाद वध, बूढ़ा चांद आदि शामिल हैं। उन्हें साहित्य में योगदान के लिए पद्मभूषण व ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
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