4 मई 2015
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मैं एक सामान्य व्यक्ति हूँ.यथा शक्ति दूसरों की सहायता करने का प्रयास करता हूँ .मैं जियो और जीने दो में विश्वास करता हूँ.D
विजय जी, संदीप जी - अपने बिलकुल सच कहा ... ये एक बड़ा कदम है ...लेकिन हमे यकीन है की जब आप सब जैसे मित्र साथ हो तो सफलता तो दूर नहीं ....
5 मई 2015
सुरेन्द्र जी, शब्दनगरी से जुड़े सभी मित्रों के हम आभारी हैं, हमें पूर्ण विश्वास है कि हिन्दी उत्थान के इस सफर में हम चल पड़े हैं...लोग भी मिलते रहेंगे और कारवां भी बनता रहेगा...अनेक धन्यवाद !
5 मई 2015
बहुत बढ़िया कदम है भारत माता की जय
4 मई 2015
अकेला चना पहाड़ नहीं फोड़ सकता, हिंदी का उत्थान जरुर होगा लेकिन सभी को मिलकर मेहनत बहुत करनी पड़ेगी
4 मई 2015