आदर्शों की मिसाल बना के,सदा ज्ञान का प्रकाश जगाता।बाल पन महकाता शिक्षक,भाग्य हमारा शिक्षक बनाता।।गुरु ज्ञान का दीप जलाकर,जीवन हमारा महकाता शिक्षक।विद्या का धन देकर ऐसे,मन आलोकित करता शिक्षक।।धैर्य का
,शीर्षक --शिक्षा का मोलशिक्षा का मोल होता है,अगर शिक्षा दिल से मिले तो,वो शिक्षा कहला जाती है,दुनिया में अनमोल है।शिक्षा तो हर कोई पाता है,मगर खुद से जीतता है,कोई कोई ही है।बड़ी बड़ी डिग्रियां पाकर भी,ल
शिक्षा है इंसान की शोभा,अंधकार जीवन का मिटाये।सद्गुण, संस्कार दे जीवन को,अलंकार जन मन कहलाये।।देश प्रगति शिक्षा पर निर्भर,शिक्षा से विकसित मन होता।शिक्षित जन देश की ताकत,धरती से अम्बर तक पहुंचा।।हर जन
हमारे देश में 11 सितंबर 2008 को केन्द्र सरकार द्वारा देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद की जयंती को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' के रूप में मनाये जाने की घोषणा की
शिक्षा मानवीय विकास का आधार है । वास्तव में यह उस हस्तांतरित ज्ञान के रूप में है जिससे आगे की पीढियां जीवन को सार्थक रूप में जीने की कला से साक्षात करती हैं । शिक्षा परिचित कराती है नवीन पीढ़ियों को उस
जैसा की हम सभी जानते है की शिक्षा के बिना इस धरती पर कुछ भी संभव नही हैं किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिये शिक्षा बहुत जरुरी है हम चाहे किसी के भी उपलक्ष्य में या जयंती में शिक्षा दिवस मनाये किन्तु