👉(नेगेटिव voice)
यहां पर कुछ बातों पर गौर करिए, कुछ दोस्त ऐसे होते हैं, जो सिर्फ तर्क करने के लिए, दोस्ती करता है, असल में से आपको कोई रुचि नहीं, उल्टा उसके दिल में, आपके लिए घटिया सोच है, वह आपसे घृणा करता है, यहां पर मैं कुछ बातें का उदाहरण देने जा रहा हूं,
श्याम बैठा है- उसके साथ आप दो-तीन साथी, बैठे हुए हैं,
असल में श्याम ने फैसला किया है, वह किताब लिखेगा, श्याम को लेखन के बारे में कुछ नहीं पता, लेकिन ऐसा उसने सोचा है, पहला दोस्त बोलता है' अरे देखो इस घोंचू को, यह राइटर बनेगा, कौन पसंद करेगा इसकी रचना को, शक्ल तो देखो अपनी, शरीर पर ठीक से, कपड़ा भी नहीं है, भिखारी कहीं का,= दूसरा साथी कहता है हां देखो ना यार कितना काला भी है, और छोटा कद भी है, कैसे छू पाएगा आसमान की बुलंदियों को, देख सपने देखना बंद कर दे, सब सपने देखने से ही सच होते, तो तेरे जैसा ऐरा गैरा की, कुछ बन जाता, तीसरा साथी कहता है= तुम्हारी औकात भी नहीं है, तुम मंदबुद्धि हो, तेरे जैसे कितने आए कितने गए, श्याम के पास इन बातों का, भला क्या उत्तर है श्याम दुखी हो जाता है, अगर आपके शरीर में, कोई बीमारी है तो, वह बीमारी आपको, कुछ दिन तक है कष्ट देता है, लेकिन आप तर्क करने वाले मित्रों के साथ रहते हैं, तो आप सारा जीवन कष्ट पाते हैं, तथा नाकाम रहते हैं, अगर जो मित्र आपकी, हंसी उड़ाए, वह मित्र नहीं, आपकी ना कामयाबी का जड़ है, आप सबसे पहले, उस दिन हटा दें, जिस दिन आपकी हंसी उड़ाया जाए, हम किताबों में बातें पढ़ कर, या किताबों से दोस्ती करके, इसलिए कामयाब हो जाते हैं कि, किताब कभी भी हमारी निंदा नहीं करता, अगर श्याम की कान इन बातों को सुनता है, तो क्या उसके शरीर में, पॉजिटिव एनर्जी आएगी, नहीं ऐसा नहीं होगा इसलिए हम इसे, नेगेटिव साउंड कह सकते हैं, जो सिर्फ हमें, नकारा निकम्मा बनाने के लिए काफी है,