पर कुछ उदाहरण देने जा रहा हूं
जैसे मान लीजिए कि= एक लड़का है, Shyam,
वह राम से कहता है कि, कल मैं बस में सफर कर रहा था, रास्ते बहुत ही खराब थी, बस का एक्सीडेंट होने वाला था, तुम नहीं जानते, बस में एक महिला से, मुलाकात हुई, और वह मुझे, टच करने लगा वह मेरे हाथों को, पकड़ रहा था, कुछ इस तरह से, Shyam, राम के हाथों पकड़ लेता है लेकिन वह कह रहा है, बस का एक्सीडेंट होने वाला था , और महिला ने मेरे हाथों को पकड़ रखा था, अगर उस महिला ने, तुम्हारे हाथों को कुछ इस तरह पकड़ लिया होता, फिर वह तुम्हारे हाथ को और जोर से पकड़ लिया होता श्याम राम के दोनों हाथों को, पकड़ लेता है, जो कि यहां पर राम, सोच रहा है कि, बस मैं अनेक यात्री थे, इसमें एक महिला थी, और बस का एक्सीडेंट होने वाला है, उस महिला ने, श्याम को हाथों को पकड़ रखा है, लेकिन कभी-कभी राम देख रहा है, श्याम ने उसके हाथ को, पकड़ रखा है, लेकिन उसकी फीलिंग वहां पर नहीं है , उसकी भावनाएं तो बस में सफर कर रही है, इसलिए राम को एहसास नहीं होता, श्याम ने उसके हाथों को पकड़ रखा है, वह श्याम के इरादा को समझ नहीं पता है, क्योंकि वह तो जानता है, श्याम का एक्सीडेंट होने वाला है, अगर श्याम घटना पर विवरण ठीक प्रकार से करता है तो, बहुत से लोग, धोखा खा जाते हैं,
इस प्रकार के तरीकों को, कभी-कभी, जो ठग होते हैं वही अपनाते हैं, वह अपनी बातों में, लोगों का ध्यान भटका देता है, मैंने कई बार देखा है, एक बार मैंने देखा था कि एक बुजुर्ग महिला - उसके पास कुछ पैसे थे, एक ठग उसके पास चला जाता है, उसने कुछ इस तरह से बातें की - देखो मैं रास्ते में आ रहा था, कुछ लोगों ने मेरे पैसे छीन लिए हैं, यह मार्केट के लोग अच्छे नहीं हैं, तुम्हारे पास बहुत से पैसे हैं, कुछ लोग तुम्हारे रुपए छीन ना चाहते हैं, तुम अपने पैसे को छुपा सकते हो, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है ,वह इंसान इतनी चलाकी से- अपनी बात को दर्शाता है कि- लोगो उसे रियल समझने लगते हैं, उस महिला ने उस चोर को अपने पैसे खुद निकाल कर दे देता है, मैं बहुत ही हैरान था, के यह कैसे संभव है, लेकिन कभी-कभी जिसे खुद पर कंट्रोल होता है, जैसे कभी-कभी ऐसा होता है कि= लोग अधिक भीड़ को देखकर, उसकी यादें कुछ देर के लिए, मिट जाते हैं, वह भूल जाता है, उसे जाना कहां है, यह रास्ता कहां जाते हैं वह इंसान चकमा खा जाता है, वह सोच नहीं पाता, तभी कोई व्यक्ति, उसे रास्ता दिखाता है, फिर कुछ देर के बाद, वह अपने अवस्था में आ जाता है,कभी-कभी ऐसा होता है कि आपने देखा होगा,- कोई व्यक्ति आपसे कहता है, कि देखो श्याम तो चोर है उसने मेरे इतने पैसे मार ली है इतने पैसे मार ली है उसने मेरे साथ यह की है वह की है तब आप बहुत गौर करके देखेंगे की आपकी फीलिंग उस आदमी के प्रति चली जाती है जोकि आप इस आदमी पर भरोसा कर लेते हैं और आप इसे पैसे देते हैं क्योंकि आपको बताया जा रहा है की सामने वाला व्यक्ति चोर है और आपका पूरा फिलिंग यूं कहिए कि ध्यान उधर चला जाता है तब आप सत्य को पकड़ नहीं सकते और आपके साथ बहुत कुछ उल्टा हो जाता है जिसका अंदाजा नहीं लगा सकते हैं