लो में मांडु म्हारे मन रा भिचार
पढ़णे सारु हाजर होजो सा
म्हारे सुं कांई भुल-चुक होवै
तो म्हने बेहिचक कईजो सा
एकदिन रामजी री टेम में
म्हारे भिड़ु रे घर मिलणे
गयो बाहर सुं आवाज लगाई
भाई म्हारा आडो खोल
म्हारी आवाज़ सुणताई
आडो खोलीयो
बारे आईने
गुड-माँर्नीग बोलीयो
में कईयो भाई थे रामजी रे
टेम ओ कांई नाम जपियों
जपणो हैं तो रामजी रो नाम जप
में कईयो अंग्रेजी आया पछें तो
भाई युंही मायड़ भाषा रा तो
भिन्टा रेगा गोळ---
अरे म्हारा मायड़ सपूत
अबे तो मायड़ भाषा बोल
ईण गुडमाँर्नीग ने छोड़
जै माताजी री बोल
काका होग्या अकंल
अर काकी होय्गी अंटी
सगळा रिश्तों री
बज गईं अबे घण्टी----
जद थे टाबरा ने अंग्रेजी
स्कूल मे गाळिया
मायड़ भाषा सुं अळगा हालीया
अरे स्कूलों मे मायड़ भाषा री भुलगिया शिक्षा
मायड़ भाषा तो आँक्सीजन
माथे पड़ी अर अंग्रेजी री कर रहीया रक्षा
होशियार रेवजौ मायड़ सपूतों रे
आ भाषा तो अपणा भडेरा भी बोलता आया रे
जै जै मायड़ भौम
जै जै मायड़ भाषा
देवासी म्हारी कौम
सुणौ थे भाई सा
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मंशीराम देवासी सामङ
बोरुन्दा जोधपुर राजस्थान
----राम -राम सा----
---------धन्यवाद ----------