कई बार हम सामने वाले से बहस तो करते हैं लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकलता। या ये कहें कि सामने वाला आपकी बात को समझने की क्षमता नहीं रखता। ऐसा तब होता है जब सामने वाला मूर्ख हो। यानी कि उसे किसी भी बात की सही समझ ना हो। ऐसे व्यक्ति से बहस करके आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा बल्कि आपका समय ही बर्बाद होगा। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मूर्खों से वाद विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे केवल आप अपना ही समय नष्ट करेंगे
कोई व्यक्ति आपको किस आधार पर कन्वर्ट कर सकता है शायद आप इसका अंदाजा ना लगा पाए लेकिन उसका एक परफेक्ट प्लान होता है, इनमें से प्रमुख कारण पर देने जा रहा हूं-
आपकी राय के आधार पर,
इसमें कई श्रेणियां होती हैं,
पहले श्रेणी में आपको अपनी कमी बतलाता है,
दूसरी श्रेणी में वह व्यक्ति पहले आपकी प्रशंसा करता है तथा आपका दिल जीतने की कोशिश करता है,
वह व्यक्ति ऐसा दिखलाता है जैसे वह आपकी बातों से सहमत है लेकिन उन बातों में थोड़ी बहुत गलती है जो उसे वह सुधारना चाहता है,
वह व्यक्ति आपकी पॉजिटिव बातों को चुनता है तो आपको इसी के जरिए प्रभावित करता है,
जैसे कि हर किसी की जिंदगी में होता है और सब करना चाहते हैं,
हर व्यक्ति कामयाब होना चाहता है,
वह व्यक्ति आपकी कामयाबी को लेकर चिंता करता है ,
जो प्रत्येक व्यक्ति करता है, यह बातें हर किसी को पसंद है, कि कोई उसकी कामयाबी की चिंता करें,
वह व्यक्ति आपसे कहता है कि आप करना तो चाहते हैं मगर कोई आपको सपोर्ट नहीं कर रहा यहां तक कि आपके घर वाले भी नहीं इतना चिंता करने की जरूरत नहीं मैं आपके पक्ष में खड़ा हूं और आपको सहयोग करूंगा, जो कि प्रत्येक व्यक्ति ऐसा चाहता है,
पिता की फटकार सुनना मां बाप की डांट फटकार तथा क्लेश निंदा फटकार इस तरह से आप अपने जीवन में टूट जाते हैं इस तरह से आप कभी भी अपने जीवन में कुछ नहीं कर सकते आपको बढ़ना होगा खुद आपको आत्मनिर्भर होना होगा
जो कि प्रत्येक व्यक्ति ऐसा चाहता है,
आप अपने जीवन में कुछ नया करना चाहते हैं,
जो कि प्रत्येक व्यक्ति चाहता है,
आप मैं कुछ अलग बात है, आप दुनिया से हटके हैं,
जो कि प्रत्येक व्यक्ति अपने लिए ऐसा सुनना चाहता है,
वहां पर आपको सबसे पहले आपकी बातों को पूरी तरह से रखने के लिए आजादी दी जाती है जोकि हर व्यक्ति को पसंद है,
वहां पर आपकी बातें पर सहमति जताई जाती है,
अब आपको ठीक प्रकार से वह अपने कंट्रोल में लेने के बाद यहां से शुरू होती है आपको कन्वर्ट करने का तरीका यह आपकी जाति धर्म तथा और कुछ के विषय में भी हो सकता है वह व्यक्ति पहले से ही आपके साथ तर्क तथ्य लेकर बैठा रहता है उसका पूरा प्लान रहता है लेकिन वह इस तरह आप की कमियों को बताता है की जैसे आप में सचमुच कमी है और कुछ सुधार की जरूरत है, वह व्यक्ति आपके सिद्धांतों का था विचारों के प्रति एक ऐसा धीरे-धीरे जहर बो देता है यूं कहिए कि आप को तोड़ देता है कि आप के अंदर एक नई विचार पैदा करने लायक आप हो जाते हैं तथा आपको खुद पर भी घृणा होती है कि आप क्या हैं और अब तक आपकी जिंदगी क्या था इस तरह से आपके साथ कन्वर्ट होने की क्रिया चालू हो जाती है आप समझ ही नहीं पाते लेकिन आपको ऐसा लगता है जैसे आपने अभी भी बहुत कुछ सुधार करने की आवश्यकता है क्योंकि वह व्यक्ति कभी भी ऐसा नहीं कहता है कि उसमें कोई कमियां नहीं है बल्कि कमियां आपके अंदर है अगर किसी प्रकार से वह व्यक्ति इस तरह की बातें आपको अंदर डालने में सक्सेज हो जाता है तो अवश्य ही वह आपको कन्वर्ट कर सकता है तो आपको अपनी मत पर ला सकता है,