shabd-logo

चांद पर तिरंगा

23 अगस्त 2023

11 बार देखा गया 11


"चांद पर तिरंगा"
चंद्रमा पर आज तिरंगा फहरायेगा,हिंदुस्तान
हर हिंदुस्तानी के चेहरे पर छायेगी,मुस्कान
जब चंद्रमा सतह पर उतरेगा,हमारा चंद्रयान
लड्डू बटेंगे,विश्वभर में होगा हिंद का गुणगान
विक्रम लेंडर आज तेरा होगा बड़ा,इम्तिहान
पूरा यकीं,इसरो वैज्ञानिकों का अच्छा है,काम
सब करे प्रार्थना,काम सफल करेंगे,हनुमान
चंद्रमा पर भी गूंजेगा,भारत का नाम श्रीमान
सब मिलकर बोलो जय हिंद,जय हिन्दुस्तान
हमे गर्व है,हमारा भारत देश है,बड़ा महान
हमारे वैज्ञानिकों कम व्यय में उतारेंगे,चंद्रयान
पूरे विश्व मे हो रहा,मेरी भारत मां का गुणगान

चंद्रयान-3 की सफलता पर हार्दिक शुभकामनाएं 
 जय हिंद, 
बहुत-बहुत बधाइयां
9
रचनाएँ
अपराजिता
5.0
सामाजिक कहानी
1

अपराजिता

1 जून 2023
3
2
1

अपराजिता - जीवन की मुस्कराहटबड़े शहर से शादी करके आई अपराजिता जब से अपने ससुराल एक छोटे से गांव में आई तब से देख रही थी ससुराल में उसकी बुजुर्ग दादी सास का निरादर होता हुआ। ससुराल में उसके पति वि

2

चांद पर तिरंगा

23 अगस्त 2023
2
1
0

"चांद पर तिरंगा"चंद्रमा पर आज तिरंगा फहरायेगा,हिंदुस्तानहर हिंदुस्तानी के चेहरे पर छायेगी,मुस्कानजब चंद्रमा सतह पर उतरेगा,हमारा चंद्रयानलड्डू बटेंगे,विश्वभर में होगा हिंद का गुणगानविक्रम लेंडर आज तेरा

3

शालिनी

3 फरवरी 2024
1
1
0

शालिनी ( प्यारी सी बालिका ) बात हाल ही के कुछ वर्ष पहले की है । जब हमारे विद्यालय में शालिनी का प्रवेश कक्षा एक में हुआ था । एक बहुत सुंदर - सी, बहुत प्यारी - सी और विद्यालय का गृह कार्य समय पर क

4

निरमा

3 फरवरी 2024
1
1
0

"अम्मा! बच्चा तो बच गया है, पर उसकी माँ को नहीं बचा सके! काफी प्रयास किया टीम ने", आप्रेशन थियेटर से बाहर निकल दादी को ढ़ाढ़स बँधाते हुए बताया नर्स ने। "ओ इज्या मेरि, मेरि आब् कमरै टुटि गे" कहते हुए द

5

चांद

30 जुलाई 2024
1
1
0

एक चांद आसमान में, दूसरा जमीं पर खिला,दोनों की रौशनी से, जग सारा हीरा बन गया।आसमानी चांद की चमक, जमीं के चांद का प्यार,इन दोनों के मिलन से, सजी रात की बहार।सितारे भी शर्मा गए, इस रोशनी के आगे,एक चांद

6

6

29 अगस्त 2024
1
1
0

तुम्हें देखते ही ये दिल बेकरार होने लगता हैतेरी चाहत पर मुझे इक़रार होने लगता है

7

6

29 अगस्त 2024
1
2
1

तुम्हें देखते ही ये दिल बेकरार होने लगता हैतेरी चाहत पर मुझे इक़रार होने लगता है

8

8

3 सितम्बर 2024
0
0
0

अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दे मुझे, इश्क़ के हिस्से में भी इतवार होना चाहिए।

9

9

8 सितम्बर 2024
0
0
0

नज़र समय पे रखना दोस्त, सुइयां घूमना शुरू हो चुकी है!

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए