मेरी छोटी सी दुनिया अचानक अंधेरे में डूब गई मेरे दादा स्वयं काफी पढ़ लिख नहीं सके इसलिए उन्होंने मेरे पिताजी को एम् ए . बी ए . तक पढ़ाया पिताजी ढाका कोर्ट में वकालत करने लगे लेकिन उसकी वकालत कोई खास नहीं चाहती थी |
इसलिए मेरे दादा दादी के मरने के बाद पिताजी कल पता चलेगा है कल करते आने के बाद मुझे पता चला कि मेरी मां को कैंसर हो गया है नहीं की चिकित्सा की सुविधा के लिए पिताजी ढाका से कलकत्ता चले आए थे कोलकाता आने के बाद मेरी मां लगभग 2 साल ठीक थी खुद ही घर का कामकाज करती मैं स्कूल से लौटती थी |
तो मुझसे जैसे घंटे भर इधर-उधर की बातें करती थी उसके बाद पिताजी कचहरी से लौटते थे और मां के पास आकर मां को देखने भागते थे पिताजी को उस समय देख देख ते देख कर मां कहती थी क्यों इस तरह देख रहे हो अभी कोई ऐसी बात नहीं हुई है और मैं अच्छी हूं पिताजी अपनी सारी घंटा को छुपा कर हंसते हुए कहते क्यों नहीं अच्छी रहोगी जरूर अच्छी होगी मेरे पिताजी बड़े सज्जन और शांतिप्रिय थे वह अपने कामकाज और पढ़ने लिखने में ही डूबे रहते थे |
इसीलिए दादाजी ने मुझको व्यापार में ना घसीट कर स्वतंत्र व्यवसाय में जाने दिया लेकिन जैसे सीधे साधे और चुपचाप रहने वाले आदमी के लिए वकालत जैसे पैसे में जमुना भी आसान नहीं था मैंने कभी पिताजी को दास शतरंज खेलते या किसी के साथ गपशप करते नहीं देखा था जितनी देर वह कचहरी में रहते उसके बाद सारा समय अपने कमरे में बैठकर पढ़ते लिखते हैं जब तक दादा थे मैं पिताजी के पास नहीं जाती थी |
लेकिन कलकाते आने के बाद हमारा सब कुछ बदल गया पिताजी का कामकाज बदल गया लेकिन वह मेरे नजदीक आ गए थे गयासुद्दीन चाचा और दादा को खोने के बाद मुझे अपने आसपास मरुस्थल का सूनापन महसूस होने लगा सोचा था कि बया थोड़े समय में सुख की याद को लेकर मुझे सिर्फ जीवन बिता देना पड़ेगा लेकिन नहीं कलकाते आने के बाद भी मारना थोड़ा अमित शाह कामकाज में डूबने वाले पिताजी ने स्नेह और प्यार से मुझे भर दिया मेरा संसार फिर हरा भरा और सुंदर हो गया हार्दिक प्यार लेने लगा |
कोलकाता आने के 6 महीने बाद की बात है वह दिन पिताजी कचहरी बंद रहने पर भी मेरा सपोर्ट करता है स्कूल से लौटने के बाद देखा कि पिताजी सज्जन से बात कर रहे हैं कि मैंने मां से पूछा मां पिताजी किससे होती है बात कर रहे हैं |
मां ने हंसकर कहा उनके मित्र हैं पिताजी को जिताने बड़े आश्चर्य से कहा हां दोनों एक साथ यूनिवर्सिटी मे पढ़ते हैं उसके पहले क्या हुआ कभी हमारे यहां आए नहीं आज डॉक्टर के यहां अचानक दोनों नेताओं से मुलाकात हो गई क्या जी के पुत्र का क्या नाम है क्या वह भी प्रैक्टिस करते हैं नहीं वह एक अंग्रेज कंपनी में अच्छी नौकरी करते हैं क्या आप पहले से उनको जानती हैं |
मेरी शादी के बाद एक बार शायद स्टेशन पर मुलाकात हुई थी मैं स्कूल में कपड़े बदल कर खाना खाने बैठी थी मैंने कहा तेरे पिताजी से सुना है कि हेमंत बाबू बड़े हॉल में आदमी यूनिवर्सिटी में पढ़ते समय क्लास घर में लड़कों को हंसाते रहते थे |
आज से देख कर लगा कि वह उसी तरह हैं वाह वाह कहां रहते हैं मैंने सोचा शायद एलगिन रोड के पास कहीं फिर मैं अपनी धुन में ही मानो कहती गई शादी नहीं की और मजे में लिखी पिताजी खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में पिताजी ने मुझे भेजा मैं पिताजी के पास गई दर्जी ने कहा कि तुम्हारा नाम हेमंत बाबू मेरा हाथ पकड़ कर उसको प्रणाम करना चाहा तो दोनों हाथों से नमस्ते करने की जरूरत नहीं हैं |