म्हारे मन रा विचार •••---
कभी लेख कभी विचार कभी वार्तालाप
कभी अपनी कलम से तो
कभी कविता के माध्यम से आप लोगों
तक पहुंचाता हूँ ---••----
तो आज चर्चा करते हैं अपने ग्रुप पर
ग्रुप संचालक पर
कहते हैं शरीर का अगर कोई
अंग खराब हो तो मानव की
मानसिकता कमजोर हो जाती हैं --•--
वैसे ही ग्रुप एक शरीर का रुप हैं
इसके सदस्य एक -एक अंग है ---•-
अगर इसका एक अंग भी
खराब हो तो ग्रुप संचालक को
ठेस पहुंचती है वे सभी सदस्यों
की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है
कहते हैं अगर खानपान पर
ध्यान दिया जाये तो शरीर
स्वस्थ रहता है ---••---
वैसे कोई शिकायत नहीं है
लेकिन फिर भी ग्रुप संचालक
साहब से विनती हैं --
अपना कीमती समय थोड़ा
ग्रुप सदस्यों पर भी खर्च करे--•---
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कुछ शब्दों के लिये माफी चाहूँगा -•-
ना कोई बेहरा ना कोई लंगड़ा
और ना कोई अंधा --
बड़े प्रेम से मिलजुल कर
चल रहे हैं ऐसे जैसे लग रहा
कोई घर का धंधा --
एक दूसरे के साथ चल
रहे हैं ग्रुप संचालक साहब
मिलाकर कंधा से कंधा --•--
संवेदनाओं और भावनाओं से
भरपूर है ग्रुप का हर
एक -एक बंधा --••--
सभी विचारों के धनी हैं
अलग -अलग है पहचान
मेरा ग्रुप हैं बड़ा महान --••--
म्हारे विचारों ने मजबूत
बणानें वास्ते आप म्हारो
मार्गदर्शन करे ----
::::--•-जय श्रीकृष्णा-•--::::
---------विचारक --------
--मंशीराम देवासी
----{ सामङ }-----
----बोरुन्दा जोधपुर ---
•-------राजस्थान -------•