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विचारों की उड़ान

1 अप्रैल 2016

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दुनिया सूँ वास्तो पड़ियों तो देखण रो
नुवो नजरियों पनपियों
संकोची मन कागद और पेन
रे सहारे सूँ कुछ लिखण लाग्यौं
में कोशिश करु कुछ बेहतर सीख सकूँ
मैनें सोचा लोग धरती की गहराई
अर असमान की ऊंचाई
का अनुमान लगा सके
तो फिर में अपणे मन के भावों का
अनुमान क्यों नहीं लगा सकूँ
में मेरे मन के विचारों की
विमान क्यों नहीं उड़ा सकूँ•----•----
वैसे मुझे सबसे अधिक विश्वास और
मेरे शब्दों को समर्थन ,,
सभी समाज के बुद्धिजीवियों से मिला हैं ,,उनके बल पर में
बहुत सारी रचना लिखी और
लिखने में सफल रहूँगा -------
बस अब में अतिम दो शब्द कहूंगा

_______________ॐ______________

आप सभी महानुभवीयों का बहुत बहुत आभार,,
मेरे लिखने मे आप सभी सहायता करते रहना,,
जिससे सफल हो मेरा लिखना,,

----------ॐविष्णु देवाय नम: ---------

विचारक-----
भाई मंशीराम देवासी (सामङ)
---बोरुन्दा जोधपुर ----
-----9730788167-------

मंशीराम की अन्य किताबें

मंशीराम

मंशीराम

त्रिपाठी जी एवं संजना जी आप का बहुत बहुत आभार:::

2 अप्रैल 2016

संजना पाण्डेय

संजना पाण्डेय

सरस्वती जी की जिनपे कृपा होती है वो सफल ही रहते है .

2 अप्रैल 2016

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

माँ अम्बे आपकी हर मनोकामना पूर्ण करें !

2 अप्रैल 2016

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मेरी पहचान •--🙏

21 मार्च 2016
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कवण सारु न्यारी बात रो कांई हैं।म्हारे कने ----------कारण अेकई हो के अैड़ो कांई हुई सकै ।म्हारै कनै------जकौ म्हें लिख सकूँ अर वो बीजा रे बांचणजोग हुए सकै ।-----------तो म्हारै हिये मे। हिलौरा लेती एक बात उपजीकी  म्हारी पिछाण बताये दूँ  । म्हारा भिड़ुओ ने।~~~ तो बात सरु करा~~~~~में

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राष्ट्र प्रेमी

21 मार्च 2016
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में आया हूँ •---भेदभाव मिटाने मेरे विषय में कोई भाषा का,जाति का,धर्म का भेदभाव नहीं हैं मन का भेदभाव सोच का,विचारों का एकता काभेदभाव मिटाने आया हूँ •--आओ घोर चिंतन करते हैं •--•----------ॐ---------•हैं मेरे प्रिय भगवान विष्णुहैं अनाथों के नाथहैं जगत् जननीहैं जगत् पालनहारहैं दयालु

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गर्मी से बेहाल

21 मार्च 2016
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•---------गर्मी ----------•मानव भळे धर्मी हो या कर्मीसगळा ने लागे  सूरज री गर्मीअरे  कांई बात करे भला आदमीकंठ तो कांई सूख रही हैं  आ जमीसब जणौ रो एक ही गावणौ कद आवेळा आँधी कद बरसेळा पानीबळती काया री पिड़ा म्हारा सूरज धणी थे क्यूं नी जानीअसमान सूँ झुर-झुर पड़ रही अंगारअब तो दया करो

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एक दिन शाम री टेम

21 मार्च 2016
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----जय श्री कृष्णा -----काम- काज रे साथे कविता लिखणे रोम्हनें अणुतो शोक है --------------एक दिन शाम री टेम बैठो -बैठो मन राविचार मांडतो के अचानक म्हारे कविता प्रेमी रो फोन आयो --- घण्टी बाजी फोन रीकविता रे आगे  विरामचिह्न लगाईन कविता ने रोकी और फोन उठायों क्योंकि मैनें मिनखां सुं

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हैं ------भगवान???

21 मार्च 2016
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हैं भगवानयह क्या हो रहा निर्दोष को सजा मिलेखुले आम घूमें हत्याराहैं भगवानयह क्या हो रहा कुत्तों को गाड़ी में घूमातेगायों को नहीं मिले चाराहैं भगवानयह क्या हो रहा यहाँ जरुरत नहीं हत्यारे को ढुढने कीगली-गली मे हैं गौ हत्यारा हैं भगवानयह क्या हो रहा मिट्टी इतनी मंहगी हो गईपछतावा कर

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अपनी संस्कृति •--राम राम सा ---•

21 मार्च 2016
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लो में मांडु म्हारे मन रा भिचार पढ़णे सारु हाजर होजो साम्हारे सुं कांई भुल-चुक होवैतो म्हने बेहिचक कईजो साएकदिन रामजी री टेम में        म्हारे भिड़ु रे घर मिलणेगयो बाहर सुं आवाज लगाई भाई म्हारा आडो खोलम्हारी आवाज़ सुणताईआडो खोलीयो बारे आईने गुड-माँर्नीग बोलीयोमें कईयो भाई थे रामजी

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प्रार्थना 🙏

21 मार्च 2016
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मेरी प्रार्थना सुनों थे भगवानम्हारो राखज्यौ  थोड़ो ध्यान में तो हूँ बच्चों नादान मैनें देज्यौं थे ज्ञान कोई गलती हो जावै म्हारे सूँ अनजानमैनें माफ कर दिज्यौं थे भगवानऐसा दो हमें वरदानहमारी राहें हो आसानऐसी बुद्धि हमें दो भगवानजिनसे किसी का ना हो नुकसानभेद-भाव मिटाकर रखें एक समानक

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प्यार की बातें

21 मार्च 2016
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कांई थाकों नाव हैं,,किस्यों थाकों गांव हैंजरा बताओ तो सही •--मंशीराम देवासी म्हारो नाव हैंबोरुंदो म्हारो गांव हैं,,जरा आडो खोलो तो सही •--कांई लाया हो कठे आया हो जरा बताओ तो सही •--पत्र प्रेम रो लायो हूँसही ठिकाणे आयो हूँजरा पत्र बांचण दो तो सही •--पत्र मे कांई लिख लाया होमनै जाण

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प्रकृति से प्रेम

21 मार्च 2016
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मेरा प्रकृति से लगाव मुझे लिखने के लिए बाध्य करता है,,की गर्मियों के दिन आ गये हैं,इन दिनों मे पानी को बचाने की आवश्यकता सबसे अधिक रहती है,लेकिन क्या हम सब ऐसा करते हैं,मेरा आप सबसे क्रबंध निवेदन है कि आप सब प्रकृति के तहत अपनी अपनी जिम्मेदारियां निभाए ,और कोई भी व्यर्थ पानी ने ब

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क्या क्या बुरा होता हैं,,

22 मार्च 2016
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---*विचारक ---*ध्यान करो विचार कैसा भी होवे मांडिज्यौड़ा विचार दाय आ जावैइण वास्ते विचार करता रेवौकुछ भिचार आवै मन मैदुख बढ़ा जावै जीवन मैअबोध बालक पैदा हौवे घर मैंसुबोध खुशीया मनावै जग मैंकिती दया है माँ -बाप मैंपाल पोश ने बड़ों करें बेटा नेकुछ भी लकण कोनी उस बेटा मैंजो परेशान कर

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उपर वाले का शुक्र है,,

22 मार्च 2016
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अरे  साहब यह जीवन चक्र है --उपर वाले का शुक्र है ---इसलिए हमें नहीं फिक्र है --बस जीवन के बारे मे हीसोचता हूँ बार-बार इसको ही कोसता हूँजब तक करता हूँ    वर्कबॅाडी का कुछ नहीं पड़ता    फर्कजब तक चलता रहेगा    अंगजीवन को नहीं लगेगा  जंगअगर कभी किसी की बात नहीं       मानींतो जीवन को

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शहीद भगत सिंह जी

22 मार्च 2016
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ये इतिहास बहुत पुराना है,, भुल गये भारतीय अब  याद दिलाना है,,पूज्य भगत सिंह भारत का दिवाना था,,आजाद भारत उनका सपना था,,पूज्य भगत सिंह देश भक्त के बिना अब तो उनका यह भारत भी सूना सूना हैं,,ये इतिहास बहुत पुराना है,, भुल गये भारतीय अब  याद दिलाना है,,उनके सपनों को साकार बनाना है,,भ

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हिन्द फौज के रखवाले

22 मार्च 2016
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में हमेशा ऐसे देश भक्तों को याद व नमन करता रहूँगा,,तुम मुझे खून दोमैं तुम्हें आजादी दूंगा,,इस महान राष्ट्रीय नारे कोफिर से दोहराऊंगा,,हिन्द फौज तो जग गया थाअब हिन्दुस्तान को जगाऊँगा,,23-1-1897 के दिन को मेंभारत भाग्य के रूप मे मनाऊँगा,,मोदीजी ने कहा है मैं नेताजी कीरहस्यमई मृत्यु

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जागौ साथियों

22 मार्च 2016
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अब इन्हें बता दो भारत का पि.एम.मनमोहन नहीं हैं साथियों अटल अवतारी अब मोदजी आ गये साथियोंनहीं सुनेगें यह कृष्ण के बांसुरी की प्रेम धुन साथियोंइन्हें सुनादो बम और गोलियों की शहनाई साथियोंदया मत दिखाओ यह मानव नहीं दानव हैं साथियोंभुल गये हैं यह 1971 के दिन इन्हें फिर से याद दिलादो स

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जरा सोचें

22 मार्च 2016
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--------जरा सोचें---------अगर आप किसी के लिये कुछ नहीं कर सकते हो तो --•--(प्रार्थना)एक ऐसा शब्द है जो आपसबके लिए कर सकते होआपके द्वारा की गई प्रार्थना किसी के जीवन मे मददगार बन सकती हैअगर आप किसी  दर्द के घाव नहीं भर सकते तो सफर मे आनेवाले गहरे गड्ढे पत्थर या मिट्टी सेभरदे गाड़ि

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होली री शुभकामनाएं

23 मार्च 2016
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भाईचारें के रंग मे रंग जाओ ,आपसी दूरी मिटाकर संग आओ,,मिलकर मिठा गुजिया खाओ,,मतभेद को भुलाकर गले लगाओ,,सब मिलकर बनाओ,,बचपन वाली टोली,रंगों से भरो झोली,,और धूमधाम से मनाओ,,आप सभी रंग  रंगीली होली,,रंगों के त्यौहार होली पर आप सभी को और आपके परिवार के छोटों को रंग लगावना और बड़े,बुजुर

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में मंशीराम देवासी

26 मार्च 2016
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में मंशीराम देवासी बोरुन्दा जोधपुर राजस्थान रो रेवासीराजस्थान ईतो पवित्र है माने लागे हरिद्वार मथुरा और कांशीअठे भम्रणं करनेआवै गोरा विदेशीरेगिस्तान रे जहाज माथेबेठ करे भम्रणंगणी मिले बांने खुशी चांदी भरणी रेत अठेचमके सोने जैसीमोठ बाजरा निपजे अठेभले हो जमीन प्यासीदेशनोक री माँ कर

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भारत विजय हुआ 🏆 🏆

28 मार्च 2016
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सब लोग कहते हैं,आस्ट्रेलिया खतरनाक टीम है,,लेकिन उन्हें पता नहीं भारत मे विराट जैसा भीम हैं,,आस्ट्रेलिया ही जीतेगीसबका यही अनुमान था,,लेकिन भारत के साथ संकट मोचन हनुमान था ,,विराट कोहली ने आस्ट्रेलिया की पोल खोलींतब अनुष्का बोलीसुन मेरे प्यारेवेस्टइंडिज से  हारेतो हम सदा के लिये

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ये एक घटना है,,

30 मार्च 2016
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चलो हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी हमने होली जलादी,,भक्त और भगवान का जो अटूट रिश्ता है,उसकी झलक हमारे बच्चों को दिखलादी,,लेकिन क्या हम हमारे बच्चों को इतना भक्ति भाव मे डुबोते हैं,जिन्हें बाद मे बार निकालने पर उनके शरीर से हमेशा भक्ति रस ही टपकता रहे,नहीं कभी भी नहीं,हम तो हमारे बच्

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म्हारे मन रा विचार

1 अप्रैल 2016
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म्हारे मन रा विचार •••---कभी लेख कभी विचार कभी वार्तालाप कभी अपनी कलम से तो   कभी कविता के माध्यम से आप लोगोंतक पहुंचाता हूँ ---••----तो आज चर्चा करते हैं अपने ग्रुप परग्रुप संचालक परकहते हैं शरीर का अगर कोईअंग खराब हो तो मानव कीमानसिकता कमजोर हो जाती हैं --•--वैसे ही ग्रुप एक  श

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फूल 💐

1 अप्रैल 2016
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फूल 💐 💐💐💐💐💐💐फूल खिला है तो मुरझा जायेगालेकिन पेड़ आबाद रहा तोमाली उसकी सिंचाई करेगासिंचाई अगर सफल रही तो एक और सुगंधित फूल खिल जायेगा•-----------------|||मेरे कहने का अर्थ साफ़ हैंये जीवन मिला है तो एक दिन चला जायेगा •--अर्थात •-पेड़ रूपी आत्मा की विवेक रुपी जल से          ऐ

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विचारों की उड़ान

1 अप्रैल 2016
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दुनिया सूँ वास्तो पड़ियों तो देखण रोनुवो नजरियों पनपियोंसंकोची मन कागद और पेनरे सहारे सूँ कुछ लिखण लाग्यौं में कोशिश करु कुछ बेहतर सीख सकूँ मैनें सोचा लोग धरती की गहराईअर असमान की ऊंचाईका अनुमान लगा सके तो फिर में अपणे मन के भावों काअनुमान क्यों नहीं लगा सकूँमें मेरे मन के विचारों

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कोरिया का यह कदम चिंताजनक हैं,,

2 अप्रैल 2016
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आज सुबह जब अखबार का पहेला पन्ना देखा तो ऐसा लगा कि ईश्वर ने मनुष्य को बनाकर बहुत बड़ी भुल की हैं,,मनुष्य से अधिक तो पशु -पक्षी प्रेम की परिभाषा समझते हैं,माफ करना •--ऐसे शब्द बोलने उचित नहीं है लेकिन क्या करें मनुष्य की यह मनमानी लिखने पर मजबूर कर देती हैं,,एक रोटी के लिए दस कुत्

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समय से शक्तिशाली कोई नहीं,

2 अप्रैल 2016
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आप ने आ बात तो ध्यान ही है ---समय -समय री बाता हैंहै  टेम-टेम रा    बाजा  ---एक समय हो राजा बलि रे आगेभगवान खुद हाथ फेलायौअरे समय कोनी पहचाणींयौइण वास्ते भगवान पाताळा पहुचायौमंशीराम देवासी थाने केवेगलत काम मत करज्यौंसमय रे साथे सावधान रईज्यौएक समय हो दानव इंद्रलोक जित लियौदेख अत्

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ना कोई थारी,,

5 अप्रैल 2016
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ना कोई थारी ना कोई म्हारी  या बात है सब जणौ रीसब जणा एक ही बीमारीलाईं लागौड़ी पैसों रीपैसों रे बल पहलवान बाजी हारीबिक गया सत्य रा पुजारीपैसा थारी बात है न्यारीभुल गया बचपन की यारीना कोई थारी ना कोई म्हारी  या बात है सब जणौ रीसब जणा एक ही बीमारीलाईं लागौड़ी पैसों रीआज संकट मे है मात

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जीवन की शुरुआत,,

6 अप्रैल 2016
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कैवे आँधो ने अनजान बराबर होवेएक टेम री बात है में आज सूँ आठेक भर्ष पहलीतकरीबन सन् 2007 मे नव किताब पढ़ ने पहली बार कोई रे संग में  पुना  आयौ --•-म्हारे वास्ते अठारी रंगीन दुनियाबिल्कुल नवी कोरे कागद ज्युँही ---इण कोरे कागद मे कल्पना कोरणीगणी मुश्किल ही म्हारे वास्ते --जैसे-•-अंधे

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जय श्रीकृष्णा

7 अप्रैल 2016
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जय श्रीकृष्णा ----•म्हारी रचनाएं बिल्कुल अनपढ़ हैं , म्हारी इण रचनाओं रो कोई भी किताब, साहित्य ,शिल्प, विधा,कलाविज्ञापन,लेख और शैली सूँ कोई लेनों देनों नहीं हैं ये तो म्हारे मन सूँही जन्मलेवै और म्हारी कलम सूँ ही रुप-आकार   -और म्हारी आ कलम किसी ख़ास जाति,धर्म,राजनैतिक और भाषा सूँ

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बहुत कोशिश करता हूँ

7 अप्रैल 2016
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बहुत कोशिश करता हूँ इण विचारों को रंग रूप आकार कोई नाम, कोई पहचान देणे री पण यूँ कांई ये विचार मुझसे मेरा ही रंग रूप  समय और जीवन  सब छिन  रहा है!किस से शिकायत करेकी मेरा खोया हुआ पलवापस क्यों नहीं मिल रहा हैमेरे मन ने मुझे समझायाएक -एक क्षण तेरा तुझेभगवान के पास ले जा रहा हैऔर म

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प्रभु को पहचानों

7 अप्रैल 2016
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: हैं प्रभु तुम मेरे साक्षीदार रहना,,जिससे आप के द्वारा दिये गये ज्ञान को में अपने माध्यम से इस जगत को देने मे सफल रहूँ •-----हैं जगत धारियों सुनो ईश्वर कहता है में तुझमें हूँ और तुम मुझमें यानी की हम दोनों का मिलन ही मानव रुप हैं,,और ईश्वर हम सब को एक समान बनाता है,,एवं दो जात ब

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नव वर्ष की शुभकामनाएं

8 अप्रैल 2016
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राम राम सा

8 अप्रैल 2016
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आपके विचारों से ही मुझे एक विचार मिला ---बड़ी सशक्त रचना थी पढ़ कर मन मेरा कमल की तरह खिला----आप लोगों का साथ हैं  हूँ मैं प्रभु का शुक्रगुजार---काम काज में इतना व्यस्त हूँ एक पल भी  ना जाए बकार --मेरी बुद्धि की बात है या आप लोगों का प्यारअच्छे विचारों के साथ हम अच्छे करते है व्याप

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भारत माता की जय हो

9 अप्रैल 2016
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पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कोई बड़ी और कड़ी कार्रवाई करे या नहीं करें,लेकिन हिन्दुस्तान को तो सावधान रहना चाहिए मोदीजी भाईचारे की बात क्यों करें •---जब जब भारत ने पाकिस्तान को गले लगाया है,तब तब पाकिस्तान ने भारत का गला दबाया हैं •----हर कोई अपने मन के मर्जी की मिर्ज़ा  नहीं जो

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सबक

9 अप्रैल 2016
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[: बहुत ही सुन्दर रचना प्रस्तुत कर रहा हूँ •------रंग का भेदभाव,,,,,                      सबककाले को छोड़ गोरे से रिश्ता बनाना क्या जरूरी है ----ऐ औरत अभी तो तेरी  पैदाइश अधूरी है ----क्या वो गोरा होगाया वो भी काला होगा -----कोई जब उसे भी  नहीं अपनायेगीतब तेरे दिल पर क्या गुजरेगी

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हैं दयालु प्रिय विष्णु तु ही मेरा विश्वास है,,

11 अप्रैल 2016
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बे धड़क एक बार फिर में आ रहा हूँ •--अपनी खास नवीनतम रचनाओं के साथ •--हैं प्रभु,दयालु,सर्वश्रेष्ठ शक्तिशाली हैं नाथो के नाथ,विष्णु ,निरंकारआप मेरे साक्षीदार रहना आपके द्वारा रची गईं रचनाओं का ज्ञान में मेरी आत्मा के जरिए बाकी सब लोगों तक पहुंचा रहा हूँमुझे इतनी शक्ति देना जो में आग

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कर्म ही पूजा हैं,,

11 अप्रैल 2016
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धंधा मे धंधो पुराणोंके खेती के किराणोंकिराणें का व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय हैंजो आम आदमी आसानी से कर सकता हैएक साधारण आदमी भी अपना गुजारा चलाने के लिये कम से कम लागत मे यह व्यवसाय कर लेता है---• किसी ने सही कहा है•-- काम करेंगे तो नाम हो जाएगानाम करेंगे तो काम ही चला जाएगाइसलिए व्यव

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भगवान महावीर

19 अप्रैल 2016
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:भगवान महावीर जयंती पर आप सबको नमस्कार हमारा •--🙏 :भगवान महावीर के जन्म से पवित्र हुई भारत वसुंधरा•--🙏 : जिससे भारतीयों जीवन पवित्र हुआ तुम्हारा •--🙏🙏: उन्होंने लगाया था,जीयो और जीने दो का नारा•---🙏: अब इसका पालन करने का कर्तव्य बनता हमारा -तुम्हारा •---🙏 :जग मे सब जगह शान्

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पानी बचाओं

25 अप्रैल 2016
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जीवन री जरूरतों को पूरी करने की भागदौड़ मे बहुत कुछ पीछे छूट जाता हैं,,लेकिन कमजोर दिल की वजह से दुनिया के दुख का दर्शय देख पाना मुश्किल होता हैं,,इसलिए एक बार फिर पेश कर रहा हूँ,,•--------🙏🙏🙏 ----------••-----जलसंकट ------•जल जमीन का शृ

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में कोरा कागद माथे कलम चलाऊँ 

28 अप्रैल 2016
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•--------🙏🙏 सा--------•एक विख्यात रचनाकार अर खूब भणिया पढ़ीया ,डिगरीयाँ तो फूल - माला रे ज्यूं गळा मे लटकियौड़ी पड़ी रेवै,,राजस्थान रे साहित्य मे खूब चमकियौड़ौ नाव पुरस्कारा सूँ तो गाडा -घोड़ा लदिया पड़िया हैं,,अर खुद आपरी तो कई पोथीया छापीयौड़ी हैं,, राजस्थान री संस्कृति मे ह

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व्यापारी

30 अप्रैल 2016
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 जय श्री कृष्ण,,::::::::---||||••••|||||~__आर.के .श्री.मानवेंद्र जी मेरा आपको कोटि कोटि प्रणाम,,आप महान विचारक हैं,आपके। विचारों को में रोज पढ़ता हूँ,और अपने जीवन मे उतरता हूँ,लेकिन आपके एक विचार से मुझे तकरार हैं,क्योंकि मेरा भी व्यापार हैं,आज का मेरा यह लेख आप तक पहुँच

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