“व्यक्ति अपने गुणों से ऊपर उठता हैं, उच्ये स्थान पर बैठने से नहीं। दुनिया की सबसे बड़ी ताकत युवाशक्ति और महिला की सुंदरता है। “संतुलित दिमाग के बराबर कोई स्टारफिश नहीं और संतोष के सामान दूसरी कोई ख़ुश
“मूर्खों से तारीफ सुनने से बुद्धिमान से डाट सुनना ज्यादा बेहतर हे। जब तक आपका शरीर स्वस्थ रहेंगा तब तक मृत्यु आपके वश में होंगी। लेकिन फिर भी आप आत्मा को बचाने की कोशिश कीजिये, क्योकि जब मृत्यु पास ह
“हर एक दोस्ती के पीछे अपना खुदका का स्वार्थ छिपा होता है। स्वार्थ के बिना कभी कोई दोस्ती नहीं होती। ये एक कटु सत्य है। आचार्य चाणक्य
“दुसरो की गलतियों से सीखो, अपने ही अनुभव से सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ जाएँगी। इस धरती पर तीन रत्न है, अनाज, पानी और मीठे शब्द – मुर्ख लोग पत्थरो के टुकडो को ही रत्न समझते है। “वह जो अपने समाज को छ
“सभी प्रकार के भय में से बदनामी का भय सबसे बड़ा होता हैं। किसने यह सिद्ध किया की सारी ख़ुशी ही इच्छा है? सब कुछ उस भगवान के हातो में है। इसीलिए हम में से हर एक को जो है उसी में संतुष्ट होना चाहिये।
“आलसी मनुष्य का वर्तमान या भविष्य नहीं होता। उदारता, प्रेमदायक भाषण, हिम्मत और अच्छा चरित्र कभी प्राप्त नहीं किया जा सकता, ये सारे जन्मजात गुण ही होते है। आचार्य चाणक्य
“बुद्धिमान व्यक्ति का कोई भी शत्रु नहीं होता। वह जो भलाई को लोगो के दिलो में सभी के लिए विकसित करता चला जाता है। वह आसानी से अपने लक्ष्य प्राप्ति के एक-एक कदम आगे बढ़ता चला जाता है। आचार्य चाणक्य
“सिंह से सीखो – जो भी करना जोरदार तरीके से करना और दिल लगाकर करना। इस बात को कभी व्यक्त मत होने दीजिये की आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए
“भाग्य उनका साथ देता है, जो हर संकट का सामना करके भी अपना लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं। भगवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति ही आपका इश्वर है और आपकी आत्मा ही आपका मंदिर है। आचार्य चाणक्य
जब कोई सजा थोड़े मुआवजे के साथ दी जाती है, तब वह लोगो को नेकी करने के लिए निष्टावान एवम पैसे और ख़ुशी कमाने के लिए प्रेरित करती है। आचार्य चाणक्य
ब्रसेल्स का एटोमियम दुनिया में ऐसी कई इमारतें ह
आज कल के समय मे साझा संकलन काफी ज्यादा ट्रेंड में है। ऐसे में लोग कई लेखकों से रचनाएँ लेकर उनको एक पुस्तक का रूप देते हैं जिससे हर लेखक को ज्यादा मूल्य भी नही पड़ता और जो साझा संकलन करता है वह भी क
कुछ पाना है कुछखोना भी सीखेएक सांस ही आती तो एक सांस है जातीप्रकृति के नियम तो बहुत कड़े है चलना तो होगा हीपत्ते गिरते है शाखाओं से तभी नवी कोपल फूट है पाती हैजो देता है पाता भी वही कु
बात कल की ही तो थी अनुभव नही था लोग साथ थे आज अनुभव साथ है लोग नही...
कोरोना ने सोचने पर मजबूर किया। सवालों, अनुभवों, स्वअनुभवों से मजबूत किया कि "अच्छा इंसान किसी के काम का नहीं होता लेकिन सच यह भी है कि घटिया सामान घर को और इंसान जिंदगी को नर्क बना देता है। मतलब निकल जाने के बाद दूरी बना लेना भी सोशल डिस्टेंस है" इंसान की ट्रेनिंग चाहें प्रशासनिक हों या विभागीय हों
पता नहीं ये जो कुछ भी हुआ, वो क्यों हुआ ?पता नहीं क्यों मैं ऐसा होने से नहीं रोक पाया ?मैं जानता था कि ये सब गलत है।लेकिन फिर भी मैं कुछ नहीं कर पाया।आखिर मैं इतना कमजोर क्यों पड़ गया ?मुझमें इतनी बेबसी कैसे आ गयी ?क्यों मेरे दिल ने मुझे लाचार बना दिया ?क्यों इतनी भावनाएं हैंइस दिल में ?क्यों मैंने अ
जीवन एक रास्ते जैसा लगता है मैं चलता जाता हूँ राहगीर की तरह मंजिल कहाँ है कुछ पता नहीं रास्ते में भटक भी जाता हूँ कभी-कभीहर मोड़ पर डर लगता है कि आगे क्या होगा रास्ता बहुत पथरीला है और मैं बहुत नाजुक दुर्घटनाओं से खुद को बचाते हुए घिसट रहा हूँ जैसे पर रास्ता है कि ख़त्म होने का नाम नहीं लेता कब तक और
यह कविता मेरी दूसरी पुस्तक " क़यामत की रात " से है . इसमें प्रेम औ रदाम्पत्य जीवन के उतार-चढ़ाव पर जीवनसाथी द्वारा साथ छोड़ देने पर उत्पन्न हुए दुःख का वर्णन है .तुमने ऐसा क्यों किया जीवन की इस फुलवारी में, इस उम्र की चारदीवारी में।आकर वसंत भी चले गये, पतझड़ भी आकर चले गय
थकावट आपके जीवन में हर चीज को प्रभावित कर सकती है। मैं खुद को काम करने में कम सक्षम पाता हूं, जब मैं ईमेल और संदेशों से घिरा रहता हूं, तो स्वस्थ आदतों के साथ कम, जंक फूड खाने की अधिक संभावना और खराब मूड में होने से अभिभूत होता हूं।थके होने का हम पर इतना बड़ा प्रभाव हो सकता है। और बहुत से लोग बहुत लम