मासूमियतका असली मतलबआप किसी भीबच्चे या जानवर कीनजरों से नजरेंमिलाकर पता करसकते हैं। शायदइसी सच्चाई से प्रेरितहोकर हमारे पूर्वजोंने इंसान काशरीर और जानवरोंकी गर्दनों को जोड़करभगवानों की कल्पनाकी थी। इसीके चलते हमेंये भगवान बड़े भातेहैं जैसे - गणेशजी। मगर इनकेवाहन मूषक राज कोभगवान की मोहरलगने के बादभी स
“मुझे पता चला कि जब मैंने अपने विचारों पर विश्वास किया था, तो मुझे पीड़ा हुई, लेकिन जब मैंने उन पर विश्वास नहीं किया, तो मुझे पीड़ा नहीं हुई, और यह कि यह हर इंसान के लिए सच है। स्वतंत्रता उतनी ही सरल है। मुझे अपने भीतर एक खुशी मिली जो कभी गायब नहीं हुई, एक पल के लिए भी नहीं। वह आनंद सभी में है, हमेश
"पूरी तरह से जीवित, पूरी तरह से मानव और पूरी तरह से जागृत होने के लिए लगातार घोंसले से बाहर फेंक दिया जाता है।" ~Pema Chodronजीवन की अपनी डाउन अवधि होती है: आपका बॉस आपसे नाखुश है, आपका व्यवसाय संघर्ष कर रहा है, आप अपने जीवन के प्यार के साथ संघर्ष कर रहे हैं, आपके वित्त तंग हैं, आप अच्छी नींद नहीं ल
II अनुभव : एक निज सेतु IIहमारा निज अनुभव, मनोभाव के स्तर पर, हमें बतलाता है कि भविष्य में स्वयं के अंदर कैसे भाव उभरेंगे ? अंदर के भावों की द्रष्टि से, निज अनुभव हमारे स्वयं के लिए हमारे स्वयं के वर्तमान से निकलते हुये भविष्य की झलक