आप और हम जीवन के सच में मन और भावनाएं संस्कार के आचरण हम सभी को समानाधिकार और अपने जीवन के साथ सोच है बस हम सभी स्वार्थ और दिखावे के साथ अपना अपना दृष्टिकोण और जज़्बात के साथ समाज में अपने विचार और सोच के साथ स्वतंत्र रहते है।
आज हम समाज युवा युवती महिला पुरुष और वृद्ध वृद्धा के साथ जीवन जीते हैं बस यही हमारे जीवन में सोच और मानसिकता के साथ दुख और सुख अच्छा बुरा की अनुभूति एक उम्र के साथ अनुभव और सच और झूठ के अंतर को जिंदगी में एहसास करते है परन्तु आप और हम जीवन के सच में मन और दिल की चाहत और जज़्बात तो हम सबके एहसासों और एतबार के साथ है। जिससे हम अपने तर्क विचार से परिवार और दोस्तों के साथ दोस्ती का विश्वास और सहयोग करते है।
हम सभी मन की चंचलता और उमंगों में केवल धन और शोहरत दौलत चाहते हैं क्योंकि आज एक जरुरत हम सभी ने बना दी है और नारी पुरुष के प्रेम की तुलना शारीरिक आकर्षण और संबंध का महत्व है बस हम सभी को आप और हम जीवन के सच में अपनी सोच और अपना वर्चस्व अधिकार की जरूरत और चाहत रहती है हम सभी कुदरत और ईश्वर को भी केवल एक मन स्वार्थ और कहीं न कहीं मृत्यु और कर्म के अर्थ या भय से जुड़ाव रखते है। परन्तु हम सभी संसारिक आकर्षकता में जीवन यापन करते हैं साथ ही कहीं न कहीं मन में एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा और तुलना का अनुसरण करते है।
आज समाज में नारी विधवा या परपुरुष दोस्त बन जाती है तब हम उसे गलत और बदचलन की सोच रखते है बस अगर वही नारी आपसे संबंध और दोस्ती करे तब वह सही और बेचारी हो जाती है ऐसा क्यों?
हम सभी अपने विचारों और अपने को सही मानते है जबकि ऐसा नहीं है सभी नारी पुरुष युवा युवती वृद्ध वृद्धा की भी एक इच्छा और मन के भावों का जीवन है यह कोई उपदेश या भाषण नहीं है बस हम सभी के समाजिक और सोच के साथ है। बस आप और हम जीवन के सच में एक समाजिक सोच सबके विचारों का मंथन होना चाहिए। और उम्र के साथ हम किसी को नजरंदाज नहीं कर सकते है। तब ही पश्चिम सभ्यता को मिलाकर हम जीवन जिंदगी जीते है।
आओ हम सभी मिलकर एक दूसरे के सहयोगी बने और जीवन में विचारों को समझकर आप और हम जीवन के सच में सोच बदले और दूसरों के निस्वार्थ सहयोगी बने और जीवन खुशियों के साथ जीने की राह बनाए।।