"होली गीत"
होरी खेलन हम जईबे हो मैया गाँव की गलियाँ
सरसों के खेतवा फुलईबे हो मैया गाँव की गलियाँ।।
रंग लगईबें, गुलाल उड़ेईबें, सखियन संग चुनर लहरैबें
भौजी के चोलिया भिगेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ.....होरी खेलन.....
पूवा अरु पकवान बनेईबें, नईहर ढंग हुनर दिखलईबें
बाबुल के महिमा बढ़ेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ.....होरी खेलन.....
झूमर अरु चौताल सुनेईबें, चईता रंगफाग दोहरईबें
डेढ़तल्ली गुनगुनेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ..... होरी खेलन.....
भाई भतीजा के अँगना छहेईबें, नेहियाँ के डोर पहाड़े चढ़ेईबें
ससुरा में सूरज उगेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ..... होरी खेलन.....
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी