धंधा मे धंधो पुराणों
के खेती के किराणों
किराणें का व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय हैं
जो आम आदमी आसानी से कर सकता है
एक साधारण आदमी भी अपना गुजारा चलाने के लिये कम से कम लागत मे यह
व्यवसाय कर लेता है---•
किसी ने सही कहा है•--
काम करेंगे तो नाम हो जाएगा
नाम करेंगे तो काम ही चला जाएगा
इसलिए व्यवसाय में जितने भी व्यक्ति चमके हैं उन्होंने किराने की दुकान से अपने जीवन की कमियों को निकाल कर अपने करियर और लक्ष्य को साफ़ सुथरा बनाया है ---लेकिन आज की मौजूदा पिढी कम समय मे भी बहुत कुछ प्राप्त करना चाहती हैं लेकिन अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं क्योंकि एक तो उनमें अनुभव की कमी और दूसरी उनकी जल्दबाजी के कारण वो अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं
में तो कहता हूँ ••
वाक्य मे ओल्ड इज गोल्ड ---
इसलिए व्यवसाय मे पुराने व्यापारीयो
को याद किया जाता है ---•-
आजकल हर धंधा संकट मे है
माना जाता है कि आधुनिक तकनीकों के कारण हर काम करने मे सफलता प्राप्त हुई है लेकिन फिर भी बहुत सारे संकट हैं
कामगारों की कमी
बढ़ती हुई मंहगाई
मंदी का दौर
बड़े-बड़े मार्ट और
कंपनीयो की online सुविधा छोटे छोटे किराने व्यापारियों को दिम्मको की तरह दिन रात चाट रहे हैं उनका सफाया कर रही हैं ------
और जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए अटल हैं तो उन्हें भी शहरों में बढती हुई भाईगिरी टपोरी और यह भगवान के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार वर्गणीयो ने परेशान कर रखा है --
यह भी सोच रहे हैं कि कास हमें भी कोई फेशबुक,वाट्सअप जैसा बिजनेस पोईन्ट मिल जाए जिसमें ना किसी खाने पिने की सामग्री की जरूरत हो ना कोई लेन-देन की आवश्यकता हो जिसमें ग्राहक- ग्राहक को देखकर ग्राहकबन जाता है ----
परन्तु भाईयो जब अपने हाथ ✋ की पाँचों अंगुलियाँ एक समान नहीं है तो हम सब को व्यवसाय भी एक समान नहीं मिल सकता
इसलिए में तो कहूँ ईणारो इज माथो अर ईणारो इज जुतो जितना हो सके उतना समाधान रखकर अपना विश्वास पूर्ण बढ़ाया हुआ कदम लक्ष्य को पाकर ही रोकों अन्यथा चलते रहो---•--- ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि हम सभी व्यपारियों को इतनी शक्ति व सामर्थ्य अवश्य दें कि हम अपने रहा से भटकें नहीं -----
•------विचारक-------•
भाई मंशीराम देवासी
बोरुन्दा जोधपुर
९७३०७८८१६७
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