सामान्यतया, कंप्यूटर को तीन पीढ़ियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रत्येक पीढ़ी एक निश्चित अवधि के लिए चली
, और प्रत्येक ने हमें एक नया और बेहतर कंप्यूटर या मौजूदा कंप्यूटर में सुधार दिया।
इसमें कोई संदेह नहीं की कंप्यूटर मानव जीवन का सबसे बड़ा अविष्कार है जो मनुष्य के काम को काफी आसान बना चूका. अब कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा जिसमे कंप्यूटर का प्रवेश नहीं हुआ है.
कंप्यूटर शब्द की उत्पति अंग्रेजी भाषा के कंप्यूट शब्द से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ है गणना करना. अतः कम्प्यूटर का विकास गणितिय गणनाओं को करने के लिए किया गया था.
Computer का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है जब चीन में एक calculation Machine Abacus का अविष्कार हुआ था यह एक Mechanical Device है जो आज भी चीन, जापान सहित एशिया के अनेक देशो में अंको की गणना के लिए काम आती थी.
1822 में चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले Digital Computer बनाया पास्कलिन से प्रेरणा लेकर डिफ्रेन्सियल और एनालिटीकल एनिंजन का अविष्कार किया, उन्होंने 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की परिकल्पना की जिसमे कृत्रिम स्मृति तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता हो.
कंप्यूटर शुरू में बड़ी मशीनें होती थीं जो पूरे कमरे भर सकती थीं। वे कुछ बड़े वैक्यूम ट्यूबों का उपयोग करके संचालित होते थे जो आज के ट्रांजिस्टर का आधार बनते हैं। ऐसी मशीनों को संचालित करने के लिए, पंच कार्ड का उपयोग किया जाता था। 1833 में चार्ल्स बैबेज ने एक प्रारंभिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया ।
समय के साथ कंप्यूटर अधिक से अधिक शक्तिशाली होते गए, सर्वव्यापी माइक्रोप्रोसेसर की शुरुआत के साथ विकास को आगे बढ़ाया। इंटेल के सह-संस्थापकों में से एक, गॉर्डन मूर ने मूरेस कानून का आविष्कार किया, जिसने भविष्यवाणी की थी कि एक एकीकृत सर्किट पर ट्रांजिस्टर की संख्या को सस्ते में हर 2 साल में दोगुना किया जा सकता है। यह कानून कुछ हद तक सही है, और इसे हर दिन गति में अधिक से अधिक शक्तिशाली माइक्रोप्रोसेसर और बड़े हार्ड ड्राइव और मेमोरी मॉड्यूल के साथ देखा जा सकता है।
COMPUTER क्या है ?
कंप्यूटर एक ऐसा उपकरण है जिसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के माध्यम से स्वचालित रूप से अंकगणित या तार्किक संचालन के अनुक्रम को पूरा करने का निर्देश दिया जा सकता है। आधुनिक कंप्यूटरों में संचालन के सामान्यीकृत सेटों का पालन करने की क्षमता होती है, जिन्हें प्रोग्राम कहा जाता है। ये प्रोग्राम कंप्यूटरों को अत्यधिक विस्तृत कार्य करने में सक्षम बनाते हैं।
कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न प्रकार के औद्योगिक और उपभोक्ता उपकरणों के लिए नियंत्रण प्रणाली के रूप में किया जाता है। इसमें माइक्रोवेव ओवन और रिमोट कंट्रोल, कारखाने के उपकरण जैसे औद्योगिक रोबोट और कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन जैसे साधारण विशेष प्रयोजन के उपकरणऔर सामान्य प्रयोजन के उपकरण जैसे पर्सनल कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस जैसे स्मार्टफोन शामिल हैं ।
कंप्यूटर का जन्म मनोरंजन या ईमेल के लिए नहीं, बल्कि एक गंभीर संख्या-संकट संकट को हल करने के लिए हुआ था। 1880 तक, अमेरिका की जनसंख्या इतनी बड़ी हो गई थी कि अमेरिकी जनगणना के परिणामों को सारणीबद्ध करने में सात साल से अधिक समय लग गया। सरकार ने पंच-कार्ड आधारित कंप्यूटरों को बढ़ावा दिया लेकिन इसका साइज़ काफी बड़ा था जिसे जैसे जैसे विकाश हुआ उसे छोटा किया गया.
आज, हम अपने स्मार्टफ़ोन पर अधिक कंप्यूटिंग शक्ति रखते हैं, जो इन शुरुआती मॉडल में उपलब्ध था।
शोर्ट में इसको वर्गीकृत करें तो ये कुछ इस प्रकार होगा …….
पहली पीढ़ी: 1937 – 1946: 1937 में पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर डॉ जॉन वी एटानासॉफ और क्लिफोर्ड कोरी द्वारा बनाया गया था। इसे अटानासॉफ-बेरी कंप्यूटर (एबीसी) कहा जाता था। 1943 में सेना के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर जिसका नाम Colossus था उसे बनाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि इस कंप्यूटर का वजन 30 टन था, और इसमें 18,000 वैक्यूम ट्यूब थे जो प्रसंस्करण के लिए उपयोग किए गए थे।
दूसरी पीढ़ी: 1947 – 1962 – कंप्यूटर की इस पीढ़ी ने वैक्यूम ट्यूबों के बजाय ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जो अधिक विश्वसनीय थे। 1951 में वाणिज्यिक उपयोग के लिए पहला कंप्यूटर जनता के लिए पेश किया गया था; यूनिवर्सल ऑटोमैटिक कंप्यूटर (UNIVAC 1)। 1953 में इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (आईबीएम) 650 और 700 श्रृंखला के कंप्यूटरों ने कंप्यूटर की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। इस पीढ़ी के दौरान 100 से अधिक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास हुआ, कंप्यूटर में मेमोरी और ऑपरेटिंग सिस्टम थे। टेप और डिस्क जैसे भंडारण मीडिया उपयोग में थे, आउटपुट के लिए प्रिंटर भी थे।
तीसरी पीढ़ी: 1963 – वर्तमान – एकीकृत सर्किट के आविष्कार ने हमें तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर लाए। इस आविष्कार के साथ कंप्यूटर छोटे, अधिक शक्तिशाली और अधिक विश्वसनीय हो गए और वे एक ही समय में कई अलग-अलग कार्यक्रम चलाने में सक्षम हैं। In 1980 Microsoft डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (MS-Dos) का जन्म हुआ और 1981 में IBM ने घर और ऑफिस के उपयोग के लिए पर्सनल कंप्यूटर (PC) पेश किया। तीन साल बाद Apple ने हमें अपने आइकॉन चालित इंटरफ़ेस के साथ Macintosh कंप्यूटर दिया और 90 के दशक ने हमें विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम मिला जिसका आजकर उपयोग होता है.
कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैं ?
उपयोग के आधार पर तीन प्रकार….
Analog computer
Digital computer
Hybrid computer
आकर के आधार पर निम्न प्रकार में बांटा जा सकता है…..
Smartphone
Microcomputer
Workstation
Personal computer
Laptop
Minicomputer
Mainframe computer
Supercomputer
Tablet computer
इनपुट डिवाइस कौन कौन हैं ?
आउटपुट डिवाइस कौन कौन से हैं ?
लेकिन क्या आप कंप्यूटर के इतिहास के बारे में जानते हैं ?
अगर नहीं,
तो मैं इस पोस्ट में आप सभी को कंप्यूटर के इतिहास के बारे में काफी विस्तार से बताऊंगा ( Lets Learn History Of Computer In Hindi )
Learn History Of Computer In Hindi
मैं इस पोस्ट में आप सभी को कंप्यूटर के इतिहास के बारे में पॉइंट वाई पॉइंट बताऊंगा ताकि आप इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर पायें.
कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं ?
कंप्यूटर का हिंदी नाम ‘संगणक’ है क्योंकि यह बड़ी से बड़ी गणना करने में सक्षम है.
कंप्यूटर शब्द की उत्पति अर्ग्रेज़ी भाषा के ‘कंप्यूट’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना. अर्थात इसका सीधा सा अर्थ है कि कम्पूटर का विकास गणितीय गणनाओं को हल करने के लिए किया गया है.
कंप्यूटर के पिता कौन कहे जाते हैं ?
चुकीं कंप्यूटर का पहली बार निर्माण करने बाले व्यक्ति हैं – चार्ल्स बेबेज. अतः इन्हें कंप्यूटर का जनक या पिता कहा जाता है. चार्ल्स बेबेज एक गणित के प्रोफेसर थे जिन्होंने पहली बार कंप्यूटर का निर्माण किया.
कंप्यूटर का इतिहास ( History Of Computer In Hindi)
19वीं सदी में गणित के एक प्रोफेसर ‘चार्ल्स बेबेज’ ने कंप्यूटर शब्द से सब को परिचित करवाया.
उन्होंने Analytical Engine की रचना की है जिसके आधार पर आज के कंप्यूटर भी काम कर रहे हैं.
सामान्यता, कंप्यूटर को तीन पीढ़ियों में वर्गीकृत किया गया जा सकता है. हर पीढ़ी एक निश्चित समय तक चली और पीढ़ियों के साथ साथ हमारे कंप्यूटर का विकास होता गया और हमें और भी बेहतरीन कंप्यूटर मिलने शुरू हो गए.
मैं आप सभी को उन प्रत्येक पीढ़ी के बारे में विस्तार से बता रहा हूँ ~
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी ( First Generation Of Compuer In Hindi )
Based On : Vaccum Tubes
Year : 1940-1956
इस पीढ़ी की कंप्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रित तथा प्रसारित करने के लिए Vaccum Tube का उपयोग किया जाता था. चुकीं इन्ही के द्वारा सबसे पहले कंप्यूटर का सपना साकार हुआ था इस लिए काफी ज्यादा कंप्यूटर का निर्माण किया गया.
इस पीढ़ी में उपयोग किये जाने वाले Vaccum Tube का आकार काफी बड़ा होता था जिसके कारन ये काफी जगह घेरते थे. साथ ये उपयोग करते वक्त काफी गर्मी उत्पन्न करते थे. इनमे टूट फुट तथा खराबी होने की संभावना काफी ज्यादा रहती थी और इसके अलावा इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी.
इस पीढ़ी में निर्मित कंप्यूटर Electronic Numerical Integrator And Computer (ENIAC), EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Computer), UNIVAC (Universal Automatic Computer) इत्यादि हैं.
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी ( Second Generation Of Compuer In Hindi )
Year : 1956-1963
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ट्रांसिस्टर का आविष्कार हुआ और इसका उपयोग अब कंप्यूटर में किया जाने लगा. ये ट्रांसिस्टर Vaccum Tube की अपेक्षा अधिक सक्षम थे तथा इनका आकार भी उनकी अपेक्षा काफी छोटा था. इसकी क्षमता अधिक थी और अब कंप्यूटर तेजी से काम करता था. अब पहली पीढ़ी की तुलना में कंप्यूटर छोटा बनने लगा तथा या तेजी से काम भी करने लगा.
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी ( Third Generation Of Computer In Hindi )
Based On : Integrated Circuit
Year : 1963-1971
इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग की जाने लगा जो ट्रांजिस्टर से भी काफी छोटा था. इस पीढ़ी के कंप्यूटर की क्षमता काफी बढ़ चुकी थी और अब एक ही साथ एक से अनेक कंप्यूटर का प्रयोग किया जा सकता था. चुकी इसमें सिलिकॉन चिप से बनी छोटे सी इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग किया जाता था अतः इसका आकार अब काफी छोटा हो गया था. अब इस पीढ़ी के कंप्यूटर का प्रयोग घर में भी बाद स्तर पर होने लगा.
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इस पीढ़ी के कंप्यूटर की गति माइक्रो सेकंड से नैनो सेकंड तक थी जिसका मुख्य कारन इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग था.
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी ( Fourth Generation Of Computer In Hindi )
Based On : Microprocessor
Year : 1971- आज तक
आज हम सभी ज्यादातर इसी पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग करते हैं जिसमे गोद में चलाने बाला लैपटॉप भी शामिल है. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग करने से इसका आकार काफी छोटा हो चूका है जिसे हम अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं.
इस प्रकार के कंप्यूटर में VSLI की मदद से हजारों ट्रांसिस्टर को एक साथ जोड़ा सकता है और इसकी गति को काफी तेज बनाया जा सकता है.
इस पीढ़ी के ही कंप्यूटर का उपयोग अब हम सभी पर्सनल कंप्यूटर के रूप में भी करने लगे.
कंप्यूटर के क्षेत्र में सबसे बड़ी क्रांति इस पीढ़ी को माना जाता है.
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी ( Fifth Generation Of Computer In Hindi )
Based On : Artificial Intelligence
Year : भविष्य
कंप्यूटर की जो अगली पीढ़ी है जिसपर अभी काम चल रहा है और कुछ हद तक सफलता भी मिल चुकी है वो है Artificial Intelligence पर आधारित कंप्यूटर. इस प्रकार के कंप्यूटर सभी काम खुद से करने में सक्षम होंगे.
इस तरह के कंप्यूटर को हम रोबोट, और अलग प्रकार के मशीनों में देख सकते हैं जो मानव से भी अधिक काम करने में सक्षम होगा.
शोर्ट में इन सभी को समझें तो कुछ इस प्रकार होगा…..
Generation | First Gen.I | Second Gen.II | Third Gen.III | Fourth Gen.IV |
Technology | Vacuum Tubes | Transistors | Integrated Circuits (multiple transistors) | Microchips (millions of transistors) |
Size | Filled Whole Buildings | Filled half a room | Smaller | Tiny – Palm Pilot is as powerful as old building sized computer |
कुछ बेहतरीन कंप्यूटर जिसे आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं ”’
नेट से लेकर इंटरनेट तक
1973 में ज़ेरॉक्स PARC में, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बॉब मेटकाफ (1946-) ने कंप्यूटर को “ईथर के माध्यम से” (खाली स्थान) से जोड़ने का एक नया तरीका विकसित किया जिसे उन्होंने ईथरनेट कहा। कुछ साल बाद, मेटकाफ ने जेरोक्स को अपनी कंपनी बनाने के लिए 3Com छोड़ दिया, ताकि कंपनियों को “मेटकाफ्स लॉ” का एहसास हो सके: कंप्यूटर उतना ही उपयोगी हो जाता है जितना कि वे अन्य लोगों के कंप्यूटर से अधिक जुड़े होते हैं। इस लिए जैसे-जैसे 1980 के दशक में प्रगति हुई, अधिक से अधिक कंपनियों ने स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क (LANs) की शक्ति का पता लगाया.
आज, सबसे प्रसिद्ध WAN इंटरनेट कंप्यूटर है जो व्यक्तिगत कंप्यूटर और LAN का वैश्विक नेटवर्क है जो लाखों लोगों को जोड़ता है। 1980 के दशक के मध्य में, यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) ने NSFNET नाम से अपना WAN लॉन्च किया। इन सभी नेटवर्कों के अभिसरण ने हमें 1980 के दशक के बाद में इंटरनेट कहा। कुछ ही समय बाद, नेटवर्किंग की शक्ति ने ब्रिटिश कंप्यूटर प्रोग्रामर टिम बर्नर्स-ली को दे दिया(1955-), इस प्रकार, वर्ल्ड वाइड वेब का जन्म हुआ.
तो दोस्तों, ये थी कंप्यूटर के इतिहास ( History Of Computer In Hindi ) के बारे में विस्तृत पोस्ट 🙂
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