आज असंभव से संभव के प्रयास में आप और हम जीवन के सच में आज एक समाजिक और आधुनिक सोच के अंतर्मन मन की कल्पना है कि शब्द का अर्थ और सच ही तो जीवन का अपना अपना दृष्टिकोण और जज़्बात के साथ है बस हम अपने जीवन में रिश्तों के साथ सम्मान और सहयोग देते हैं परन्तु सभी को एक शब्द सम्बन्ध और व्यवस्था का सहयोग और एहसास हो और एक दूसरे की समझदारी भी जरुरी हैं जिससे हम सभी समाज में नारी पुरुष का ही संसारिक आकर्षण और रिश्ते और सम्बन्ध होते हैं। और हम सभी समाज के साथ जुड़कर संसारिक आकर्षण और आंनद में शामिल होकर जीवन का अर्थ और लक्ष्य सोचते है हम जन्म लेते है और जब हम युवा हो जाते है तब हम अपने मनोभाव को सहयोग और महत्व देने लगते है । हम जीवन में एक शब्द जुनून जो कि मन और भावनाओं की मजबूत इरादों को सहयोग करता है बस यही बात असंभव को भी संभव कर सकती है आज देश में आज की नारी एक शक्ति और सहनशीलता के साथ आज की कहानी के माध्यम से शीर्षक सच करती है और असंभव को संभव बनाती है जबकि एक सच तो यह है कि नारी का अपना जीवन ही कहाँ है बस फिर भी नारी जीवन के हर मोड़ पर बदलाव करती नजर आती है
एक उदाहरण नारी के सम्मान और असम्मान के साथ भी है और सच तो हम स्वंय ही नहीं जानते है जीवन के सच में आज एक शब्द और गरिमा का मान हम जीवन में समर्पण के साथ सोचे तो जीवन है क्या ? सच सोचे तब हम अपने जन्म मरण और आर्थिक पारिवारिक के साथ आकर्षण और आंनद के साथ हम सभी का जीवन एक खुला रंगमच है बस हम जैसे परिवेश और आर्थिक स्थिति के साथ जीवन जीते है और हम सभी समाज के साथ अपने व्यवहार का अनुसरण करते है बस आप और हम जीवन के सच में आप अपने सच को समझे और हम अपना जीवन निस्वार्थ भाव से तरीके से जीए न कि दूसरों के डर से अपनी मन भावों को दबाए क्योंकि जीवन में आज हम सभी का नाता आज धन और कमाई के साथ सच है पहले कभी कहावत थी बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपया तब आप और हम जीवन के सच में सोचे कि वह कहावत आज सच है अब आप कहेगें यह हम सभी जानते है। हाँ सच हम जानते समझते है परन्तु क्या हम सभी ऐसा करते नहीं है कि आज हम दोस्ती इश्क मोहब्बत और प्यार के संबंध भी जीवन के ऐसे व्यक्ति से जोड़ना चाहते है जिसके पास धन और शोहरत है आप और हम जीवन के सच में हम नारी पुरुष का राग अलापते है कि बलात्कार हो गया और बिन ब्याही माँ बन गई। ऐसी खबर और बात हम आए दिन देखते बस आप और हम जीवन के सच में सोचे कि एक कहावत है नारी का त्रियाचरित्र ईश्वर भी न समझे है तब आप बताए जीवन में संसारिक आकर्षण तो नारी पुरुष का अधिकार और संग साथ है।
आप और हम जीवन के सच में आज आधुनिक परिवेश और पहनावा रहन सहन खान पान का ध्यान हम रखते है तब हम जीवन में अपने शब्दों या कमिटमेंट पर बदलते क्यों? अगर नारी ने पुरुष से प्यार किया है तब नारी पुरुष शारीरिक संबंध और रिश्ते बनेगे। और एक कड़वा सच हम सभी को सबकुछ मालूम होता है कि जीवन में जो हम राह चल रहे से ढक ले दूसरे की गलती बताकर आप और हम जीवन के सच की दिशा बदलने का प्रयास करते है परन्तु जीवन का सच और हकीकत में कुदरत का न्याय और निर्णय सर्वोपरि होता है हम समझे या न समझे परन्तु वर्तमान से जुड़कर ही भविष्य चलता है और आप और हम जीवन के सच के सफर में हम सच और मानवता के साथ एक सच और आपके जीवन के अनछूए लम्हें आपको याद भी