बाद मे पता चला कि हमारे ही ग्रुप का एक प्राणी पहले ही सबके विकेट गिरा चुका था कॉलेज टाइम मे ही,अरविन्द वो खास इंसान।(अरविन्द झरा)
इसमें खास बात ये रही कि सबके इतना मेहनत करने पर भी वो इंसान बाजी मार गया जिसे किसी को उम्मीद ही नहीं थी।
आज भी हमारे कुछ फ्रेंड कि जल जाती है जब उन्हें साथ मे देखते है।और सुनने को तो ये भी आ रहा है कि ये लोग शादी भी कर रहे है शायद।
मात्र इतनी खबर से ही अजय जो की ज्यादा योग्य था शायद इसके लिए,आज भी सदमे मे है।भाई ने इसके लिए कितने ब्रत और दुवाएं मांगी होंगी।ये दुःख हम्म समझ सकते है।
लेकिन एक बात खास है कॉलेज से निकलने के इतने साल बाद भी हमारे बीच कुछ नहीं बदला,वो दोस्ती आज भी वैसे ही है। आज भी जब भी हमारा ग्रुप एक साथ होता है उस खास शक्श का नाम मात्र ले लेने से सारे दोस्तों में ख़ुशी कि लहर दौड़ जाती है।
कॉलेज के टाइम मे फनी ये भी था कि जिस नाम के लोग एक से ज्यादा हो उनके नाम कुछ इस तरह से रखे जाते थे...अरविन्द पच्चीसी,अरविन्द सुर्तीवाला,अरविन्द झरा,गोविंदा,राहुल बजरंगी ये सारे फनी नाम आज भी हमारे मस्तिष्क मे ताज़ा है।
इतनी अच्छी यादें मिली है हमें जो हम कभी नहीं खोना चाहेंगे।
Congratulations Dosto...तुम्हारी यादें आज भी ताज़ा है।
लेकिन आज भी वो दिन याद आते है। जब क्लास टाइम जो भी सीखने को मिला उन टीचर्स से वो लाजवाब अनुभव रहा,जमाल सर का प्रैक्टिकल लैब,आफताब सर का फिजिक्स का प्रेक्टिकल बहुत याद आते है वो दिन। बहुत मिस करते है उन टीचर्स को उन दोस्तों को जो शायद कॉलेज के बाद दोबारा मिले ही नहीं...हमारे केमिस्ट्री टीचर जमालुद्दीन अंसारी(जमाल सर),फिजिक्स टीचर आफताब सर,इंग्लिश लेक्चरर आफताब कमाल सर,हिंदी टीचर लक्ष्मी नारायण पाण्डेय, ब्रिजभान सर,मैथ टीचर जैनुल सर,अहमद कमाल सर,आसिफ सर।
ये वो नाम है जिनको हम ताउम्र मिस करेंगे।
मिस यू सर....
मिस यू दोस्तों....
त्रिभुवन गौतम s\o शिव लाल
शेखपुर रसूलपुर चायल कौशाम्बी उत्तर प्रदेश इंडिया।