प्रति,
तेजस्वी जी🕯
सादर नमस्कार🙏
हर मनुष्य किसी न किसी धर्म में जन्म लिया है। जन्म के पहले वह किसी भी धर्म का नही था बल्कि एक मनुष्य था।जैसे ही संसार से जुड़ा वह हिन्दू हो गया,मुसलमान हो गया,सिख ईसाई----- आदि हो गया। वह इस दलदल में फसकर जीवन जीता है और इसी को जीवन मान बैठता है। वह जागकर ही अपना जीवन बदल सकता है। जागना मतलब केवल सामान्य क्रियाकलाप नही वरन बोध या साक्षीभाव का होना है । पर बोध लाये कैसे ?केवल बातचीत से होता तो संसार 'आचार्यो' से भर जाता।
आप फोन लगाती है मुझे और मै जवाब नही देता।समझ लो मै हूँ ।"हूँ " भर काफी है। अभी शेष प्रवचन को सुन रहा हूँ।अब फोन मत लगा लेना जवाब फिर वही होगा। व्हट्सप में भेज देना संदेश। अभी 10 सुत्र बच्चो के परवरिश के ई बुक खरीदा हूँ उसे भी अध्ययन कर रहा हूँ।
आपके मंगल की कामना करता हूँ ।
आपका
जे के साहू