विक्रम संवत नववर्ष की बधाई , चैती नवरात्र की मंगलमयी शुभकामना आदरणीय विद्वतगण ..... चित्र अभिव्यक्ति
“कुंडलिया”
तीन पीढ़ियाँ मिल रहीं,, नाती बेटा बाप
कितना सुंदर सृजन है, नैना हरषे आप
नैना हरषे आप, अंगुली पकड़ के चलना
तुतली बोली थाप, ठिठक कर बाबा कहना
कह गौतम कविराय, हृदय में बाजते बीन
देखत मन हरषाय, मिलते जब रिश्ते तीन॥
महातम मिश्र, गौतम