में आया हूँ •---
भेदभाव मिटाने
मेरे विषय में कोई भाषा का,
जाति का,धर्म का भेदभाव नहीं हैं
मन का भेदभाव
सोच का,विचारों का एकता का
भेदभाव मिटाने आया हूँ •--
आओ घोर चिंतन करते हैं •--
•----------ॐ---------•
हैं मेरे प्रिय भगवान विष्णु
हैं अनाथों के नाथ
हैं जगत् जननी
हैं जगत् पालनहार
हैं दयालु,,कृपालु
मेरा तुझे कोटि -कोटि प्रणाम
आओ सज्जनों हम सभी
घोर चिंतन करते हैं •--
आज सवाल फिर उठा हैं
राष्ट्र की सुरक्षा पर
खंड -खंड बिखर रही भारतीय संस्कृति व मूल्यों की रक्षा कौन करेगा जब हम खुद बिखर रहे हैं आपसी में बन्ट रहे हैं,,अपने घरों में झगड़ रहे हैं तो राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा कौन करेगा •---
राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जीतने शुभचिंतक हिन्दू हैं,,
उतने ही मुसलमान
उतने ही ईसाई
यह भारत राष्ट्र सभी भारतीयों का हैं। चाहे वो किसी भी धर्म,मजहब से हो •-
जरुरत है तो जागृति की
अंधविश्वास को मिटाने की
एक दूसरे मे विश्वास की
एक दूसरे के सहमत की
बहुत से हिन्दुओं और मुस्लिमों ने यह संकेत दिया है कि वतन से बढ़कर कोई धर्म
कोई मजहब नहीं होता हैं •---
में अपील करूँगा इतिहास दोहराने की अगर इतिहास दोहराया गया तो आंकड़े सामने आयेगें •---
ज्यूँ आज हम लड़ रहे हैं वैसे ही हमारे पूर्वज भी लड़ते थे ,,
अपनी ही तलवारों से
अपने ही बंधुओं का रक्त बहाया था
अपने ही हाथों से
अपने ही बंधुओं के घर जलाये थे •-
लेकिन राष्ट्र का चिंतन किसी को नहीं था •---
और नहीं है •--
जिससे भारत के कई टुकड़े हुए हैं
और अब भी माँग उठ रही हैं
धन्य हैं भारत की
वे पग-पग भूमि
जहाँ अनेकों अवतार हुए
जहाँ अनेकों राजाओं के जन्म हुए
जहाँ अनेकों स्वतंत्र सेनानी जन्में
जहाँअनेकों राष्ट्र प्रेमी जन्में
जिन्होंने द्रोहीयो का विरोध किया विद्रोह किया हँसते-हँसते मृत्यु को स्वीकार किया लेकिन राष्ट्र के सम्मान को कभी नहीं झुकने दिया
गोली मार ली,जहर खा गये ,,
फंदे पर लटक गये ,भूखे मर गये
लेकिन भारत को खंडित होने से बचाया•---
जिससे भारत फिर भी अनेकता में एकता का प्रतीक बना रहा •--
राष्ट्र के प्रति सजग रहो सज्जनों
राष्ट्र मे साहस है संघर्ष है शक्ति हैं
आवश्यकता है उसे जगाने की
जरुरत है उसे जागृत करने की ।
•----हर- हर महादेव ----•
में राष्ट्र प्रेमी हूँ
और एक अच्छे विचारक ,लेखक,कवि और प्राचार्य की यही खूबी होती हैं कि वो कभी गलत विचार विमर्श नहीं करेगा
वो कभी ऐसा नहीं लिखेगा जिससे राष्ट्र को कोई खतरा पैदा हो
भेदभाव उत्पन्न होकोई विरोध पैदा हो
कोई झगड़ा शुरू हो
कोई रोग उत्पन्न हो
कभी ऐसा नहीं लिखेगा
जिससे राष्ट्र की जनता बीमार हो
यहीं खूबी होती हैं अच्छे विचारकों की •--||
•------ॐ शान्तिः शान्तिःशान्तिः--•
•------------विचारक
भाई मंशीराम देवासी
बोरुन्दा जोधपुर