मेरे अपार्टमेंट में एक दो बार आने के बाद एक दिन सुधीर नेमा मां बातों ही बातों में कहा देखे कविता दीदी मैंने अपने हृदय में एक परम सत्य का अनुभव किया है यह परम सत्य क्या है इस संसार में रुपया खर्च करने पर सब का प्यार मिल जाता है और ऐसा ना करने पर मां बाप का प्यार भी नहीं मिलता फिर मैंने कोई विश नहीं किया मुस्कुरा दिया नहीं कविता दी हंसने की बात नहीं है मैंने मां बाप और भाई बहनों मैं यह बात देखी है इसीलिए कह रहा हूं |
नजदीक के और दूर के रिश्तेदारों में तो यह बात है ही मैं कुछ बोली नहीं सिर्फ सुनती रही सुदीप ने जरा उत्तेजित होकर का बाप की काली कमाई का पैसा खर्च करने में तो मां को बड़ा मजा आता था लेकिन जब दुख की घड़ी आई तब मां का आचरण देखकर मुझे आश्चर्य होता था मेरे बड़े भाई और दो दिदिया की बात सुनेगी तो आपको बड़ा आश्चर्य होगा |
या सुनी बड़ा विचित्र लड़का है मां-बाप और भाई बहनों से नाराज होकर इस देश में आया था यही 4 साल बाद उसने कोलंबिया से डायरेक्ट ऐड किया फिर 2 साल कनाडा में नौकरी करने के बाद 1 दिन बाद चालक माया के पास पहुंचा और बोला छोटी दीदी अब यहां अकेला नहीं रह पा रहा हूं |
आप मेरी शादी करा दीजिए माया ने पूछा शादी करा दीजिए मतलब क्या कोई लड़की पसंद की है अगर लड़की पसंद कर लेता तो तुम्हारे पास क्यों आता माया ने उससे वादा किया अगले जून में भारत का उत्तर तेरी शादी करा दूंगी |
सुदीप बहुवा को लेकर पहले पहल मेरे पास टेरा क्यों उस समय माया नहीं थी सुदीप और बबुआ दोनों मुझसे बहुत प्यार करते थे मौका मिलते ही वाशिंगटन से चले जाते हैं मुझको भी जाना पड़ता है पहले ज्यादा अधिक दिन बिता बिना देखे नहीं रह पाती तुम तो जानते हो कि यहां बहुत कुछ मिलता है लेकिन एक छोटे से दुखी सुखी परिवार की शांति यहां सपने की तरह है उनके तीन प्राणियों के छोटे से परिवार में जाने पर मैं मानव सहारा दुख दर्द भूल जाती हूं |
उस दिन मैं जरूर कुछ अस्वाभाविक थी महुआ ने शक किया कि मेरी तबीयत ठीक नहीं लेकिन सुदीप ने मेरे मन की आज स्वाभाविक स्थिति को भांप लिया महुआ को कुछ समझने का मौका ना देकर सुदीप ने मुझसे कहा कविता दी महुआ और पुतुल हफ्ते भर तुम्हारे पास रहेंगे वह मेरे पास रहेंगे तो मुझे दिक्कत नहीं होगी मुझे क्या दिक्कत होगी |
आप ही से लौटने के बाद एक दो दोस्तों के साथ दो राउंड रिंग करते ना करते शाम भी जाएगी सुदीप की बात सुनकर बहुत अतुल खुशी के मारे मुझ से लिपट गए उसके बाद तो तुमने आज दोनों हाथों से मेरा चेहरा पकड़ कर कहा आज आप इस तरह चुपचाप क्यों है बुआ आप मुझसे नाराज हैं मैं तो तुम को अपनी छाती से मैं भेजकर कहा भला मैं कैसे तुमसे नाराज हो सकती हूं नाराज ना होने पर क्यों क्या कोई इस तरह चुपचाप रहता है |
मैंने तो तुम के चेहरे पर अपना चेहरा रखकर कहा नहीं बेटा अब मैं चुपचाप नहीं रहूंगी जानते हो मेरे भाई फिर क्या हुआ उसने उस दिन वक्त मैंने तय कर लिया अब आत्महत्या कर इस संसार से नहीं खाऊंगी किसी और के लिए ना सही लेकिन इस छोटे से बच्चे के प्यार के लिए मुझे जिंदा रहना पड़ेगा अब तो वह सब बातें बहुत दूर हो गई |
अब मेरी जिंदगी की अच्छाई और बुराई के साथ तुम इस तरह जुड़ गए कि तुम्हें दुखी करके मुझे मरने के बाद भी शांति नहीं मिलेगी इसके अलावा तुम भी तो अकेले नहीं हो तुम्हारे जीवन के सुख-दुख के साथ एक लड़की के स्वप्न और साधना जुड़ी हुई है |