सादर शुभ दिवस, एक कुण्डलिया छंद आप सभी को सादर निवेदित है.........
गंगा यमुना सरस्वती, संगम है प्रयाग
सूर्याभिषेक मकर में, तर्पण अहोभाग्य
तर्पण अहोभाग्य, गंग ही पूर्वज तारे
दुःख क्लेश नियराय, न कोई रौनक जारे
कह गौतम कविराय, अनूठा पर्व विहंगा
जल जीवन है भाय, स्वच्छ हो पूजित गंगा ।।
महातम मिश्र