क्या आप बहुत कोशिश करने के बाद भी समय पर अपना कार्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं? हम समय के सही उपयोग या महत्व (How To Understand the Importance of Time in Hindi) के विषय में बात करते हैं पर क्या हमें सही तरीके से पता भी है समय कहते किस चीज को हैं?
समय का महत्व जीवन में अन्य-अन्य पल में अलग-अलग होता है। कभी समय के जीवन के लिए बहुत ही अनमोल होता है तो कभी ना के बराबर।
एक छोटे बच्चे के लिए- समय ना के बराबर है
एक किशोर या young age के लिए- समय उत्साह, मज़ेदार,उमंग से भरा है
एक वयस्क के लिए- समय कार्य से भरा हुआ है
तथा बुजुर्गों के लिए- समय जरूरत से ज्यादा है
आप सब ने एक कहावत तो सुना ही होगा ! धनुष से छुट हुआ तीर, मुह से निकला हुआ शब्द और बिता हुआ समय कभी वापस नहीं आता । अपने जीवन को सही तरीके से चलने में समय का बहुत ही ज्यादा महत्व है।
इसके उपयोग के लिए सबसे जरूरी है अपने जीवन के मुख्य प्राथमिकताओं को समझना
(टाइम ट्रैवल)
कोई पागल व्यक्ति है जिसकी चेतना, एक जगह स्थित नहीं है, उस व्यक्ति को आप 1 घंटे के लिए, कहीं पर बैठने के लिए कह दे, या फिर उस व्यक्ति का 1 घंटे का फर्क, बताने के लिए कह दे, उसे ऐसा लगता है कि, बस अभी अभी मैंने, यहां पर बैठा था, कभी-कभी हम लोगों के साथ भी ऐसा होता है, जब हमें ख्याल ही नहीं रहता, तब ऐसा होता है कि, इतना जल्द एक घंटा कैसे निकल गया, लेकिन जब कोई व्यक्ति का ध्यान, समय के ऊपर टिक जाता है तब, 1 मिनट भी उससे, कुछ घंटे की तरह लगता है,
आपकी बॉडी एक समय में, साधारण से बातों को फॉलो कर पाता है, वह पागल आदमी, अपने ख्वाबों की, दुनिया में सफर करता है, इसलिए उसे इस दुनिया का एक तिहाई सच को समझ नहीं पाता,
जब कोई व्यक्ति सोचता है मेरे पास उस कार्य को करने के लिए समय नहीं या मैं बिजी रहता हूं, जब तक आपके मन में ऐसी धारणा रहती सचमुच आप समय को बचा नहीं पाते,
जैसे कि मान लिया जाए हर कोई व्यक्ति,
किसी कार्य को अपनी क्षमता अनुसार,
1 घंटे में अंजाम देता है, तो कोई किसी कार्य को कई घंटे में अंजाम देता है,
अब यहां पर सवाल आता है कि,
हर किसी के कार्य करने के अपने तरीके होते हैं,
लेकिन एक बात मैं आप लोगों से कहता हूं,
अगर आपके समझ को हटा दी जाए,
तो वहां पर आपका समय का कोई वजूद नहीं रहता, आपकी समय भी लगभग आपके समझ पर डिपेंड करती है
इसलिए कभी भी अपने मन में यह धारणा ना लाएं, आपके पास किसी भी कार्य को करने के लिए समय पर्याप्त नहीं है,
जिस घड़ी आप ऐसा सोचते हैं,
आपके पास सच में समय पर्याप्त नहीं रहता,
एक बच्चा जब भूखा रहता है तब उसके लिए समय का वजूद बड़ा हो जाता है, जब वह खेलता है तब उस पल समय का वजूद छोटा हो जाता है,
साधारण भाषा में कहीं जाए तो समय,
ऐसी चीज है जिसे आप अपनी जरूरत के अनुसार घटा सकते हैं और बड़ा भी सकते हैं,
जो किस समय वही रहते हैं यह एक बहुत ही रहस्य है कि 24 घंटा का दिन रात बराबर होकर भी सबके लिए बराबर नहीं लगता,