हेमंत चाचा ने मोड़ पर एक बार मुझे देख लिया और फिर कहा लगता नहीं कि शादी के लिए मेरा दूर रह पाओगे मैंने जरा अच्छा सहमत चाचा किधर देखा कर पूछा क्यों नहीं रह पाऊंगी हेमंत चाचा ने हंसते हुए मुझे और एक बार अच्छी तरह देख लिया और कहा तुम्हारी तरह खूबसूरत लड़की के लिए शादी किए बिना रहना बहुत मुश्किल है |
मैं खूबसूरत हूं हेमंत चाचा ने दोनों आंखें बड़ी बड़ी करके मेरी तरफ देख कर कहा क्या तुम को शर्म नहीं हो कभी नहीं नहीं तुम सच में बहुत खूबसूरत हो तुम सच में बहुत खूबसूरत हो आप से बहस करने से कोई फायदा नहीं हां इस संबंध में बहस ना करना ही ठीक है लेकिन खूबसूरत होने पर ही शादी करनी पड़ेगी |
ऐसा कोई कारण नहीं कि मैं चाचा ने दुखी मुस्कान के साथ कहा कारण है क्या कारण लड़के तंग करेंगे तो परेशानी हो जाए और जाओगी शर्म के मारे चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और कहा मुझे कोई परेशान नहीं करेगा ठीक है देखा जाएगा |
कि तुम सही हो या मैं हूं देखिएगा हिम्मत चाचा ने अचानक खड़े होकर कहा क्या कहती हो अब शुरू किया जाए या शुरू किया जाए थोड़ा दिन बहलायो पहला ओ दिल बहला ओ मैंने आज सर सहमत चाचा की तरफ देखा है मत जा जाने का दोनों एक साथ घूमने निकले हैं थोड़ी सी व्हिस्की नहीं पियोगे शराब मैं तो चौक पड़ी |
हेमंत चाचा ने दोनों हाथों से मेरे चेहरे को ऊपर उठाकर कहा सारा संसार विस्की पीता है विस्की पीना कोई बुरी बात नहीं है होश हवास खो देना बुरा है लेकिन शराब पीने पर जो लोग हमें होश हवास खो देते हैं और से शराब से व्हिस्की व्हिस्की पीने पर भी तो वही हाल होता है |
कोई भी चीज अधिक खाना या पीना ठीक नहीं कोई भी चीज अधिकार लेने या पर तबीयत खराब हो जाती है ना जी हां इसीलिए अधिक विस्की पीना भी बुरा है इसीलिए एक तो आदमी मतवाला हो जाता है फिर सेहत खराब हो जाती है लेकिन नशा क्या कोई हिसाब से कर सकता है सभी शिक्षित और भद्रलोग कर सकते हैं |
मैंने सर नीचे करके के कहा उस पर विचार करती रही एक 2 मिनट मैंने मन ही मन सोचा की लेकिन चाचा जी का तर्क मुझे प्रभावित न कर सका फिर मजा जाने मेरे सिर पर हाथ रखकर पूछा क्या सोच रही हो कविता कुछ नहीं मेरे व्हिस्की पीने के बारे में सोच रही हूं |
अब मैंने चाचा जी की तरफ देखकर पूछा चाचा जी आप ही व्हिस्की पीते हैं हेमंत चाचा ने सिर्फ हिलाकर कहा रात को खाना खाने से पहले थोड़ी सी लेता हूं रोज लेते हैं हां खाना खाने से पहले क्यों उससे तबीयत ठीक रहती है चाचा जी की बात सुनकर मैं फिर सोचने लगी लेकिन मैंने उससे कुछ नहीं पूछा लेकिन चाचा जी दूसरी छड़ मुझसे पूछा मुझे कभी मतवाला होते देखा है मैं सिर हिलाकर कहा नहीं |