सादर निवेदित एक कुंडलिया छंद........
"कुंडलिया"
तुलसी आँगन में रहें, सदा करे कल्याण
दूध पूत स्वस्थ रहें , रोग करे प्रयाण
रोग करे प्रयाण, सुन्दर चेहरा दमके
रख विवाह की साध, महीना कातिक चमके
कह गौतम कविराय, अलौकिक महिमा तुलसी
विष्णु प्रिया सुहाय, प्रभु संग पूजित तुलसी।।
महातम मिश्र (गौतम)