मां की लोरियां
जब मैं छोटा था तब मेरी मां, मुझे नींद नहीं आती, तब मुझे यह लोरी, गाकर सुनाती थी_ चंदा मामा दूर के
पूरी पकावे भीड़ के. अपने खाए थाली में,
मुन्ना के देवे प्याली में.
प्याली गया टूट, मुन्ना गया रूट,
अब ने जावे मामा के दुवरिया,
टप टप गिरते लोर,_ यह हमारे लिए कितनी मासूम विचार होते थे_
मैं सच सच कहता हूं, यह मेरे मन में घर कर जाता था, मैं सोचता था
कि सच में मेरा मामा, चंदा मामा है, उन्होंने
पूरी पकाए थे, अपने थाली में खाए थे_ और हमको प्याली में दिए थे_ प्याली तो टूटना ही था_ वह टूट गया_ उन्होंने हमको_ थाली में क्यों नहीं दिया_ कुछ इस प्रकार के मासूम विचार_ हमारे अंदर चल रहे थे_ इस लोरी से_ मन को सुकून मिलता था_
मैं सच कहता हूं, मेरा दिल इस बात को सुन, मैं रोने लगता था, मेरी मां मुझे थपथपाते हुए सुला देती थी_ फिर मेरी मां कहती थी
जब मुझे नींद नहीं आती थी_
[तो यह लोरी सुनाती ]
आवे रे फूदुक चिरैया,
फूदुक धान फोकले जो रे
तोरे खोतवा में, आग लगलो,
बबुआ के, निंदिया आजो रे,
मत पूछो, मां के शब्दों में, इतने मिठास होती थी, ऐसा लगता था, जैसे सच में= कोई चिड़िया¶ मेरे लिए नींद ,
लेकर आ रही है😪😪😪
बदले में मेरे धान खाकर जाएगी, कुछ ऐसे सुंदर विचार हमारे मन में चलता था,, मां की लोरी से मिठास, हमने आज तक_ कोई संगीत नहीं सुनी है_ उन में दर्द होता था_ वह लोरियां हमें प्रभावित, करती थी_ आज तो लोग_ अपने बच्चों के पास_ म्यूजिक और खिलौने देखकर, परोस कर_ अपने बच्चे को छोड़ देते हैं_ वह मां की लोरियां सुनते हुए_ हमारे मन में कितने सुंदर विचार_ बनते थे_ मां की लोरी हमारी_ सुंदर सपने, को सजाने का कार्य करती थी_
वह लोरी हमारी चेतना को जगाती ,
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. मां और बच्चे के रिश्ते की मिठास बढ़ाती है लोरी
ऐसा माना जाता है कि मां की लोरियां सुनने से बच्चे और मां का रिश्ता और गहरा हो जाता है। दरअसल, कोई भी बच्चा सबसे पहले अपनी मां की आवाज़ को ही पहचानना शुरू करता है। विशेषज्ञों की मानें तो लोरी इस पहचान को मज़बूती देने में काफ़ी मदद कर सकती है। चूंकि लोरी गाने पर बच्चा अपनी मां की आवाज़ को ज़्यादा देर तक सुन पाता है, इसलिए मां के साथ उसका जुड़ाव भी गहरा हो जाता है।
2. बच्चे के दिमागी विकास में मदद करती है लोरी
लोरी सुनने से बच्चे के मस्तिष्क का भी विकास होता है। इससे बच्चे के मस्तिष्क के कई हिस्से एक साथ उत्तेजित होते हैं, जिससे बच्चे का दिमागी विकास होता है। लोरियां सुनकर बच्चा अलग-अलग ध्वनियों के बीच फ़र्क करना भी सीख जाता है।
3. लोरी से बच्चे को अच्छी नींद आती है
दरअसल, लोरी गाई ही इसलिए जाती है ताकि बच्चे को अच्छी और गहरी नींद आ सके। अगर बच्चा ठीक से ना सोए, तो उसे चिड़चिड़ाहट या थकान होने लगती है। ऐसे में लोरी बच्चों के ऊपर किसी जादू की तरह असर करती है और उन्हें गहरी नींद के आगोश में भेज देती है।
4. बच्चे की भाषा पर पकड़ को बढ़ाती है लोरी
लोरियां सुनने से बच्चे की भाषा सीखने की क्षमता बढ़ जाती है। लोरी में इस्तेमाल किए गए शब्द बच्चे को धीरे-धीरे याद होने लगते हैं और वो बाद में उन शब्दों का सही इस्तेमाल भी करने लगता है। दरअसल, लोरी किसी छोटी कविता जैसी ही होती है, जिसके इस्तेमाल से बच्चे को भाषा सीखने में मदद मिलती है।