21 जून 2015
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खुशमिज़ाज तथा परले दर्जे की बातूनी। नयी जगहें देखना, नए लोगों से मिलना, दोस्त बनाना, छायाचित्रकारी - इन सब में रूचि रखती हूँ। D
तनिक रुक, सुस्ता ले कुछ देर यह पल फिर नहीं आने वाला लौट कर........ सुन्दर रचना बधाई |
25 सितम्बर 2015
शर्मा जी रचना पसंद करने के लिये धन्यवाद।
12 जुलाई 2015
जी ले यह लम्हा, जी भर कर.... पारुल जी, अति सुन्दर रचना....बधाई !
23 जून 2015